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Saturday, 13 March 2021

जोक्स का पिटारा

और क्या हालचाल है मित्रों और सखियों? आज मै लेकर आई हु जोक्स का पिटारा| ये जोक्स पढ़ लीजिये और हसिये| सबके साथ शेयर करिए और उन्हें भी हासिये| ज्यादा से ज्यादा शेयर करिए और खुशिया फैलाइए|


1)

इतनी रिसर्च करने के बाद भी कोई ये नहीं पता लगा पाया की रिश्तेदारों से चाय के लिए पूछो तो बस आधा कप ही क्यों बोलते हैं

2)

यमराज :- बोलो प्राणी! तुम कहां जाना चाहते हो? स्वर्ग में या नर्क में?

आदमी :- प्रभू, पृथ्वी से मेरा मोबाइल और चार्जर मँगवा दो, मै कंही भी रह लूगाँ

3)

एक आदमी ने पड़ोसी की बीबी गुमने की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करा दी

पुलिस पड़ोसी की बीबी के गुमने की रिपोर्ट तुम क्यों दर्ज करवा रहे हो

आदमी मैं उस आदमी की खुशी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा हूं साला रोज पार्टी कर रहा है ।

4)

ससुर: आइए दामाद जी आज सुबह सुबह अचानक कैसे दर्शन दे दिए

दामाद : आपकी बेटी से झगड़ा हो गया था, वो बोली जहन्नुम में जाओ बस आ गया

5)

शौहर- हर सुबह जब मेरी आंख खुलती है तो मैं यही प्रार्थना करता हूं कि भगवान सबको तुम्हारे जैसी बीवी दे!

बीवी (खुश होते हुए)- अच्छा!

शौहर- हांआखिर मैं अकेला ही दुखी क्यों रहूं?

6)

आज का ज्ञान-

जिंदगी बस 2 दिन की है एक तो शनिवार और दूसरा रविवार बाकी दिन तो ऐसा लगता है कि जलील होने के लिए पैदा हुए हैं।

-एक कर्मचारी

7)

नीरज महिलाएं शराब से इतनी नफरत क्यों करती हैं?

प्रीतो क्योंकि इसको पीने के बाद उनके चूहे जैसे शौहर शेरों जैसा बर्ताव करने लगते हैं

8)

एक खूबसूरत कमसिन लड़की ने एक बूढ़े अमीर आदमी से शादी कर ली.

उसकी सहेली ने उससे पूछा तूने इनमे ऐसा क्या देखा जो शादी कर ली !

लड़की एक तो इनकी इनकम, और दूसरे इनके दिन कम !

9)

सुरज :  यारसरकार ने वोटिंग करने के लिए 18 साल के होने का कानून बनाया है तो फिर शादी करने की उम्र 21 साल क्यों ?

नीरज :  देखो सरकार को भी पता है कि देश संभालना आसान है लेकिन बीवी संभालना नहीं

10)

बस कंडक्टर ने यात्रियों से कहा

भाइयों गेट पर मत लटको , अंदर आ जाओ ,

किसी ने नहीं सुनी।

कंडक्टर ने फिर कहा , 'तुम्हें अपनी बीवी की कसम है ,अंदर आ जाओ ,

ये सुनते ही जो सीट पर बैठे थे वो भी गेट पर लटक गए.


Friday, 8 January 2021

संपर्क और संजोग

 

एक साधु का न्यूयार्क में बडे पत्रकार इंटरव्यू ले रहा थे।

पत्रकार- सर, आपने अपने लास्ट लेक्चर में संपर्क (Contact) और  संजोग (Connection) पर स्पीच दिया लेकिन यह बहुत कन्फ्यूज करने वाला था। क्या आप इसे समझा सकते हैं ?

साधु मुस्कराये और उन्होंने कुछ अलग पत्रकारों से ही पूछना शुरू कर दिया।

आप न्यूयॉर्क से हैं?

पत्रकार: Yeah

सन्यासी: आपके घर मे कौन कौन हैं?

पत्रकार को लगा कि साधु उनका सवाल टालने की कोशिश कर रहे है क्योंकि उनका सवाल बहुत व्यक्तिगत और उसके सवाल के जवाब से अलग था।

फिर भी पत्रकार बोला : मेरी माँ अब नही हैं, पिता हैं तथा 3 भाई और एक बहिन हैं ! सब शादीशुदा हैं

साधू ने चेहरे पे एक मुस्कान के साथ पूछा:  आप अपने पिता से बात करते हैं?

पत्रकार चेहरे से गुस्से में लगने लगा

साधू ने पूछा, आपने अपने फादर से last कब बात की?

पत्रकार ने अपना गुस्सा दबाते हुए जवाब दिया : शायद एक महीने पहले

साधू ने पूछा: क्या आप भाई-बहिन अक़्सर मिलते हैं? आप सब आखिर में कब मिले एक परिवार की तरह ?

इस सवाल पर पत्रकार के माथे पर पसीना आ गया कि , इंटरव्यू मैं ले रहा हूँ या ये साधु ?  ऐसा लगा साधु, पत्रकार का इंटरव्यू ले रहा है?

एक आह के साथ पत्रकार बोला : क्रिसमस पर 2 साल पहले

साधू ने पूछा: कितने दिन आप सब साथ में रहे ?

पत्रकार अपनी आँखों से निकले आँसुओं को पोंछते हुये बोला :  3 दिन

साधु: कितना वक्त आप भाई बहनों ने अपने पिता के बिल्कुल करीब बैठ कर गुजारा ?

पत्रकार हैरान और शर्मिंदा दिखा और एक कागज़ पर कुछ लिखने लगा

साधु ने पूछा:  क्या आपने पिता के साथ नाश्ता , लंच या डिनर लिया ?  क्या आपने अपने पिता से पूछा के वो कैसे हैँ ?  माता की मृत्यु के बाद उनका वक्त कैसे गुज़र रहा है !!

साधु ने पत्रकार का हाथ पकड़ा और कहा:  शर्मिंदा, या दुखी मत होना। मुझे खेद है अगर मैंने आपको अनजाने में चोट पहुंचाई हो, लेकिन ये ही आपके सवाल का जवाब है । संपर्क और संजोग (Contact and Connection) आप अपने पिता के सिर्फ संपर्क

 (Contact) में हैं ‌पर आपका उनसे कोई 'Connection'  (जुड़ाव ) नही है। You are not connected to him आप अपने father से संपर्क में हैं  जुड़े नही है Connection हमेशा आत्मा से आत्मा का होता है।  heart से heart होता है। एक साथ बैठना, भोजन साझा करना और  एक दूसरे की देखभाल करना, स्पर्श करना,  हाथ मिलाना, आँखों का संपर्क होना,  कुछ समय एक साथ बिताना आप अपने  पिता, भाई और बहनों  के संपर्क ('Contact') में हैं लेकिन आपका आपस मे कोई' जुड़ाव '(Connection) नहीं है

पत्रकार ने आंखें पोंछी और बोला: मुझे एक अच्छा और अविस्मरणीय सबक सिखाने के लिए धन्यवाद

आज ये भारत की भी सच्चाई हो चली है। सबके हज़ारो संपर्क (contacts) हैं पर  कोई  connection नही। कोई विचार-विमर्श  नहीं। हर आदमी अपनी नकली दुनिया में खोया हुआ है। वो साधु और कोई नहीं  स्वामी विवेकानंद थे।

Saturday, 7 March 2020

पिता

यह कविता ऐसेही सोशल ऍप पर आयी थी। अच्छी लगी इसलिए शेयर की है। वाकई एक लड़का पुरुष बनता है और फिर वह पिता भी बनता है - उसके इस बदलाव का इतना अच्छा वर्णन कही पढ़ने शायद ही मिले। गौर से पढ़िए।  ये कविता मैंने नहीं लिखी पर जिसने लिखी उसका अनुभव सभी पिता को आया होंगा ही। 


इमेज क्रेडिट - पिक्साबे 

पत्नी जब स्वयं माँ बनने का समाचार सुनाये
और वो खबर सुन,
आँखों में से खुशी के आँशु टप टप गिरने लगे
तब ... आदमी......
पुरुष से पिता बनता है"

शादी होने के बाद जबतक पत्नी की कोख हरी न हो जाये तबतक हर शादीशुदा लड़के को हर रिश्तेदार पूछता है की "कब खुशखबरी मिलेंगी ?" हर पुरुष के लिए इस सवाल का जवाब देना उतनाही मुश्किल होता है जितना की माँ  बनने की चाह करने वाली स्त्री के लिए। जब ये समाचार पत्नी अपने परिवार को पती को देती है तब हर आदमी पिता बनने की ख़ुशी में जी रहा होता है भले ही वो इसे व्यक्त करें या न करें। 

नर्स द्वारा कपडे में लिपटा कुछ पाउण्ड का दिया जीव,
जवाबदारी का प्रचण्ड बोझ का अहसास कराये
तब .....आदमी.....
पुरुष से पिता बनता है"

बच्चे के जनम के समय जब तक अच्छी खबर न आये तबतक दवाखाने में लेबर रूम के बाहर पल पल इंतजार करते पती की हालत एकदम ख़राब होती है। वो नर्वसनेस का समय तब ख़त्म होता है जब एक नन्ही सी जान नर्स पती के हाथमे सौपती है और यहासे शुरू होती है नयी जिम्मेदारी जो प्यारी भी है और नाजुक भी ! 

रात - आधी रात जागकर पत्नी के साथ,
बेबी का डायपर बदलता है,
और बच्चे को कमर में उठा कर घूमता है,
उसे चुप कराता है,
पत्नी को कहता है तू सो जा में इसे सुला दूँगा
तब..........आदमी......
पुरुष से, पिता बनता हैं "

छोटीसी जान सबकुछ तरीके से करना नहीं जानती हर छोटी छोटी सेवा करनी पड़ती है - डायपर बदलना तो शुरू के कुछ सालों तक जरुरी रहता है। रात के समय जगते बच्चे को सुलाना भी एक बड़ी कसरत है। फिर खाना खिलाना, दवाइया देना और बहोत कुछ - जब भी आदमी इसमें मदत करता है तब वो सिर्फ उस बच्चे का पिता नहीं रहता बल्कि अपनी पत्नी का दोस्त भी बनता है। 

मित्रों के साथ घूमना, पार्टी करना जब नीरस लगने लगे
और पैर घर की तरफ बरबस दौड़ लगाये
तब ........आदमी......
पुरुष से पिता बनता हैं"

अब शादीशुदा जिंदगी शुरू होते ही सभीका यही रहता है घर जल्दी लौटू पर फिरभी दोस्तोंके साथ घूमना पार्टी करना चलते रहता है पर एक नन्ही किलकारी घरमे गुंजी नहीं की ये सब नीरस लगने लगता है और नन्हे मुन्ने या मुन्नी की तरफ आपही पैर मुड जाते है इसीको पिता होना कहते है। 

"हमने कभी लाईन में खड़ा होना नहीं सिखा " कह,
हमेशा ब्लैक में टिकट लेने वाला,
बच्चे के स्कूल  एडमिशन का फॉर्म लेने हेतु पूरी ईमानदारी से सुबह 4 बज लाईन में खड़ा होने लगे
तब .....आदमी....
पुरुष से पिता बनता हैं "

स्कूल का एडमिशन हो या बच्चे की पढाई या पैरेंट टीचर मीटिंग - पापा सब करना पसंद करते है। पेरेंट्स डे का बेसब्रीसे इंतजार पापा करते है। 

जिसे सुबह उठाते साक्षात कुम्भकरण की याद आती हो
और वो जब रात को बार बार उठ कर ये देखने लगे की मेरा हाथ या पैर कही बच्चे के ऊपर तो नहीं आ गया एवम् सोने में  पूरी सावधानी रखने लगे
तब .....आदमी...
पुरुष से पिता बनता हैं"

एक नाजुक सी जान जब अपने साथ है तो फिर नींद में भी सजगता आ जाती है। इसेही पिता होना कहते है। 

असलियत में एक ही थप्पड़ से सामने वाले को चारो खाने चित करने वाला,
जब बच्चे के साथ झूठ मूठ की  फाइटिंग में बच्चे की नाजुक थप्पड़ से जमीन पर गिरने लगे
तब...... आदमी......
पुरुष से पिता बनता हैं"

हर पिता अपने संतान की ढाल होता है। बच्चे के लिए जागरूक और सुरक्षा देने के लिए तत्पर पिता की ताकत का क्या कहना। पर वो कभी अपने बच्चे को चोट नहीं पोहोचायेंगा बल्कि खेल खेल में अपने बेटे या बेटी को ताकतवर होने का एहसास दिलाएगा। 

खुद भले ही कम पढ़ा या अनपढ़ हो,
काम से घर आकर बच्चों को "
पढ़ाई बराबर करना, होमवर्क पूरा किया या नहीं"
बड़ी ही गंभीरता से कहे
तब ....आदमी......
पुरुष से पिता बनता हैं  "

पढ़ेंगे तभी बढ़ेंगे - यही आजकी मांग है। स्कूल जाते बच्चे की पढाई पर बराबर ध्यान पापा देते है - भलेही वो पढ़ा लिखा इंसान हो या न हो। 

खुद ही की कल की मेहनत पर ऐश करने वाला,
अचानक बच्चों के आने वाले कल के लिए आज कोम्प्रोमाईज़ करने लगे
तब ....आदमी.....
पुरुष से पिता बनता हैं "

शादी होते ही वैसे तो कोम्प्रोमाईज़ दोनों ही करते है पर पत्नी का योगदान ज्यादा होता है। पर पिता बनने  के बाद हर पुरुष जिसके मनमे अपने परिवार के प्रति प्रेम है पत्नी की प्रसव पीड़ा का एहसास है वो हर चीज को करने से पहले जरूर सोचेगा की ये मेरी जरुरत है या ऐश?

ओफ़ीस का बॉस,
कईयों को आदेश देने वाला,
स्कूल की पेरेंट्स मीटिंग में क्लास टीचर की,
हर इंस्ट्रक्शन को ध्यान से सुनने लगे
तब ....आदमी......
पुरुष से पिता बनता है"

आदमी अपने ऑफिस या दुकान में चाहे जैसा हो पर जब उसे बच्चे के लिए स्कूल में जाना हो तब वह सजग हो जाता है। वह बच्चे के टीचर ने कही हर बात ध्यानसे सुनने लगता है। 

खुद की पदोन्नति से भी ज्यादा
बच्चे की स्कूल की सादी यूनिट टेस्ट की ज्यादा चिंता करने लगे
तब ....आदमी.......
पुरुष से पिता बनता है "

आजकल के पिता अपने बच्चो की पढाई को लेकर काफी चिंतित  होते है - खुद ध्यान देंगे। 

खुद के जन्मदिन का उत्साह से ज्यादा
बच्चों के बर्थडे पार्टी की तैयारी में मग्न रहे
तब .... आदमी.......
पुरुष से पिता बनाता है "

साल में एकबार आने वाला बच्चे का जन्मदिन पापा के लिए ख़ुशी का मौका होता है और तब बाहर आती है छुपी हुई उनकी प्रतिभा - मेनू डेकोरेशन वेन्यू सबकुछ एकदम अच्छेसे मैनेज करते है पिता। 

हमेशा अच्छी अच्छी गाडियो में घुमाने वाला,
जब बच्चे की सायकल की सीट पकड़ कर उसके पीछे भागने में खुश होने लगे
तब ......आदमी....
पुरुष से पिता बनता है"                

बच्चे को कुछ भी सिखाने  की ख़ुशी का तो कोई मिल ही नहीं है। बच्चो के साथ बिताया कोईभी फिजिकल एक्टिविटी का समय रिलैक्स करता है और बच्चे की हर नयी बात पर हर पिता का मन गौरव का अनुभव करता है। 

खुदने देखी दुनिया, और खुद ने की अगणित भूले
बच्चे ना करे, इसलिये उन्हें टोकने की शुरुआत करे
तब .....आदमी......
पुरुष से पिता बनता है"

इंसान अपनी गलतियों से ही सीखता है। पर किसी और की गलती से भी सीखा जा सकता है की ये गलती हम न दोहराये। ये हमारा समय बचा सकता है। और यही हर डैडी अपने बच्चे को बताने की कोशिश करते है जब वो उसे टोकते है। 

बच्चों को कॉलेज में प्रवेश के लिए,
किसी भी तरह पैसे ला कर
अथवा वर्चस्व वाले व्यक्ति के सामने दोनों हाथ जोड़े
तब .......आदमी.......
पुरुष से पिता बनता है "

वैसे तो बगैर काम का कोई भी हाथ नहीं जोड़ता पर जब बच्चे के भविष्य की बात आती है तब आदमी ये भी करता है। इसीलिए बच्चो अपने माँ बाप को किसके सामने हाथ जोड़ने लगाना और कहा खर्च करने लगाना ये आपके हाथ में है - पढोगे अच्छेसे तो रैंक भी अच्छी और कॉलेज भी अच्छा मिलेगा। आपके पिता को न ज्यादा खर्च करना पड़ेगा न झुकना पड़ेगा। 

"आपका समय अलग था,
अब ज़माना बदल गया है,
आपको कुछ मालूम नहीं"
" धीस इज जनरेशन गैप"
ये शब्द खुद ने कभी बोला ये याद आये
और मन ही मन बाबूजी को याद कर माफी माँगने लगे
तब ....आदमी........
पुरुष से पिता बनता है "

जो हमने अपने बड़ो से कभी कहा हो और वो अगर उन्हें दुखी कर गया हो तो ऐसी बातें जब अपना ही बच्चा अपने से करने लगे तब माफ़ी - भलेही मन ही मन हर कोई मांगने लगता है - अच्छा है।  माफ़ी मांग लेने से कोई छोटा नहीं होता। 

लड़का बाहर चला जाएगा,
लड़की ससुराल,
ये खबर होने के बावजूद,
उनके लिए सतत प्रयत्नशील रहे
तब ...आदमी......
पुरुष से पिता बनता है "

 आजका जमाना तो ऐसा है की  पति पत्नी भी पुरे सात दिन साथ में रह लिए तो बहोत है। फिर बच्चे बड़े होकर दूर होने ही है - लड़की का ससुराल जाना तो तय है पर लड़के भी करियर के पीछे चले जाते है। ये पता रहता है फिरभी बच्चे को जो अच्छा लगे वो उसे मिले इसके लिए हमेशा कोशिशे करने वाला बाप ही होता है। 

बच्चों को बड़ा करते करते कब बुढापा आ गया,
इस पर ध्यान ही नहीं जाता,
और जब ध्यान आता है तब उसका कोइ अर्थ नहीं रहता
तब ......आदमी.......
पुरुष से पिता बनता है"

पूरी जिदंगी पत्नी का हाथ बटाया बच्चो को बड़ा करने में और देखा ही नहीं कब उम्र की शाम हो गयी - यही होता है बापूजी के साथ। 

पूरी पोस्ट पढ़ी इसीलिए धन्यवाद। मेरे अन्य पोस्ट भी आपको अच्छे लगेंगे। यूट्यूब फेसबुक और अन्य ब्लोग्स के लिंक नीचे दिए कृपया उन्हें भी चेक करे। 




Friday, 7 July 2017

Father dances everywhere - Anunay S Gupta

When a girl takes birth only orthodox people would get scared



Proud of fathering a daughter he was

Little girl held his hand in chaos

Chaos of children all around

Few of them playing on the ground

He walked with her that day

With both their faces crying and dismay

A little childhood of 3 years she had

Into the school her father led

Father replied to her cry

"Little daughter please don't cry

So will be okay so dry your eye

You have childhood memories in your heart

We are together though we are apart"



He sat upfront on her wedding day

And cried as his princes walked away

Later in night he watched her dance

He sat there waiting eagerly for his chance

The band had started to play the song

Father and daughter danced along

She looked at him and whispered to him

"Papa, I can hear your silent groan

I hate to live you alone

I will miss you as I go away

But whenever you need I will stay"

With a brave heart he replied to her

"Beta, I will just be fine

I know you are and always be mine

I have our memories in my heart

We are together but we are apart"



She came nearer and kissed his head

Then sat next to his hospital bed

He took her hand and held it tight

God give her strength to overcome this plight

And wished she had enough strength to fight

He saw the tear she tried to hide

She looked at him and both of them cried

She said "I will miss you as you go away

I still need you you have to stay

He replied

"Oh elderly daughter I love you so

I'd love to stay but have to go

You have my memories in your heart


We were together but now we are apart"





Strategic Alliances

  Strategic Alliances -  For any achievement gone need the right person on your team.  Sugriv was very keen on this. Very first Sugriva was ...