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Wednesday, 1 December 2021

पितरों का गीत रीति-रिवाज

 

 

छोटी सी बादली बिन बादल झड लगाइयो

ये बादली के कारण म्हारा सुखा समुन्दर भराइयो

ये समुन्द्रा के कारण म्हारा सकल पीतर नहाइयो

नहाया धोया म्हारा सकल पितर कपड़ा तो पहरो जी

सोलह हाथ पछेवड़ी हमारे पितरा न कपड़ा तो पहरो

पहरा तो ओढ़ा म्हारा सकल पितर भोजन करेंगे

बीज खरबूजा लाडुडा म्हारे पितरा न भोजन करवाओ

जिमां तो जूठा म्हारे पितरा न चलुए कराओ

नहाया तो धोया म्हारा मुरारी लाल पगा ए पड़ेगा जी,

नहाया तो धोया म्हारा सीताराम पगा ए पड़ेगा जी

अन्न-धन्न लक्ष्मी म्हारै अमित न देवो जी

अन्न-धन्न लक्ष्मी म्हारै अनूप न देवो जी

गोद जुडला बहू दीपा न देवो, गोद जुडला बहू संध्या न देवो

छोटी सी बादली बिन बादल झड लगाइयो जी

ये बादली के कारण म्हारा सुखा समुन्दर भराईयो

नोट: सभी के नाम लेने हैं ।

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पितरानी का गीत

 

 

कहां से आई ऐ पितरानी प्यारी पावनी

कहां लिया ऐ मुकाम भला ऐ पधारो जी पितरानी प्यारी पावनी

सुरगा पत सै आई ऐ पितरानी पावनी,

म्हारै मड़ में लिया ऐ मुकाम पितरानी प्यारी पावनी।

चन्दन चैकी जी पितरानी थानै बैठना,

दूध पखाला थारे पाँव भला ऐ पधारो पितरानी प्यारी पावनी

चावल रांधा जी पितरानी थानै उजले।

हरे मूंग धोई दाल, पितरानी प्यारी पावनी,

घी बरतावां जी पितरानी थानै टोकना।

प्याला भर कै खांड भला ऐ पधारो जी पितरानी प्यारी पावनी

फुलके तो पौवां जी, पितरानी थाने पतले-पतले,

तीन मण तीस बत्तीस पितरानी प्यारी पावनी

थाल परोसे जी पितरानी थाने कुल बहु,

पायल की झंकार भला ऐ पधारो जी पितरानी प्यारी पावनी

जीमो तो निरखै जी, पितरानी थारी आंगली,

बोलो तो निरखै थारे दांत पितरानी प्यारी पावनी।

जीम्या तो जूठ्या जी पितरानी प्यारी पावनी,

अमृत चल्लु ऐ करावाँ पितरानी प्यारी पावनी

ऊँची-सी मैंडी जी पितरानी थारे खेवटा,

दिवला चसै ऐ मसाल पितरानी प्यारी पावनी

छोटी-सी तलाई पानी की भराई,

आए पितरानी का लसकर नहाए गए,

भला ऐ पधारो जी पितरानी प्यारी पावनी

आप भी नहाए सेवक भी नहाया,

औजु तलाई म्हारै हद भरी पितरानी प्यारी पावनी

छोटो-सो बुगचो कपड़ो का भरियों,

आप भी पहरा सेवक भी पहरया

औजू बुगचो म्हारा हद भरो जी

भला ऐ पधारो जी पितरानी प्यारी पावनी।

छोटी-सी तलाई दूध से भराई आप भी पिया सेवकां नै प्याओ।

औज्यू तलाई मैं दूध हद भरा जी।

चैदस के नुता देवता मावस न घर आइयो,

भूखा भूखा आईयो, धापा-धापा जाइयो,

म्हारी बाड़ी मै बेल बधाइयो जी पितरानी प्यारी पावनी

बाबुल जीरा बेटा जी ओ दादा जीरा पोता,

सुगनी माय के ओदर लोटियो।

म्हारी बाड़ी मैं बेल बधाइयो जी,

भला ए पधारो जी पितरानी प्यारी पावनी

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गीत पितरो का-2

 

पूरब सै पष्चिम सैे आया गांधी का,

आऐ जे उतरे, ठंडे बड़ तलै जी,

आये गांधी का बैठे गांधी का, सच्चे बाटां से तोलै किस्तूरी जी।

ऐ जी क्यांए की डाण्डी, क्यांए का तोला,

क्यांए का बाटां से तौले किस्तूरी जी।

ऐ जी सोने की डाण्डी जी यो रुपै का तोला,

सच्चे बाटां सै, तोलै किस्तूरी जी।

ऐ जी यो कुण मुलाव यो कुण तुलाव, सच्चे पितर थारे अंग चढै।

ऐ जी मुरारी लाल मुलावै जय भगवान तुलावै,

सच्चे पितर थारै अंग चढ़ै।

चैदस का न्यौता देवता मावस न आइयो जी,

आये तो उतरै ठंडे बड़ तले जी, नहाये तो धोये, पितर सिंजोया,

ऐ जी छोटी-सी तलाई में पानी हद घणा जी,

ऐ जी ओढ़या तो पहरया, पितर सिंजोया, बुगचै मैं कपड़ा हद घणा जी,

सच्चे पितर थारे अंग चढै़।

ऐ जी चरिचां तो माण्डा, पितर सिंजोया, कटोरी में केसर हद घणी जी।

ऐ जी जीमया तो जूठूया पितर सिंजोया, रसोई में खीर, हद धणी जी।

ऐ जी किस्यां रा बेटा किस्यां पोता, किस्यां मायड़ कै औदर लोटियो जी,

बाबुल जी रा बेटा जी ओ दादा जी रा पोता,

सुगनी मायड़ कै ओदर लोडियो जी।।

सच्चे पितर थारे अंग चढै़।

नोट: परिवार के सभी बड़ों व छोटों के नाम लिये जाएँगे ।

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गीत पितरो का-1

 

देवता कहाँ खुदावां थारा जोड़ला,

देवता कहाँ एं बंधावां धोली पाल, सकल देवता जाणियो।

देवता फरीदाबाद खुदावां थारा जोड़ला,

हिसार बंधावां धोली पाल, सकल देवता जाणियो।

देवता क्यांए भराऊँ थारा जोड़ला, क्यांए बधाऊँ धोली पाल,

दूध भरावां थारा जोड़ला,

दही ए बंधावां धोली पाल सकल देवता जाणियो,

देवता यो कुन जाति थारै आइयो।

देवता राधेष्याम जाति थारै आइयो,

ले अपनी मायड न साथ सकल देवता जाणियो,

देवता बलराम जाति थारा आइयो,

ले गठजोडे़ की जात सकल देवता जाणियो।

देवता गोद झडुले की जात दादी-बाबा कै साथ सकल देवता जाणियो,

देवता अड़ियों भीड़ी मै म्हारे लोड़ियो।

अडया तो समारै म्हारै काम, सकल देवता जाणियो।

पांचू तो पहरो देवता कपड़े,

हाथ लठोरी का साथ सकल देवता जाणियो।

हाथ लठोरी देवता बास की,

पहरा देवो नी दिन रात सकल देवता जाणियो।

जिन गलियों में देवता थे फिरो,

बहू-बेटे सोवैं रे नचीत सकल देवता जाणियो।

नोटः परिवार के सभी बड़ों व छोटों के नाम लिये जाएँगे।

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म्हे बालाजी न धोकस्यां

 

 

ससुरजी थे हो धर्म का बाप जी, थारा हस्तीड़ा सीणगारो

म्हे बालाजी न धोकस्यां

क्या की खातर बहू बोली है जात, बहू बोली है जात

क्या की खातर बालाजी नै धोकस्यां

कंवरा की खातर म्हे तो, बोली है जात बोली है जात

चुडलै री खातर बालाजी नै धोकस्यां

जेठ जी थे हो धर्म का बापजी, म्हारा आधा धन बान्टो

म्हे बाला जी न धोकस्यां

क्या की खातर बहू बालाजी नै धोकस्यो

कँवरा री खातर म्हे तो, बोली है जात बोली है जात

चुड़लै री खातर बालाजी नै धौकस्यां

देवर म्हारा चतुर सुजान जी, थारा घोडलीया ललकारो

म्हे बाला जी ने धोकस्यां

क्या की खातर भावज बोली है जात

क्या की खातर बालाजी न धौकस्यो

चुड़ले री खातर बालाजी न धोकस्यां

मारुजी म्हारा सेजाँरा सिणगारां जी, भोली बाईजी रा बीरा

थारी मोटर जुतादो म्हे बाला नै धोकस्यां

क्या की खातर गोरी बोली है जात, गोरी बोली है जात

क्या की खातर बालाजी न धोकस्यां

कंवरा री खातर म्हे तो, बोली है जात बोली है जात

जी थारे जीवड़ारी खातर बालाजी न धोकस्यां

कहतां तो सुणतां मारूजी मोटर कदाई

म्हारै हुकमारे साटै जात पधारिया, दींनी पनामारू गठाजोड़ री जात

जी कोई रोक रुपया बाला जीरी भेट को

दिन्यो बालाजी सरब सुहाग जी

कोई गोद जडूला दोन्यो गीगलो जी

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गीत हनुमान जी का

 

 

किस के जन्मे अर्जुन पाण्डे

ये किन जाए अर्जुन पाण्डे, ये किन जाए हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

कुन्ती जाए अर्जुन पाण्डे अंजनी नै जाए हनुमान, हनुमान पियारे

ये दल कित रै समाए।

कहाँ से आए अर्जुन पाण्डे कहाँ से आए हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

पूर्व से आए अर्जुन पाण्डे, पष्चिम से आए हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

कित उतरेंगे अर्जुन पाण्डे कित उतरेंगे हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

बाग-बगीचा अर्जुन पाण्डे मन्दिर में विराजै हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

के नहावेंगे अर्जुन पाण्डे के नहावेंगे हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

कुआँ बाबड़ी अर्जुन पाण्डे समुन्द्र में कूद हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

के पहरंेगे अर्जुन पाण्डे के रे पहरेंगे हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कि रै समाए।

कच्चिया मल मल अर्जुन पाण्डे लाल लंगोटा हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

के चीरचेंगे अर्जुन पाण्डे के रे चीरचेंगे हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

चन्दन चीरच अर्जुन पाण्डे लाल सिन्दूर हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

के जीमेंगे अर्जुन पाण्डे के रै जीमेंगे हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

दाल-भात तो अर्जुन पाण्डे सरस मलिदा हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

कित बैठेंगे अर्जुन पाण्डे कित बैठेंगे हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

चंदन चैकी अर्जुन पाण्डे मन्दिर में बैठे हनुमान हनुमान पियारे

ये दल कित रै समाए।

के रे पिवेंगे अर्जुन पाण्डे के रै पिवेंगे हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

षर्बत पीवै अर्जुन पाण्डे दूध पतासा हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

कद सुमरंगे अर्जुन पाण्डे कद रे सुमरंगे हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

नीत उठ सुमरे अर्जुन पाण्डे भीड़ पड़े हनुमान, हनुमान पियारे,

ये दल जैसे कारज राजा राम चन्द्र के सारे

ऐसे म्हारे देई देवता के सारे हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

जैसे कारज राजा रामचन्द्र के सारे

ऐसे म्हारै जय भगवान के सार हनुमान पियारे

ये दल कित रै समाए।

जैसे कारज राजा रामचन्द्र के सारे

ऐसे म्हारे राजु के सार हनुमान पियारे,

ये दल कित रै समाए।

जैसे कारज राजा रामचन्द्र के सारे

ऐसे हमारे सासु-बहू के सार हनुमान प्यारे

ये दल कित रै समाए।

जैसे कारज राजा रामचन्द्र के सारे

ऐसे म्हारे दुरानी-जिठानी के सार हनुमान पियारे

ये दल कित रै समाए।

जैसे कारज राजा राम चन्द्र के सारे

ऐसे म्हारे धी-जमाई के सार हनुमान पियारे

ये दल कित रै समाए।

लंका तोड़ बलंका तोड़ी

लाए है सिया जी न साथ हनुमान पियारे

धन-धन अंजनी कुख तुम्हारी

तुम जाये हनुमान, हनुमान पियारे

ये दल कित रै समाए।

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गीत रतिजगा में सब देवताओं का गीत

 

 

पांच पतासे पाना का बिडला, ले गणेष जी पर जाइयो जी,

जिस डाली हमारे गणेष जी बैठे, वा डाली झुक जाइयो रे मनुवा

वा डाली फल लाइयो जी

पांच पतासे पाना का बिडला, ले पितरां पे जाइयो जी,

जिस डाली हमारे पितर बैठे, वा डाली झुक जाइयो रे मनुवा

वा डाली फल लाइयो जी

पांच पतासे पाना का बिडला, ले देवी पे जाइयो जी,

जिस डाली हमारी देवी बैठी, वा डाली झुक जाइयो रे मनुवा

वा डाली फल लाइयो जी ।।

पांच पतासे पाना का बिडला, ले हनुमत पे जाइयो जी,

जिस डाली म्हारे हनुमत बैठा, वा डाली झुक जाइयो रे मनुवा

वा डाली फल लाइयो जी ।।

पांच पतासे पाना का बिडला, ले माता वारली पे जाइयो जी

जिस डाली म्हारी बारली बैठी, वा डाली झुक जाइयो जी,

वा डाली झुक जाइयो रे मनुवा, वा डाली फल लाइयो जी ।।

पांच पतासे पाना का बिडला, ले ष्याम जी प जाइयो जी

जिस डाली म्हारी ष्याम जी बैठा, वा डाली झुक जाइयो जी

वा डाली झुक जाइयो रे मनुवा, वा डाली फल लाइयो जी ।।

पांच पतासे पाना का बिडला, ले खेतरपाल प जाइयो जी

जिस डाली म्हारा खेतरपाल बैठा, वा डाली झुक जाइयो जी

वा डाली झुक जाइयो रे मनुवा, वा डाली फल लाइयो जी।

पांच पतासे पाना का बिडला, ले भूले बिसरा पर जाइयो जी

जिस डाली हमारे भूले बिसरे बैठे, वा डाली झुक जाइयो

वा डाली झुक जाइयो रे मनुवा, वा डाली फल लाइयो जी।

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