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Sunday 30 June 2019

One liner notes on 'frigate bird'

Hello friends in this article you are going to know about frigate bird.

1. Their brownish black plumage gives them a pirate-like appearance and most of theri is food is gathered by chasing other birds, forcing them give their catch.
2. They are sometimes known as Man O' War, because of aerial piracy.
3. They forage lagoons and seas occasionally hunting down fish, especially flying fish.
4. The magnificent frigate is a seabird of Atlantic.
5. It is very large bird with a length 89-114 cm and a wingspan of   2.17m-2.44m.

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One liner notes on 'Andean cock-of-the-rock'

Hello friends in this article you are going to know about Andean cock-of-the-rock.

1. The males of Andean cock-of-the-rock, also known as tunki are always noted for their orange crown.
2. Their beauty is a bane for them as it exposes to birds of prey and eve snakes making them vulnerable.
3. Andean cock-of-the-rock is indigenous to the subtropical forests of South America, often spotted near upland streams, it feeds on fruits, insects and small vertebrates.
4. Females take the responsibility of building which is plastered by to cave entrances or rocky outcrops by mud.

Fact- The Australian pelican has the longest bill in all birds in the world, which measures 47 cm. The sword billed hum 
ming bird is the only bird with bill longer than its body.

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Saturday 29 June 2019

One liner notes on 'deadliest bite in the cat family'

Hello friends in this article you are going to know about cat family. 

1. Jaguars have strongest bite force in cat family.
2. They can crush shells of a turtle and crunch bones of other animals with ease.
3. Between lion and jaguar jaguar's bite is twice strong than of lion's.
4. There is only one animal who can defeat jaguar in this aspect, hyena.
5. Other cats do not have such packed muscles like jaguar's.

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Thursday 27 June 2019

नेचुरल चीजों से बने ड्रिंक्स

गर्मी में  से बचने के लिए कोल्ड ड्रिंक या सोडा पीने के बजाय नेचुरल चीजों से बने ड्रिंक्स पीने की सलाह डॉक्टर्स भी देते हैं। इसमें डाले जाने वाले अलग-अलग मसालों से न सिर्फ टेस्ट बढ़ता है, बल्कि हेल्थ के लिए भी यह फायदेमंद है। हम बता रहे हैं ऐसे ही 11 देसी ड्रिंक्स के बारे में।
*आम का पना*
कच्चे आम का पना गर्मी में लू से बचने का बेस्ट ऑप्शन है। इसमें विटामिन सी की मात्रा ज्यादा होती है जिससे आपको तुरंत एनर्जी मिलती है।
*कैसे बनाएं*
कच्चे आम (कैरी) को छिलकर उबाल लें। इसमें काला नमक, पुदीना, शक्कर डालकर ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें। इसे गिलास में निकालें और बर्फ के टुकड़े डालकर सर्व करें।
*शिकंजी*
गर्मी में शिकंजी पीने से आपको तुरंत एनर्जी मिलती है। शिकंजी इस मौसम में होने वाली डलनेस को दूर करेगी। इसे बनाकर कुछ दिन तक फ्रिज में रखा जा सकता है।
*कैसे बनाएं*
एक जग में पानी लें। उसमें नींबू का रस, जीरा पाउडर, काला नमक और शक्कर मिला लें। अब शिकंजी को छलनी से छालकर गिलास में डालें और बर्फ के टुकड़े मिलाकर सर्व करें।
*मैंगो मिंट लस्सी*
आम और पुदीने से बनी लस्सी गर्मी में आपको फ्रेश रखेगी। इस एनर्जेटिक ड्रिंक को बनाकर तुरंत सर्व करें।
*कैसे बनाएं*
आम, शक्कर, पुदीना, इलायची पाउडर, नींबू का रस और दही को मिलाकर ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें। आम के स्मूद हो जाने पर इसे गिलास में निकालें और बर्फ डालकर सर्व करें।
*पुदीने का शर्बत*
पुदीने का शर्बत गर्मी में डिहाइड्रेशन और लू से बचाता है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक रखता है।
*कैसे बनाएं*
ब्लेंडर में पुदीना, शक्कर या गुड़, शहद, काला नमक, कालीमिर्च और जीरा पाउडर मिलाकर पीस लें। इस पेस्ट की कम मात्रा को पानी के साथ मिलाकर गिलास में डालें और बर्फ मिलाकर सर्व करें।
*छाछ*
इसे पीने से पेट की जलन और एसिडिटी दूर होती है। छाछ पीने से वेट लॉस होता है और डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक रहता है।
*कैसे बनाएं*
दही में नमक, काला नमक, जीरा पाउडर और हींग मिलाकर ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें। इसमें बर्फ मिलाकर गिलास में डालें और सर्व करें।
*गुलाब का शर्बत*
इस शर्बत को पीने से पेट की जलन दूर होती है। यह बॉडी को कूल रखता है।
*कैसे बनाएं*
एक पैन में पानी और शक्कर मिलाकर चाश्नी बना लें। इसमें गुलाब जल, इलायची पाउडर और ताजी गुलाब की पत्तियों का पेस्ट डालें। इसे छानकर फ्रिज में रख दें। सर्व करते समय इस शर्बत को पानी के साथ मिलाकर बर्फ डालें और सर्व करें।
*जलजीरा*
इसे पीने से एसिडिटी और डिहाइड्रेशन दूर होता है। जलजीरा गर्मी से राहत पाने का बेहतर ऑप्शन है।
*कैसे बनाएं*
पानी में जीरा पाउडर, काला नमक, अमचूर पाउडर, नींबू का रस, थोड़ी सी शक्कर और पुदीने की पत्तियों का पेस्ट मिला लें। इसे बर्फ के टुकड़े मिलाकर सर्व करें।
*ऐलोवेरा जूस*
यह जूस गर्मी से होने वाली स्किन टैनिंग को दूर करने में मददगार है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को इंप्रूव करता है। इसे पीने से तुरंत एनर्जी मिलती है और गर्मी में भी स्किन का ग्लो बरकरार रहता है।
*कैसे बनाएं*
एलोवेरा के कांटेदार किनारे हटा दें। इसकी पत्तियों के बीच जमा गूदा निकालें। इसे मिक्सी में डालकर लेमन या ऑरेंज जूस और नमक मिलाकर पीस लें और बर्फ के टुकड़े डालकर सर्व करें।
*बेल का शर्बत*
गर्मी में इसे अमृत के समान माना गया है। यह डायरिया को दूर करने में मददगार है। डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक रखता है और लू से बचाता है।
*कैसे बनाएं*
बेल के फल का गूदा निकालकर अच्छी तरह मैश कर दें। इसमें शक्कर, काला नमक, जीरा पाउडर और चाट मसाला मिलाकर ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें। इसे बर्फ मिलाकर सर्व करें।
*इमली का अमलाना*
गर्मी से बचने के लिए इमली से बने इस राजस्थानी ड्रिंक को पीजिए। लू से राहत पाने का यह इफेक्टिव तरीका है।
*कैसे बनाएं*
इमली और पानी मिलाकर दो घंटे के लिए रख दें। मिश्रण को छानकर इसमें शक्कर, कालीमिर्च पाउडर, इलायची पाउडर, काला नमक, सादा नमक, बर्फ और पानी डालकर अच्छी तरह मिला लें। इसे गिलास में डालें और सर्व करें।

Notes on 'are leopards and Jaguars are same'

Hello friends in this article you are going to know about leopard and jaguars.

1. Both cats are spotted, but if we look carefully we can understand that rings of spots of jaguar known as rosettes have another spot inside.
2. But leopards do not have those.
3. Jaguar's tail is shorter and leopard's tail is bigger.
4. Jaguars are found in Southern US and Central and South America, Leopards are found in Africa and asia.

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One liner notes on 'who will win in fight of lion and tiger'

Hello friends in this article you are going to learn about lion and tiger.

1. In terms of size, brain size, bite force and intelligence tiger wins the fight.
2. The teeth of a tiger are long and strong, and its bite force is stronger than lion.
3. Tigers are heavier than lions and and can win with power.
4. But lions are social animal and needs help of other members to hunt, whereas tigers hunt alone.
5. So, the tiger is more equipped to take on lion.
6. Better fighting skills may be give lion a victory in a long fight.

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Friday 21 June 2019

One liner notes on 'do lions live in community'

Hello friends in this article I am going to give you some information on lions.

1. Lions live in a pride(community of lions), and depend on each other on substances.
2. There is 15 or more lions in a pride, but a pride can be as small as 3 or can be big as 40 members.
3. They hunt for food, bring up their litter and defend their territory as a community.
4. Female in the pride do most of the hunt.
5. They raise their cubs too.

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One liner notes on 'which is bigger tiger or lion'

Hello friends in this article you are going to know which is bigger lion or tiger.

1. Tiger lives in mainland of Asia, it reaches a body length of 3.38 metres. 
2. The biggest cats in the feline family.
3. They weigh up to 420 kg in their natural habitat.
4. Siberian tiger a subspecies, can reach 320 kg in weight and 3.3 metres in length.
5. Lions come only second in size.
6. But they have a exceptional ability to use their mane to look bigger than they are.
7. A normal adult male lion weighs up to 250 kg and a female upto 182 kg.
8. Lions have a body length of 1.4 metres to 1.9 metres, and their tails measure up to 1 metre. 
9. African lions tend to be bigger than their Asiatic cousins.

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उपवासाचा दहिवडा

साहित्य:
• उकडून घेतलेले बटाटे मध्यम आकाराचे चार
• दीड वाटी उपवासाची भाजणी
• राजगिरा व शिंगाडा पीठ प्रत्येकी एक चहाचा चमचा
• दाणेकूट एक कप
• दही मोठ्या तीन वाट्या
• हिरव्या मिरच्या २/३
• जिरे एक चिमूट
• आले वाटण एक चहाचा चमचा
• तिखट
• मीठ
• चिरलेली थोडी कोथिंबीर
• तूप तळणीसाठी
कृती:
• एका परातीत उकडून साले काढलेले बटाटे, दाणे कूट, सर्व पीठे, तिखट, मीठ घ्या.
• सर्व पदार्थ एकजीव मळून घ्या. या मिश्रणाचे लाडूच्या आकाराचे लहानसर गोळे करा.
• कढईत तूप गरम करा. हे गोळे लालसर रंगावर तळून घ्या. नंतर एका रुंद तोंडाच्या भांड्यात किंवा पसरट बाऊलमध्ये दही घ्या.
• त्यात मिरची, आले वाटण, मीठ घाला. दही तसेच पाणी न टाकता रवीने घुसळून घ्या.
• यात तळलेले गोळे टाका. वरून चिरलेली कोथिंबीर पेरा आवडत असेल तर काही वेळ फ्रिजमध्ये ठेवा. नंतर खा.

राजगिरा लाडू

"राजगिरा" लाडू धरतीवरील "अमृत" ।।
समुद्रमंथनातून "अमृत" निर्माण झाल्यानंतर त्यातील काही थेंब जमिनीवर पडले , ते काही वनस्पतींनी शोषून घेतले असा पुराणात दाखला आहे, त्यापैकीच एक "राजगिरा" असावा।।
राजगिरा किंवा अमरन्थ म्हणजे ग्रीकमध्ये ‘अमर’. शरीराच्या अनेक अवयवांना ताकद देणारा।
राजगिऱ्या ला हिंदीत "रामदाणा" म्हणतात।
रामाचे स्मरण उपवासाच्या दिवशी व्हावे हा त्यामागचा उद्देश असावा। राम म्हणजेच अमरत्व असाही अर्थ असू शकतो।
उपवास आणि राजगिरा यांचं नातं अतूट ।
उपवासादिवशी पोटात कमी अन्न जाते त्यामुळे बऱ्याच वेळा थकवा येतो , त्याचा antidote म्हणजे राजगिरा।राजगिऱ्यात गव्हापेक्षा कैक पटीने जास्त लौह , कॅल्शियम, व्हिटॅमिन C, असते। त्याजोडीला fibre जास्त असल्यामुळे मलबद्धता होत नाही। किती सूक्ष्म आरोग्यविचार।
राजगिरा हा भाजून लाही स्वरूपात किंवा लाडू रूपात जास्त कार्यकारी।
भाजल्या मुळे त्यातील पाणी जाऊन हलकेपणा येतो तसेच तो पचायला सोपा होतो।
         लाडूमध्ये गूळ असल्याने तो अजून जास्तच आरोग्यहीतकरी ठरतो. राजगिरा व गुळातील जास्तीचे लौह,कॅल्शियम थकवा येऊच देत नाही।
यामुळे राजगिरालाडू हा "वैद्यमित्र" म्हणून ओळखला जातो।
          राजगिरा म्हणजे कॅल्शियम आणि लोहाचा मोठा स्रोत आहे. शिवाय मॅग्नेशियम, फॉस्फरस, पोटॅशियम अशी शरीराला आवश्यक असलेली खनिजं राजगिऱ्यात पुरेशा प्रमाणात आहेत. इतर धान्यात नसलेलं ‘क’ जीवनसत्त्वही राजगिऱ्यात आहे. यात चोथा, कर्बोदके आणि रिबोफ्लोविनही आहे. शिवाय पचनाला हलका असल्याने केवळ उपवासालाच नव्हे तर सर्वानी विशेषत: वयस्कर लोकांनी/बालकांनी राजगिरा रोजच्या आहारात अवश्य घ्यावा. राजगिऱ्याच्या लाह्य़ा तर पचायला आणखी हलक्या.
          राजगिऱ्या च्या नियमित सेवनाने मधुमेह व बीपी आपण लांब ठेवू शकतो. याचे कारण राजगिरा हा 0%फॅट असणारा पदार्थ आहे. शरीरात जमा होणारी अनावश्यक चरबी व पाणी राजगिरा शोषून घेतो.मधुमेहात फक्त राजगिरालाह्या खाव्यात.
          पित्तज शिरशूलात(migrain) राजगिरा लाडू अतिरिक्त पित्ताचे शोषण करतो जोडीला गुळ मधुर रसाचा असल्याने पित्त शमन करतो.अशा रुग्णांनी राजगिरा नित्य वापरात ठेवावा। तसेच साठवूनही ठेवावा।
         खलित्य म्हणजेच केस गळत असल्यास राजगिरा अमृतासम , याचे कारण राजगिऱ्यात असणारे प्रचुर minerals। जास्तीचे लौह,कॅल्शियम।
         बऱ्याच समस्यांचे मूळ असणारा राग। राजगिरा- रागावर मात करणारा राजा।
         राग जास्त असणाऱ्यांनी राजगिरा लाडू सतत खाल्यास त्यांचा रागही कमी होतो कारण पित्त व राग हे जुळे भाऊच असतात।
         बऱ्याच वेळा आजच्या मातांना सकाळी प्रश्न पडतो डब्यात काय द्यावे, अशा मातांसाठी राजगिरा लाडू वरदानच।
        उपवासाच्या दिवशी पोटात अन्न कमी गेल्यामुळे मलबद्धता होण्याची जास्त शक्यता असते। अशावेळी राजगिऱ्या तील extra fibre मलप्रवृत्ती साफ होण्यास मदत करते।
        भूक जास्त लागत असल्यास राजगिरा लाडू उपयोगी पडतो। कारण त्यातील अतिरिक चांगले घटक व पोषण मूल्य।
असा हा बहुगुणी राजगिरा लाडू। आपण खावे घरी आलेल्या अतिथींना द्यावे।
धन्यवाद।
शुभम् भवतू।।

उपवासाचा ढोकळा

साहित्य:
एक कप वर्याचे तांदूळ पिठ.
दोन चमचे शाबूदाणा पिठ
एक कप पातळ ताक
दोन लहान चमचे साखर
अर्धा चमचा मिरची पेस्ट
अर्धा चमचा आले पेस्ट
दोन लहान चमचे इनो
एक चमचा लिंबाचा रस
एक चमचा तेल रिफ़ाइंड
चवीपुरते मिठ
फोडणीसाठी:
दोन चमचा तेल, जिरे, दोन हिरव्या मिरच्या बारीक चिरून,
एक चमचा लिंबाचा रस
एक लहान चमचा साखर
दोन चमचे पाणी
कृती:
वर्याचे तांदूळ पिठ , शाबूदाणा पिठ साखर, चमचा मिरची पेस्ट, चमचा आले पेस्ट, लिंबाचा रस, चमचा तेल, चवीपुरते मिठ हे सर्व साहित्य एकत्र करावे. त्यात एक ते सव्वा कप ताक घालावे. वरील मिश्रण तयार झाले कि मिश्रणाचे दोन वेगवेगळे भाग करावे व वेगवेगळ्या भांड्यत ठेवावे.
एक भाग मिश्रणात एक टिस्पून इनो घालून पटापट एकाच दिशेने अंदाजे पंधरा सेकंद ढवळावे. मिश्रण थोडे फसफसायला लागते. लगेच कूकर गैसवर ठेउन कूकरच्याच एक छोट्या भांड्याला तेलाचा हात लाउन त्यात तयार पीठ ओतावे. मध्यम आचेवर पंधरा ते विस मिनीटे वाफ काढावी. शिट्टी लाउ नये.
जोवर ढोकळा तयार होतोय तोवर फोडणी तयार करू घ्यावी. लहानश्या लोखंडी पळीत दोन चमचे तेल गरम करावे. त्यात जिरे, बारीक चिरलेल्या हिरव्या मिरच्या घालून फोडणी तयार करावी. फोडणी किंचीत कोमट होवू द्यावी. एका वाटीत दोन चमचे पाणी, एक चमचा लिंबाचा रस, एक लहान चमचा साखर यांचे मिश्रण तयार करावे. हे मिश्रण फोडणीत घालावे.
पंधरा ते विस मिनीटांनी गॅस बंद करावा. थोड़े थांबुन एक दोन मिनीटांनी भांडे बाहेर काढावे. ढोकळा जरा गार झाला कि चाकुने
कापून घ्यावा. त्यावर तयार केलेली फोडणी चमच्याने पसरावी. ढोकळयाच्या मिश्रणाचा उरलेला भागही वरील प्रमाणेच वाफवून घ्यावा.

साबुदाणा वडा (इन अप्पेपात्र)

साहित्य-
भिजवलेला साबुदाणा- २ वाटी
उकडलेले बटाटे- २ छोटे
दाण्याचे कुट - २ टे. चमचे,
लिंबु- अर्धा,
लाल तिखट- २ चमचे,
मीठ- चवीनुसार,
साखर- १ चमचा,
तेल.
क्रुती-
भिजवलेला साबुदाण्यात बटाटे किसुन मिक्स करावे.
वरील सर्व साहित्य-दाण्याचे कुट+लिंबु+लाल तिखट+मीठ+साखर साबुदाणा व बटाट्यात घालुन चांगले मिक्स करावे.
आता या मिश्रणाचे छोटे छोटे गोळे बनवुन घ्यावे.
अप्पे पात्रात थोडे तेल टाकुन त्यात साबुदाण्याचे छोटे वडे टाकावे.
दोन्ही बाजुंनी चांगले फ्राय करावे.

उपासाचा उपमा

साहित्य-
२ वाट्या वरीचे तांदूळ, ४ वाट्या आधणाचे पाणी, ३-४ हिरव्या मिरच्या, १ मध्यम बटाटा,पाउण ते १ वाटी दाण्याचे कूट, २ चमचे तूप,जिरे,मीठ,साखर,ओले खोबरे, कोथिंबिर
कृती-
वरीचे तांदूळ कोरडेच तांबूस भाजून घ्या. आचेवरुन खाली काढा.त्यात आधणाचे पाणी घालून साधारण अर्धा ते पाउण तास झाकून ठेवा.आता हे आचेवर ठेवायचे नाहीत.तांदूळ अधून मधून ढवळा. वरी पाणी शोषून घेतील आणि मोकळे होऊ लागतील.
एका कढईत तूप जिर्‍याची फोडणी करा, त्यात हिरव्या मिरच्या आणि बटाटे चिरुन घाला.बटाटा शिजत आला की त्यात मघाचचे वरीचे तांदूळ घाला ,दाण्याचे कूट, ओले खोबरे आणि कोथिंबिर घाला.चवीनुसार मीठ आणि साखर घाला. चांगले ढवळा. झाकण ठेवून वाफा येऊ द्यात.
खायला देताना ओले खोबरे व कोथिंबिरीने सजवा. हवे असल्यास लिंबाची फोड द्या.

Thursday 13 June 2019

कौतुकाची थाप

ती घर आवरत होती...
तो सारखं पहात होता...
नजरेत त्याच्या कौतुकाचा
दिवा जळत होता!
तिलाही नवल वाटलं
त्याची अशी नजर पाहून
लाजली ती हलकेच
अन् गेली भारावून !
"असं काय बघताय ?
हवंय का काही ?"
"...बघू दे ना असंच
नकोय दुसरं काही!"
"तुमचं उगाच काही तरी"
म्हटलं..पण सुखावली मनात...
त्यानं दुखावली कित्येकदा
पण विसरली सारं क्षणात!
"आज स्वारी अशी फार्मात
असं काय झालं ?
काय घेऊन बसलात
माझं कौतुक मेलं !"
"राबराब राबलो
अन् फाइल पूर्ण केलं
एका चुकीचं निमित्त अन्
बॉसनं नको तेवढं झापलं"
पुरुष असलो तरी
डोळे आज पाणावले
"हिचंही असंच होत असेल"
ह्रुदय आतून हेलावले !
सारंच आवरुन कशी तू
हसून स्वागत करतेस ?
कौतुकाची थाप नाहीच
पण राग मात्र झेलतेस
आज मला शब्द दे,
असं सोसणं तू बंद कर
चुकलो मी कुठं तर
दाखवून देणं सुरू कर
तुझ्या गप्प राहण्यानं
सारे गृहित तुला धरतात
बाहेरचा राग वैताग
फक्त तुझ्यावर काढतात"
पापण्यांच्या कडा पुसत
ती हळूच बोलली,
"बाकी सगळं जाऊ दे,
गंगेला मिळू दे
अशीच कौतुक थाप
फक्त अधूनमधून मिळू दे!"
(  एक अप्रतिम रचना... कवी कोण हे माहित नाही!)

नवरा असा असावा.

नवरा असा असावा.
मॅचिंग मॅचिंग ड्रेस घालणारा.
डोळ्यांवर एकसारखे गॉगल लावणारा.
सजण्या सवरण्यात मदत करणारा.
साडीला पिनअप करणारा.
मिऱ्या सावरून देणारा.
नवरा असा असावा.
ये बायको अशी हाक मारणारा.
गळ्यात हात घालून मित्रासारखा वागवणारा.
चार चौघात एकटं न सोडणारा.
गर्दीत ही माझ्यावर नजर ठेवणारा.
मोठ्या समोर अडखळल्यावर इशाऱ्यानेच डोन्ट वरी म्हणणारा.
नवरा असा असावा.
माझा मला वेळ देणारा.
जितका कामसू तितकाच प्रेमसुद्धा करणारा.
मला माझी स्पेस देणारा.
त्याची बायको म्हणून नाही तर एक स्त्री म्हणून मान देणारा.
एक मुलगा म्हणून पती म्हणून आणि एक बाप म्हणून सगळ्या जबाबदाऱ्या प्रेमाने निभावून नेणारा.

Wednesday 12 June 2019

सरणारे वर्ष मी - मंगेश पाडगांवकर


मी उद्या असणार नाही
असेल कोणी दूसरे
मित्रहो सदैव राहो
चेहरे तुमचे हासरे
झाले असेल चांगले
किंवा काही वाईटही
मी माझे काम केले
नेहमीच असतो राईट मी
माना अथवा नका मानु
तुमची माझी नाळ आहे
भले होओ , बुरे होओ
मी फक्त " काळ " आहे
उपकारही नका मानु
आणि दोषही देऊ नका
निरोप माझा घेताना
गेट पर्यन्त ही येऊ नका
उगवत्याला " नमस्कार "
हीच रीत येथली
विसरु नका ' एक वर्ष '
साथ होती आपली
धुंद असेल जग उद्या
नव वर्षाच्या स्वागताला
तुम्ही मला खुशाल विसरा
दोष माझा प्राक्तनाला
शिव्या ,शाप,लोभ,माया
यातले नको काही
मी माझे काम केले
बाकी दूसरे काही नाही
निघताना " पुन्हा भेटु "
असे मी म्हणनार नाही
" वचन " हे कसे देऊ
जे मी पाळणार नाही
मी कोण ? सांगतो
" शुभ आशीष " देऊ द्या
" सरणारे वर्ष " मी
आता मला जाउ द्या।

बाज़ के बच्चे मुँडेर पर नही उड़ते।

बाज पक्षी जिसे हम ईगल या शाहीन भी कहते है। जिस उम्र में बाकी परिंदों के बच्चे चिचियाना सीखते है उस उम्र में एक मादा बाज अपने चूजे को पंजे में दबोच कर सबसे ऊंचा उड़ जाती है।  पक्षियों की दुनिया में ऐसी Tough and tight training किसी भी ओर की नही होती।
मादा बाज अपने चूजे को लेकर लगभग 12 Kmt.  ऊपर ले जाती है।  जितने ऊपर अमूमन जहाज उड़ा करते हैं और वह दूरी तय करने में मादा बाज 7 से 9 मिनट का समय लेती है।

यहां से शुरू होती है उस नन्हें चूजे की कठिन परीक्षा। उसे अब यहां बताया जाएगा कि तू किस लिए पैदा हुआ है? तेरी दुनिया क्या है? तेरी ऊंचाई क्या है? तेरा धर्म बहुत ऊंचा है और फिर मादा बाज उसे अपने पंजों से छोड़ देती है।

धरती की ओर ऊपर से नीचे आते वक्त लगभग 2 Kmt. उस चूजे को आभास ही नहीं होता कि उसके साथ क्या हो रहा है। 7 Kmt. के अंतराल के आने के बाद उस चूजे के पंख जो कंजाइन से जकड़े होते है, वह खुलने लगते है।

लगभग 9 Kmt. आने के बाद उनके पंख पूरे खुल जाते है। यह जीवन का पहला दौर होता है जब बाज का बच्चा पंख फड़फड़ाता है।

अब धरती से वह लगभग 3000 मीटर दूर है लेकिन अभी वह उड़ना नहीं सीख पाया है। अब धरती के बिल्कुल करीब आता है जहां से वह देख सकता है उसके स्वामित्व को। अब उसकी दूरी धरती से महज 700/800 मीटर होती है लेकिन उसका पंख अभी इतना मजबूत नहीं हुआ है की वो उड़ सके।

धरती से लगभग 400/500 मीटर दूरी पर उसे अब लगता है कि उसके जीवन की शायद अंतिम यात्रा है। फिर अचानक से एक पंजा उसे आकर अपनी गिरफ्त मे लेता है और अपने पंखों के दरमियान समा लेता है।
यह पंजा उसकी मां का होता है जो ठीक उसके उपर चिपक कर उड़ रही होती है। और उसकी यह ट्रेनिंग निरंतर चलती रहती है जब तक कि वह उड़ना नहीं सीख जाता।

यह ट्रेनिंग एक कमांडो की तरह होती है।. तब जाकर दुनिया को एक बाज़ मिलता है अपने से दस गुना अधिक वजनी प्राणी का भी शिकार करता है।

हिंदी में एक कहावत है... "बाज़ के बच्चे मुँडेर पर नही उड़ते।"
बेशक अपने बच्चों को अपने से चिपका कर रखिए पर  उसे दुनियां की मुश्किलों से रूबरू कराइए, उन्हें लड़ना सिखाइए। बिना आवश्यकता के भी संघर्ष करना सिखाइए।

वर्तमान समय की अनन्त सुख सुविधाओं की आदत व अभिवावकों के बेहिसाब लाड़ प्यार ने  मिलकर,  आपके बच्चों को "ब्रायलर मुर्गे" जैसा बना दिया है जिसके पास मजबूत टंगड़ी तो है पर चल नही सकता। वजनदार पंख तो है पर उड़ नही सकता क्योंकि..

"गमले के पौधे और जंगल के पौधे में बहुत फ़र्क होता है।"

डिप्रेशन

“बोला, काय त्रास होतोय?..”

“डॉक्टर, खूप डिप्रेशन आलं आहे, कसलाच उत्साह राहत नाही, काहीच करायची इच्छा होत नाही…”

“काही विशेष कारण? एखादी वाईट घटना??”

“नाही डॉक्टर, अगदी सुरळीत आहे सगळं…घरकामाला बाई आहे, मुलगा 8वीत शिकतोय, नवरा प्रेमळ आहे…तरीही का असं होत असेल??”

“ठीक आहे तुम्ही बाहेर जा, मी तुमच्या मिस्टरांशी बोलतो जरा…

डॉक्टर ने सांगितलं तसं शिल्पा बाहेर गेली….
डॉक्टर अजय ला विचारू लागले…

“तुम्हा दोघांत काही वाद?? काही भांडणं??”

“अहो सांगतो काय डॉक्टर, आमच्यात कसलाही वाद नाही की काय नाही, पण ही सतत चिंतेत दिसते, कसलाही उत्साह नाही तिला…तिची ही अवस्था बघून मलाच खूप काळजी वाटली म्हणून तिला तुमच्याकडे घेऊन आलो…”

“बरं मला शिल्पा चा दिनक्रम सांगा….”

“सकाळी उठते, चहा बनवते, मग स्वयंपाकिन येऊन नाष्टा, जेवण बनवते, कामवाली घरातला झाडू पोचा भांडी कपडे आवरून घेते…त्यावेळात शिल्पा मोबाईल वर काहीतरी बघत टाईमपास करते… मग tv बघते…तिला म्हटलं नोकरी कर, मन रमेल तर तेही नाही म्हणते…”

“इतका राणीसारखा थाट असून शिल्पा ला कसलं डिप्रेशन??” डॉक्टर विचार करू लागले…

“ठीक आहे मी काही गोळ्या देतो, त्या घ्यायला लावा आणि 8 दिवसांनी परत या…”

शिल्पा आणि अजय निघून गेले. शिल्पा चा मोबाईल टेबल वरच राहिला होता…डॉक्टरांनी कंपाउंडर ला फोन केला पण तोवर ते दोघे निघून गेले होते….

डॉक्टर विचात करत बसले, ही केस जरा वेगळी दिसते, कारण कारणाशिवाय कोणी डिप्रेस होत नाही.

अजय ने शिल्पा चा सांगीतलेला दिनक्रम डॉक्टरांनी आठवला..

डॉक्टरांना लक्षात आले की यासगळ्याचं मूळ हा मोबाईल आहे…असं काय होतं असं त्या मोबाईल मध्ये? कोणाचा फोन येत असेल का? कोणी त्रास देत असेल का??
कारण शिल्पा जास्तीत जास्त वेळ मोबाईल मध्ये असायची, घरात करण्यासारखी काही कामं नव्हतीच…

डॉक्टरांनी शिल्पाचा मोबाईल चेक करायचा ठरवला…
तसं पाहिलं तर दुसऱ्याचा मोबाईल बघणं हे चुकीचं होतं पण शिल्पा च्या उपचारासाठी ते करावंच लागणार होतं…सुदैवाने मोबाईल ला कसलंही लॉक वगैरे नव्हतं…

डॉक्टरांनी व्हाट्सएप चालू केलं… सर्च बॉक्स मध्ये त्यांनी काही शब्द टाकले…

“त्रास”, “वाईट”, “दुःख”, “एकटेपणा”….
या संदर्भातील कुठलाही मेसेज आढळला नाही…

डॉक्टरांनी काही वेळ विचार केला..मग त्यांनी टाइप केलं..

“मज्जा”, “भारी”, “लकी”….
अश्या शब्दांचे भरमसाठ मेसेज सापडले…त्या मेसेज मध्ये रेखा, माधुरी, प्रेरणा आणि नम्रता अशा चार मुलींशी जास्त चॅटिंग झालेली….

नंतर डॉक्टरांनी फेसबुक ओपन केलं…त्यात ऍक्टिव्हिटी लॉग चेक केला…त्यातही या चार मुलींची प्रोफाइल आणि फोटोज बघितलेले….

काय संबंध होता या चौघींचा आणि शिल्पा च्या डिप्रेशन चा??

खूप विचाराअंती डॉक्टरांना काय समजायचं ते समजलं…इतक्यात दार वाजले, डॉक्टरांनी मोबाईल चे current apps पटापट बंद केले…शिल्पा आणि अजय आत आले, मोबाईल राहिला म्हणून घ्यायला आले, मोबाईल घेऊन परत गेले..

डॉक्टरांना त्या चौघींची नावं आणि फोटो चांगले लक्षात राहिले होते…
त्यांनी त्यांचा फोन फिरवला…

“शिंदे, जरा वेगळं काम आहे….” असं म्हणत डॉक्टरांनी शिंदे ला (कंपाउंडर ला) एका वेगळ्या मिशन वर धाडलं…

8 दिवसांनी शिल्पा आणि अजय परत आले…

“गोळ्यांनी काही फरक??”

“झोप जास्त येते,बाकी काही नाही…”

डॉक्टर उठले, त्यांचा खुर्चीमागे जाऊन हात खुर्चीच्या डोक्यावर टेकवत बोलू लागले…

“शिल्पा..तुझ्या मैत्रिणी रेखा,माधुरी, प्रेरणा आणि नम्रता…या जगातल्या सर्वात सुखी मुली आहेत असा तुझा गैरसमज असेल तर तो काढून टाक…”

खाली मान घालून बसलेली शिल्पा चक्रावली, एकदम मान वर करत म्हणाली…

“तुम्हाला कसं माहीत त्या माझ्या मैत्रिणी आहेत ते????”

अजय आणि शिल्पा अवाक होऊन बोलत होते…

“तुझा मोबाईल इथे राहिला होता, तुझी केस पाहता मला तो मोबाईल चेक करणं आवश्यक होतं…

तू कायम या चार मैत्रिणींसोबत स्वतःची तुलना करत आली आहेस…कॉलेज मध्ये तुमचा ग्रुप होता…तू चौघीत सर्वात हुशार…सर्वात सुंदर…लग्न झाली तशा चौघींच्या वाटा वेगळ्या झाल्या…

रेखा…नवऱ्यासोबत अमेरिकेत आहे…तिथले तोकड्या कापड्यातले फोटो ती सतत फेसबुक, व्हाट्सअप वर टाकत असते…तू सतत ते बघत स्वतःशी तुलना करतेस की मला का नाही असं जाता आलं परदेशात?? आतल्या आत कुढत त्यांना नको असतांना कंमेंट करतेस…”मज्जा आहे तुझी” , “भारी फोटो आहे” , “लकी आहेस” वगैरे….

माधुरी, एका कंपनीत मॅनेजर…आपल्या कंपणीतले सर्व इव्हेंट्स ती सोशल मीडिया वर टाकते, तू सतत ते बघत विचार करतेस की मला का नाही मिळवता आली ती पोझिशन?? मी सर्वात हुशार आहे पण लहान शहरात असल्याने मागे पडलीये का मी??

तसंच प्रेरणा आणि नम्रता चं…त्यांचे सततचे पिकनिक चे फोटो पाहून तुला वाटतं की आपल्या आयुष्यात का नाही असे क्षण??

तू त्यांचा नजरेतून स्वतःला बघतेस, त्यांना माझ्याबद्दल काय वाटत असेल? मी अशी घरी बसलेली, लाचार, कुढत जगणारी…अयशस्वी…दुबळी…मग अजय सोबत मन मोकळं करायलाही तू घाबरायचीस…कारण तो तुझ्यावर खूप प्रेम करत होता आणि त्यालाही तुला तुझ्या अपेक्षा लादून दुखवायचं नव्हतं… मग आतल्या आत कुढत तू डिप्रेशन स्वतःवर लादून घेतलंस….

शिल्पा च्या चेहऱ्यावर अपराधीपणाचे भाव उमटले, डॉक्टर शब्द न शब्द खरं बोलत होते…

“आणि ऐक, शिंदे कडून मी त्यांची वरवर माहिती काढली…ज्या रेखाच्या परदेशातील वास्तव्यावरून तुला हेवा वाटायचा…तिला एक असाध्य आजार आहे…रोज ती आजाराशी झगडत आहे…माधुरी… मॅनेजर असूनही तिच्या नवऱ्यावर तिला कंट्रोल ठेवता आलं नाही, तिचा नवरा बाहेर कुठल्यातरी मुलीत अडकला आहे….प्रेरणा अपत्यासाठी वणवण डॉक्टर वाऱ्या करते आहे आणि नम्रता कौटुंबिक हिंसाचाराला बळी पडली आहे…या चौघी आपलं वरवरचं आयुष्य सोशल मीडिया वर टाकताय…त्या खालचं जळजळीत वास्तव कोण कशाला जगासमोर दाखवेल???

तू स्वतःच्या नजरेतून स्वतःकडे बघ…

जगात तुझ्याहून सुखी कोण आहे?? कौटुंबिक हिंसाचार तर लांबच…इतका प्रेमळ आणि प्रामाणिक नवरा तुला मिळालाय…निरोगी शरीर मिळालं आहे आणि तुझी ओंजळही तुला अपत्य मिळून भरलेली आहे…अजून काय हवं असतं सुखी आयुष्यासाठी?? तुलना करणं सोड…दुसऱ्याकडे आहे ते माझ्याकडे नाही म्हणून तू रडतेस, पण तुझ्याकडे जे आहे ते त्यांच्याकडेहीे नाही …हा विचार तू कधी केलाय???

एका क्षणात शिल्पा चे डोळे उघडले…एका नवीन उत्साहाचे, आनंदाचे आणि जोशाचे भरते तिला आले….

“डॉक्टर खरंच, मी चुकले….तुमच्यामुळे मी स्वताला माझ्या नजरेतून पाहू शकले…खरंच माझ्याहून सुखी कोण आहे या जगात?? माझी ओंजळ सुखाने पुरेपूर भरलेली असताना काल्पनिक मृगजळामागे मी धावत होते….स्वतःची तुलना इतरांशी करत होते….पण आता नाही…मनावरचं मळभ आता दूर झालंय…. आता शिल्पाचा एक नवीन जन्म झालाय…आनंदी, उत्साही आणि जोशपूर्ण अशी एक स्त्री म्हणून….”

डॉक्टर हसले…”कुठल्याही गोळ्यांची गरज नाही तुम्हांला… आयुष्य भरभरून जगा…आनंदाचे कण पेरत चला…बघा आयुष्य कसं प्रेमाच्या अंकुरानी फुलून येईल ते….”

दोघांनी डॉक्टरांना मनापासून धन्यवाद घेत निरोप घेतला…जाता जाता अजय म्हणाला…”तुम्ही “डॉक्टर सदावर्ते” पाटी काढून ” डिटेक्टिव्ह डॉक्टर सदावर्ते” अशी लावली तरी चालेल….”

त्याचा या वाक्यावर डॉक्टर आणि अजय खळखळून हसायला लागले….

नव्या म्हणी


1) अभ्यासात कमी, काँपीची हमी !
2) घरात माणसे चार, काम वाल्या फार !
3) मोबाईल करी, विश्व झाले घरी !
4) दिवसभर चारचाक, पहाटे उठून माँर्निगवाक!
5) सत्संगात गेला, पोटभर जेवून आला !
6) टिकली भिंतीला, मंगळसूत्र खुंटीला !
7) जीवन झाले फाईन, सर्वत्र आँनलाईन !
8) फँशनचे झटके, कपडे घाली फाटके !
9) खाली मुंडी नेट धुंडी !
10) जुने दिवस गेले, आता डे आले !
11) कशी आली वेळ, सर्वत्र पैशाचा खेळ !
12) खायची नाही गती, पण मोबाईल हाती !

Scared

(1) The stomach is scared when you do not have breakfast in the morning.
(2) The kidneys are afraid when you do not even drink 10 glasses of water in 24 hours.
(3) The gallbladder is scared when you do not even sleep until 11 o'clock and do not wake up to the sunrise.
(4) The small intestine is scared when you eat cold and stale food.
(5) Large intestines are scared when you eat more fried and spicy food.
(6) The lungs are scared when you breathe in smoke, dirt and polluted environment of cigarettes and bidi.
(7) The liver is scared when you eat heavy fried food, junk, and fast food.
(8) The heart is afraid when you eat your meal with more salt and cholesterol.
(9) The pancreas is scared when you eat more sweet because of the taste and freely available.
(10) Eyes are scared when you work in the light of mobile and computer screen in the dark.
And
(11) The brain is scared when you start thinking negative thoughts.
Take care of the parts of your body and do not scare them.
All these parts are not available in the market. Those available are very expensive and probably cannot be adjusted in your body. So keep your body parts healthy. Do regular Yoga, Meditation or any kind of activities so that you can stay healthy.

हम तो तपकर गोल्ड हो गये।

मत कहना हम ओल्ड हो गये!
हम तो तपकर गोल्ड हो गये।
जीवन के झंझावातों  से
लड़ना हमने मिलकर सीखा
कैसे-कैसे मोड़  से  गुजरे
आगे बढ़ना हमने सीखा।
अनुभवों का अब साथ  समंदर
है न अब, चुनौती का डर
जो आयेगा, टल जायेगा
हम तो भाई, बोल्ड हो गये।
अब जीवन के नये रंग हैं
नयी पीढ़ी के नये ढंग हैं
पर बच्चों का, अपनों का भी
प्यारा-प्यारा  संग-संग है।
जीवन की यह सांझ सुनहरी
ढल गई वह बीती दोपहरी
नयी हैं राहें, नयी निगाहें
करने को मन कुछ खुद  चाहे
खुलकर जी लें, खुलकर हँस लें
बस जीवन यह कहना चाहे।
सचमुच हम तो बोल्ड हो  गये
मत कहना हम ओल्ड हो गये!
हम तो तपकर गोल्ड हो गये।

व्यायामाला कोणताच पर्याय नाहीं!!!

आरोग्याच्या बाबतीत समाजात अनेक 'लाटा' उसळत असतात व कालांतराने त्या ओसरतात... त्याला आता सोशल मीडियाची जोड मिळाल्याने लाटा जरा जोरकस वाटतात...
पूर्वी गव्हांकूराची प्रचंड लाट होती... प्रत्येक बाल्कनी - टेरेस - अंगणात गव्हांकुर पिकू लागले...  कॅन्सर, डायबेटीस.. बी.पी... गायब होणार आणि एकदम तंदुरुस्त होणार.. कैक टन गव्हांकुर संपले... मानसिक समाधानापलीकडे विशेष काही घडले नाही व लाट ओसरली !
अल्कली WATER... ह्याची लाट तर जणू अमृतच मिळाले अशी होती.... म्हणाल तो रोग समूळ नष्ट होणार... २० हजार - ३० हजार मशीनची किंमत...
मशीन्स धूळ खात पडली... लाट ओसरली !!
सकाळी उठल्या उठल्या मध-लिंबू-पाणी.. वजन घटणार ... बांधा सुडौल होणार..
हजारो लिटर मध संपले... हजार मिलीग्रामपण वजन नाही घटले... लाट ओसरली !!!
मग आली नोनी फळाची लाट
नोनीने नानी आठवली
पण तीही लाट नानी व नाना पार्क मधून वैकुंठाला घेऊन गेली
अलोव्हेरा ज्यूस... सकाळ संध्याकाळ प्या.. डायबेटीस, बी.पी. एकदम नॉर्मल होणार.. हजारो बाटल्या खपल्या... विशेष काही बदलले नाही... लाट ओसरली !!!!
मग रामदेव बाबांची बिस्किटे आली. ५०००करोड चा व्यवसाय झाला .  परिस्थिती आहे तीच.
मग माधवबागवाले आले . तेल मसाज पंचकर्म करा हृदयाचे ब्लॉक घालवा. राहता ब्लॉक विकायला लागला पण हृदयाचा ब्लॉक गेला नाही. (आता माधव बाग जाहिरात करतात की डायबिटीस पूर्ण घालवतो.)
मग आली दिवेकर लाट
मग आली दीक्षित  लहर
आता तर जग दोन भागात विभागले आहे
दार उल दिवेकर
आणि
दार उल दीक्षित
... ही लाट आता उसळ्या घेतेय... ओसरेल लवकरच !!!!!
लक्षात घ्या मंडळी, कुठच्याही गोष्टीबद्दल माझा पूर्वग्रह नाही वा आकसही नाही पण काळानुसार बिघडलेल्या जीवनशैलीचे दुष्परिणाम आपण भोगतोय.
डोकं वापरा आणि Just एक पिढी मागे जाऊन आजी आजोबा कसे जगत होते हे आठवा
आणखी थोडं डोकं लावा. आयुर्वेद म्हणजे जगण्याचा वेद म्हणजे नियम शास्त्र.  रोजचे शाकाहारी जेवण पालेभाजी, वेलवर्गीय भाजी, फळभाजी, मोड आलेली कडधान्य, सँलड, साजुक तूप, बदलते गोडेतेल, गहूँ, ज्वारी, बाजरी, व मिश्रपिठाची भाकरी पोळी व सोबत थोडा व्यायाम पहा काय फरक पडतो .
लोकांना शिस्त नकोय.. जीभ चटावलीय.. पैसा बोलतोय... "स्वयंपाक नकोय..."
आता तर घरपोच... पंधरा मिनीटात.......आली लाट मारा उड्या
हसत खेळत जगा, पण सर्वात महत्त्वाचे व्यायाम करणे आवश्यक आहे बस्स!!!
सकाळी लवकर उठणं, रात्री लवकर झोपणं, दुपारी थोडीशी विश्रांती घेणं आवश्यक आहे.
आपल्या प्रकृतीनुसार व्यायाम करणं सातत्याने आवश्यक आहे.
आपल्या कॉम्प्युटर, लॅपटॉप किंवा मोबाइलमध्ये व्हायरस शिरू नये म्हणून आपण जितकी काळजी घेतो, तेवढी काळजी आपण त्यापेक्षाही महत्त्वाच्या असणाऱ्या आपल्या शरीराची घेत नाही. तर  सुरुवात करायला काय हरकत आहे?
दिर्घायुष्य लाभावं, आरोग्याच्या कोण्त्याही तक्रारी निर्माण होऊ नयेत, या करीता आपला आहार, आपलं राहणीमान योग्य असणं महत्वाचं आहे.
आपल्या प्रकृतीनुसार आहार घेण्याचा प्रयत्न करा. प्रकृतीविरुद्ध आहार घेतल्यास शरिरात विकार निर्माण होतात.
या व्यायामात नियमितता व सातत्य असावं.
आणि हो या सर्वांसोबत मानसिक शांतताही राखा.  ताणतणाविरहित जीवन जगा.सुदर्शन क्रिया ,  ध्यान, धारणा, योगासनं, प्राणायाम करा. ज्यामुळे तुम्ही नक्कीच  स्ट्रेस फ्री (stress free) राहू शकाल..........
100 वर्षे ठणठणीत जगा. पण यासाठी  फक्त करावा  योगा.
POWER BOOSTING YOGA SYSTEM

Friday 7 June 2019

One liner notes on 'cheetah'

Hello friends in this article you are going to read about cheetah.

1. Cheetahs are big and considered as big cats.

2. Experts say that they shouldn't be considered as big cats, because their body is different big cats.

3. Lions and Tigers make roars but a cheetah makes shrilly yelps which sound like a cat's meow.

4. Leopards and Lions live in grasslands where cheetahs live.

5. While many big cats prefer to hunt in ight, cheetahs prefer to hunt in day alone, to not come in front of any fierce rival.

Fact- Tiger is the largest big cat, but often lion is said the king of the jungle. As it has nothing to be scared of except human beings.

Thank you for reading comment topics, share this article and subscribe this blog.       

Constitution of India - one liner notes - Article 3

Hello in the series of one liner notes collection on Constitution of India. You are requested to use this blog only for study purpose. Kindly share this blog on your social media and e-mail subscribe this blog.
1. What is Article 3 of Constitution of India? - Formation of new state and alteration of boundaries, areas or names of existing states.
2. Who is authorized for formation of new states? - the Parliament of India can form  new states or alter boundaries, areas or names of existing states.
3. If Parliament of India want to create a new state  by joining parts of different states then what is main requirement of the bill? -  recommendation by President of India.
4. When Article 3 was amended? - Constitution 5th Amendment Act 1955.
5. What are the effects of 5th Amendment Act? -
a) it made recommendations by president compulsory,
b) it gave value to the opinion of the state which is affected by the parliament law for formation of new state or alteration of boundaries, areas or names of existing states,
c) also state have to give their opinion within specified time limit described by president.
6. What is the meaning of "states" in clauses (a) to (e) of article 3? States as well as union territories of India.
7. What is the meaning of "States" in the provision of article 3? - States of India.
8. When did provision incorporated in article 3? - Constitution 5th Amendment Act 1955.
9. When did explanation of the provision of article 3 was incorporated? - by the Constitution (Eighteenth Amendment) Act, 1966.
10. How many times article 3 was amended?
Three times
A) 5th amendment, 1955 - Provision for the recommendation of President of India as well as opinion of states was inserted.
B) 7th amendment, 1956 - words and letters " specified in Part A or Part B of first schedule" from provision were omitted.
C) 18th amendment, 1966 - explanation of the provision inserted by 5th amendment was inserted in 1966 by constitutional 18th amendment act 1966.

Thank you for reading. If you are knowing any other information regarding formation of new states in India you can comment below. Also if you are having any questions regarding this subject then please comment below. Your comments are welcomed.

Constitution of India - one liner notes - Article 2

Hello in the series of one liner notes collection on Constitution of India.  You are requested to use this blog only for study purpose. Kindly share this blog on your social media and e-mail subscribe this blog.
1. Which article help in admission and establishment of new states? Article 2 of part 1.
2. Who can admit or establish a new state? - Parliament.
3. What is needed to admit or establish a new state in India? - a law passed by parliament.
4. What is article 2A? - Sikkim to be associated with the union.
5. When Sikkim became state of India? - 1.3.1975
6. Which article is associated with Sikkim? - Article 2A.
7. Which amendment established Sikkim as Indian state? - Constitution 35th Amendment Act, 1974.
8. When did article 2A repeal? - 24.04.1975
9. Which amendment act repealed article 2A? - Constitution 36th Amendment Act, 1975.
10. Why Article 2A was incorporated for formation of Sikkim as speed of India? - A spacial article was needed for incorporation of Sikkim as Indian state because after the British rule over, Sikkim was an independent princely state.
Thank you for reading please share this blog on your social media.

Thursday 6 June 2019

My love, never lie in love

My love, never lie in love by Bibhutibhushan Bandopadhyay:
There was a man in a remote village. He would daily come to the town to meet his beloved. Both loved each other. Since she was a TB patient, she couldn’t walk that much to go and meet her lover in a far-flung village. The man started getting tired of coming all the way from his village to the town to meet the woman and was also scared of the, contagious disease his beloved was suffering from. He began to fabricate excuses about his inability to come and see her. One day, a child came and gave him a letter. It was written by that woman. She could see through her lover's alibis. She requested to come and meet her for the last time. The man rushed to meet her. She' was about to die. When she saw him, her last words were: ‘My love, never lie in love’ and she shuffled off the mortal coil. Struck by an intense blow of deep-piercing remorse, the man never recovered and died demented. We all have conscience and we need to keep it awake and alive.

एक जादूगर

एक जादूगर जो मृत्यु के करीब था, मृत्यु से पहले अपने बेटे को चाँदी के सिक्कों से भरा थैला देता है और बताता है की "जब भी इस थैले से चाँदी के सिक्के खत्म हो जाएँ तो मैं तुम्हें एक प्रार्थना बताता हूँ, उसे दोहराने से चाँदी के सिक्के फिर से भरने लग जाएँगे ।
उसने बेटे के कान में चार शब्दों की प्रार्थना कही और वह मर गया । अब बेटा चाँदी के सिक्कों से भरा थैला पाकर आनंदित हो उठा और उसे खर्च करने में लग गया । वह थैला इतना बड़ा था की उसे खर्च करने में कई साल बीत गए, इस बीच वह प्रार्थना भूल गया । जब थैला खत्म होने को आया तब उसे याद आया कि "अरे! वह चार शब्दों की प्रार्थना क्या थी ।" उसने बहुत याद किया, उसे याद ही नहीं आया ।
अब वह लोगों से पूँछने लगा । पहले पड़ोसी से पूछता है की "ऐसी कोई प्रार्थना तुम जानते हो क्या, जिसमें चार शब्द हैं । पड़ोसी ने कहा, "हाँ, एक चार शब्दों की प्रार्थना मुझे मालूम है, "ईश्वर मेरी मदद करो ।" उसने सुना और उसे लगा की ये वे शब्द नहीं थे, कुछ अलग थे । कुछ सुना होता है तो हमें जाना-पहचाना सा लगता है । फिर भी उसने वह शब्द बहुत बार दोहराए, लेकिन चाँदी के सिक्के नहीं बढ़े तो वह बहुत दुःखी हुआ । फिर एक फादर से मिला, उन्होंने बताया की "ईश्वर तुम महान हो" ये चार शब्दों की प्रार्थना हो सकती है, मगर इसके दोहराने से भी थैला नहीं भरा । वह एक नेता से मिला, उसने कहा "ईश्वर को वोट दो" यह प्रार्थना भी कारगर साबित नहीं हुई ।
वह बहुत उदास हुआ ।उसने सभी से मिलकर देखा मगर उसे वह प्रार्थना नहीं मिली, जो पिताजी ने बताई थी । वह उदास होकर घर में बैठा हुआ था तब एक भिखारी उसके दरवाजे पर आया । उसने कहा, "सुबह से कुछ नहीं खाया, खाने के लिए कुछ हो तो दो ।" उस लड़के ने बचा हुआ खाना भिखारी को दे दिया । उस भिखारी ने खाना खाकर बर्तन वापस लौटाया और ईश्वर से प्रार्थना की, *"हे ईश्वर ! तुम्हारा धन्यवाद ।"* अचानक वह चोंक पड़ा और चिल्लाया की "अरे! यही तो वह चार शब्द थे ।" उसने वे शब्द दोहराने शुरू किए-"हे ईश्वर तुम्हारा धन्यवाद"........और उसके सिक्के बढ़ते गए... बढ़ते गए... इस तरह उसका पूरा थैला भर गया ।
इससे समझें की जब उसने किसी की मदद की तब उसे वह मंत्र फिर से मिल गया । "हे ईश्वर ! तुम्हारा धन्यवाद ।" यही उच्च प्रार्थना है क्योंकि जिस चीज के प्रति हम धन्यवाद देते हैं, वह चीज बढ़ती है । अगर पैसे के लिए धन्यवाद देते हैं तो पैसा बढ़ता है, प्रेम के लिए धन्यवाद देते हैं तो प्रेम बढ़ता है । ईश्वर या गुरूजी के प्रति धन्यवाद के भाव निकलते हैं की ऐसा ज्ञान सुनने तथा पढ़ने का मौका हमें प्राप्त हुआ है ।
बिना किसी प्रयास से यह ज्ञान हमारे जीवन में उतर रहा है वर्ना ऐसे अनेक लोग हैं, जो झूठी मान्यताओं में जीते हैं और उन्हीं मान्यताओं में ही मरते हैं । मरते वक्त भी उन्हें सत्य का पता नहीं चलता । उसी अंधेरे में जीते हैं, मरते हैं ।
*ऊपर दी गई कहानी से समझें की "हे ईश्वर ! तुम्हारा धन्यवाद" ये चार शब्द, शब्द नहीं प्रार्थना की शक्ति हैं । अगर यह चार शब्द दोहराना किसी के लिए कठिन है तो इसे तीन शब्दों में कह सकते हैं, "ईश्वर तुम्हार धन्यवाद ।" ये तीन शब्द भी ज्यादा लग रहे हों तो दो शब्द कहें, "ईश्वर धन्यवाद !" और दो शब्द भी ज्यादा लग रहे हों तो सिर्फ एक ही शब्द कह सकते हैं, "धन्यवाद।"*
*आइए, हम सब मिलकर एक साथ धन्यवाद दें उस ईश्वर को, जिसने हमें मनुष्य जन्म दिया और उसमें दी दो बातें - पहली "साँस का चलना"*
*दूसरी "सत्य की प्यास ।" यही प्यास हमें खोजी से भक्त बनाएगी ।*
*भक्ति और प्रार्थना से होगा आनंद, परम आनंद, तेज आनंद l*
            * 

The farmer and baker

There was a farmer who sold a Pound of butter to the baker. One day the baker decided to weigh  the butter  to see he was getting a pound of butter or not.  He found that he was not getting a pound of butter. This angered him and he took the farmer to court. The judge asked the farmer if he was using any measure.
The farmer replied, " Your honour, I am primitive. I don't have a proper measure but, I do have a scale".
The judge asked, " Then how do you measure butter".
The farmer replied " Your honour, long before the baker started buying butter from me, I have been buying a loaf of bread from him.  Everyday when the baker brings the bread, I put it on the scale and give him the same weight of butter, if anyone is to be blamed it is the baker.
What is the moral of the story? We get back in life what we give to others. Whenever you take an action, ask yourself this question: am I giving fair value for the wages or money I hope to make?
Honesty and dishonesty become a habit. Some people practice dishonesty and can lie with straight face. Others lie so much that they don't even know what the truth is anymore. But who are they deceiving? Themselves.
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पिता

आप समस्त स्नेहीजनों को हमारा सादर प्रणाम
कल हमे अहमदाबद से बॉम्बे आना था।
हमारी ट्रेन के चार घंटे बाद बेटे की फ्लाइट थी।
उसे पहली नौकरी पर निकलना था। उसे अपना संसार शुरू करना था। हम भावुक हो रहे थे ।  बेटा अलग शहर चला जाएगा। धीरे-धीरे उसका अपना संसार बनेगा।
हम याद कर रहे थे कि जब उसका जन्म हुआ था, पत्नी ने सबसे पहले उसे हमारी गोद में दे दिया था। पत्नी को हमारी बांहों पर भरोसा था।.जब पहली बार वो स्कूल गया था और बस में अकेला बैठा था, तो पत्नी ने कहा था,
"आप बाइक से पीछे-पीछे स्कूल तक जाओ। वो पहली बार अकेला निकला है।
उसे पता नहीं चलना चाहिए कि आप पीछे-पीछे साथ चल रहे हो। उसे तैयार होने दो खुद चलने के लिए, पर हर कदम पर उसके साथ रहना।
यही काम वापसी पर भी हुआ था। दोपहर में हम  स्कूल के बाहर खडे थे ।  हमारा काम था, उसे निकलते देखना और फिर बस के पीछे-पीछे लौटना।" बेटे को कभी पता नहीं चला, मां, पिता को भेज कर उसे पुरुष बनने की ट्रेनिंग दे रही थी।
बेटा बड़ा होता गया। स्कूल से कॉलेज और कॉलेज से कल नौकरी पर निकल गया।
छह महीना पहले आईआईटी में पढ़ाई के दौरान उसे माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में नौकरी मिल गई थी।
जब ऑफर मिला था, हम बहुत ही प्रसन्न हुवे थे । पर हम भावुक भी बहुत हुए थे ,  कि अब बच्चा हमसे दूर चला जाएगा।
फिर हम कभी-कभी मिलेंगे। हम कई बार कमज़ोर भी पडे ।
यकीनन उसकी मां भी भावुक हुई होगी। पर वो हमारी तरह कभी कमज़ोर नहीं हुई।
उसने कदम-कदम पर हमे पिता होने का पाठ पढ़ाया और बेटे को पुरुष बनने का।
कल हमारी ट्रेन के चार घंटे बाद बेटे की फ्लाइट थी,
तो हमने पत्नी से कहा कि हम भी फ्लाइट से चले जायें उसके साथ ।
हम साथ ही निकलें तो ठीक रहेगा। पर पत्नी ने पूरी मजबूती से कहा कि बेटे को अब उड़ने दो।
उसे अपना संसार बनाने दो। कमज़ोर मत बनो, कमज़ोर मत बनाओ।
आपने उसे उड़ना सिखा दिया है। अब आप अपने काम पर जाओ, मैं उसे एयरपोर्ट तक छोड़ आऊंगी।
जिस पत्नी ने पहले दिन हमे स्कूल तक बस के पीछे-पीछे भेजा था,
आज वो अकेले उसे एयरपोर्ट तक छोड़ने जा रही थी।
हम ट्रेन मे बैठ कर सोच रहे थे  कि पुरुष मन ही मन ये सोच कर कितना खुश होता है कि उनके भीतर पिता बनने का गुण है।
पर अब हमे लग रहा है कि पिता बनना भी पुरुषों का गुण नहीं।
असल में एक महिला ही पुरुष को पिता बनना भी सिखाती है । प्रणाम शुभ रात्री ।

One liner notes collection - Constitution of India - Part 1, Article 1

Hello in the series of one liner notes collection on Constitution of India this is 2nd blog. You are requested to use this blog only for study purpose. Kindly share this blog on your social media and e-mail subscribe this blog.
1. Part 1 of Constitution of India is related to " THE UNION AND ITS TERRITORY".
2. Article 1 describes about - Name and territory of union.
3. Which clause defines India as Union of States? - Clause 1 of Article 1.
4. Which other name of India is used in Article 1? - Bharat
5. In which schedule the states and territories are described? - 1st Schedule.
6. How many times Article 1 is amended? - One time
7. When Article 1 was amended? - 1956 by 7th constitutional amendment act of 1956.
8. Which clauses of Article 1 were amended by 7th amendment? Clause 2, 3(b)
9. What are the parts of territory of India? - territories of States, Union territories, any acquired territory.
10. Where are Union territories enlisted? - 1st schedule.
Thanks for reading.

One liner notes collection - Constitution of India - Preamble

Hello readers, this blog is completely for preparations of your studies. In this article I am  sharing about Constitution of India. For more such short one liner notes please share this blog on your social media  and e-mail subscribe this blog.
1. What is preamble of Constitution of India? - It is soul of constitution of India.
2. Date of preamble - 26/11/1949
3. Who resolved to constitute India into a Republic? - people of India
4. On which day construction is enacted? - 26/11/1949
5. By which act preamble is amended? - 42nd Constitutional Amendment Act 1976, w.e.t. 1.3.1977.
6. Which words were added to the preamble by 42nd Amendment? - sovereign democratic republic,  unity of the nation.
7. Subject of part 1 is Union and it's Territory.
8. Which other name for India is used in Constitution of India? - Bharat
9. How many articles in part 1? - 4
10. As per part 1 what is India? - Union of States.
Thanks for reading. Please share this blog. Kindly comment your questions regarding this topic or any other information regarding this subject.

History one liners - Pre colonial Indian society

Hello friends in this article you are going to read about some history facts of India.

1. Time of Shah Jahan's ruling - 1627 - 58.

2. Shah Jahan's long ruling son - Aurangzeb

3. Time of Aurangzeb's ruling -  1658 - 1707

4. Time of Akbar's ruling - 1556 - 1605

5. Who ruled after Akbar - Salim alise Jahangir

6. Name of Akbar - Muhammad Jalaluddin

7. Red fort was constructed by - Shah Jahan

8. Who was David Arnold - historian

9. Who created great civilisation  - ancient Hindus.

10. When Islamic rulers came to India - 13th century

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British India

British India is very important part of modern history and useful in many competitive exams specially related to civil services. Here are one liner notes for you regarding this matter.

1. Mughal allowed the English East India Company to establish a small trading settlement in 1608.

2. First headquarter of English East India Company was situated at Surat, presently in Gujarat state.

3. First factory  of English East India Company was established at Machilipattanam in 1611.

4. Machilipattanam is situated at Coromandel coast.

5. 1707 - Mughal empire declined by Maraths.

6. 1739 - Invasion of Mughal empire from Persia.

7. 1761 - Invasion of Mughal empire from Afghanistan.

8. 1757 - Battle of Plassey won by English East India Company

9. 1764 - Battle of Buxar won by English East India Company

10. 1765 - Establishment of Bengal Presidency  by English East India Company .

11. 1793 - Bengal Presidency abolished the local rule called 'Nizamat' in Bengal. And it was beginning of company rule in Bengal.

12. By the mid-19th century, and after the three Anglo-Maratha Wars the East India Company had become the paramount political and military power in south Asia, its territory held in trust for the British Crown.

13. The company rule ended with the Government of India Act 1858 following the events of the Bengal Rebellion of 1857.

thanks for reading.

Strategic Alliances

  Strategic Alliances -  For any achievement gone need the right person on your team.  Sugriv was very keen on this. Very first Sugriva was ...