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Wednesday, 6 July 2022

आँगणा थे आओ विनायक पावणा

 

आँगणा थे आओ विनायक पावणा, आओ म्हारे पावणा, थे पुरी करो म्हारी कामना,

सूंड-सुंडाला, दुंद-दुन्दाला, मुसे का असवार जी,

दो नारी दो बाळक संग म, खड्या हैं म्हारे द्वार जी,

 

काईं थारो नाम है, कुण सो थारो गाँव जी,

काईं थारा मात-पिता जी रा नाम जी, काई कुटुंब कबिलारी पिछाण जी,

 

गजानन है नाम म्हारो, रणतभंवर म्हारो धाम जी,

पिताजी म्हारा शिवशंकर जी, त्रिलोकी रा नाथ जी,

माता म्हारी पार्वती शक्ति रो अवतार जी,

भाई म्हारो कार्तिक, जग रो पालनहार जी,

मोर की असवारी बांकी, मुरुगन नाम जी,

राण्या म्हारी रिद्धि-सिद्धि, शुभ-लाभ संतान जी,

बेटी म्हारी संतोषी, दूर करे संताप जी,

याही म्हारे कुटुम्ब-कबीला री पिछाण जी,

 

धन घड़ी, धन भाग, गजानन थे म्हारे घर आया जी,

रिद्धि-सिद्धि न ल्याया जी, सागे शुभ-लाभ न ल्याया जी

 

धोया-धोया थाळ, परोस्या मोदक भात जी,

आओ-आओ गजानन जी जीमो मोदक भात जी,

आओ-आओ शुभ-लाभ जी जीमो मोदक भात जी,

आओ-आओ रिद्धि-सिद्धि जी, जीमो मोदक भात जी,

जीमो मोदक भात जिमाओ म्हाने साथ जी,

राजा को रूप दीज्यो, कंचन सी काया जी,

पूत तो सपूत दीज्यो, अन-धन माया जी,

"लक्ष्मी देवी" जो नर-नारी, विनायक न ध्यावे जी,

 

सृष्टि का सुख भोग करे और बैकुंठा फळ पावे जी...

 

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Wednesday, 29 June 2022

सच्चिया माता - रातीजोगा का गीत

 

अगर माता का नाम मालूम न हो तो सच्चिया माता सबकी माता है। ऐसेमें ये गीत आप शुभ प्रसंगो पर दिए जाने वाले रातीजोगे के अवसर पर गा सकते है।

 

माता लीली सी टोपी हारीयासा बसतर ।

ये कांई ये म्हारी सच्चीया माता ऊभा बडतल जी । ।

म्हें तो जोवा छा र ज़वारा छा ।

म्हारा सेवगडारी जात ज ओ म्हारा जातीडारी बाडज़ ओ ।

म्हें तो जाना ओ, *सुरेंद्रजी रा **आशीषकुमारजी जात पधार सी जी। 

जाती आवला मन भावला, ब्यारा बेटा पोतारी जात ओ,

ब्यारा भाई वो भतीजा री जा त औ, थे तो चोढो ओ,

***गिलड़ारी ओ रान्या लचपच लापसी जी।

थे तों ओढावो औ, ***गिलड़ारी ओ रान्या , बोरंग चूंदड जी,

परावो ओ ***गिलड़ारी ओ रान्या दा त्यों चुढलोजी।

थे तो चढावो जो ***गिलड़ारा ओ कंवर लोलडा नारेळा जी।।

 

*सुरेंद्रजी की जगह पिता का नाम लेना।

**आशीषकुमारजी की जगह बेटे का नाम लेना।  इस तरह घरके सभी पुरुषो और लड़को के नाम लेकर ये लाइन बार बार गाना।

***गिलड़ा की जगह जिस घर में विवाह है उनका सरनेम लेना।

 

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Wednesday, 22 June 2022

चालो बिनायक आपा जोशीडारे चाला

 

सूंड सुंडाळो बाबा बाबो धूंड धूंडालो

ओछिसी पिंडया कामण गाराओ राज।। म्हारा बिरद बिनायक ।।टेर।।

 

चालो बिनायक आपा जोशीडारे चाला

चालो बिनायक आपा जोशीडारे चाला

चोखा चोखा लगन लिखावा ओ राज म्हारा बिरद विनायक।। १।।

 

चालों बिनायक आपा सोनीडारे चाला

चालों बिनायक आपा सोनीडारे चाला

चोखा चोखा गेना घडावा ओ राज।। म्हारा बिरद बिनायक।।२।।

 

चालो बिनायक आपा कंदोईरे चाला

चालो बिनायक आपा कंदोईरे चाला

सोखी चोखी छाबा मुलावा ओ राज।। म्हारा बिरद बिनायक।।३।।

 

चलो बिनायक आपा बाजाजारे चाला

चलो बिनायक आपा बाजाजारे चाला

चोखा चोखा शालू मुलावा ओ राज।। म्हारा बिरद बिनायक।।४।।

 

चालो विनायक आपा चिरोईरे चाला

चालो विनायक आपा चिरोईरे चाला

चोखा चोखा चुडला चिरावा ओ राज ।। म्हारा बिरद बिनायक ।।५।।

 

चाली बिनायक आपा तम्बोळीरे चाला

चाली बिनायक आपा तम्बोळीरे चाला

चोखा चोखा बिडला मुलावा ओ राज।। म्हारा बिरद बिनायक ।।६।।

 

चालो बिनायक आपा खतिडांरे चाला

चालो बिनायक आपा खतिडांरे चाला

चोखा चोखा ढोल्या मुलावा ओ राज ।। म्हारा विरद बिनायक ।।७।।

 

चालो बिनायक आपा खैरातीरे चाला

चालो बिनायक आपा खैरातीरे चाला

चोखी चोखी चुंदड़ी मुलावा ओ राज ।। म्हारा विरद बिनायक ।।८।।

 

चालो बिनायक आपा लखारारे चाला

चालो बिनायक आपा लखारारे चाला

चोखा चोखा मुठ्या मुलावा ओ राज ।। म्हारा विरद बिनायक ।।९।।

 

चालो बिनायक आपा मोदीजीरे चाला

चालो बिनायक आपा मोदीजीरे चाला

चोखा चोखा इत्तर मुलावा ओ राज ।। म्हारा विरद बिनायक ।।१०।।

 

चालो बिनायक आपा पूरब देशारे चाला

चालो बिनायक आपा पूरब देशारे चाला

चोखा चोखा पलड़ा मुलावा ओ राज ।। म्हारा विरद बिनायक ।।११।।

 

चालो  बिनायक आपा सजनारे चाला

चालो  बिनायक आपा सजनारे चाला

चोखी चोखी बनडी परणीजां ओ राज।। म्हारा बिरद बिनायक।।१२।।

 

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Wednesday, 15 June 2022

गणपती बाबा म्हारो काज सुधारोजी

 

रुणझुण रुणझुण पगल्या मायली पायल बाजेजी।

गणपती बाबा म्हारो कारज सुधारोजी।।टेर।।

 

तांबेके घडामे पानी तपाया, न्हाय धोय थाने सजायोजी। 

दूणी दूणी बरकत दीजोजी, गजानन बाबा मीठा मीठा रहिज्योजी।

गणपती बाबा म्हारो कारज सुधारोजी।।१।।

 

तांबेकेपरात में चरण पखा-या, रेशमका रुमाल सु पाँव पोछयाजी। 

दूणी दूणी बरकत दीजोजी, गजानन बाबा मीठा मीठा रहिज्योजी।

गणपती बाबा म्हारो कारज सुधारोजी।।२।।

 

चांदी का प्याला म दूध बनायो, केसर मेवा रा साथे पीवोजी।

दूणी दूणी बरकत दीजोजी, गजानन बाबा मीठा मीठा रहिज्योजी।

गणपती बाबा म्हारो कारज सुधारोजी।।३।।

 

चांदी का थाली म भोजन परोस्यो, मोदक मिठाई को भोग लगाओजी।

दूणी दूणी बरकत दीजोजी, गजानन बाबा मीठा मीठा रहिज्योजी।

गणपती बाबा म्हारो कारज सुधारोजी।।४।।

 

सोना का झारी म शरबत दियो, बर्फ रा साथे पीवोजी।

दूणी दूणी बरकत दीजोजी, गजानन बाबा मीठा मीठा रहिज्योजी।

गणपती बाबा म्हारो कारज सुधारोजी।।५।।

 

बंगलेके पान के बिडले बनाये। लौंग इलायची रा साथे खावोजी।

दूणी दूणी बरकत दीजोजी, गजानन बाबा मीठा मीठा रहिज्योजी।

गणपती बाबा म्हारो कारज सुधारोजी।।६।।

 

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Wednesday, 8 June 2022

बिनायक - डगमग चाल

 

छोटोसो बीनायक डगमग चाल चार लाडू हाथम।

एक  लाडू देओ बिनायकजी  *लाड़लीरा बापन।

खावो पीवो सब जना *लाड़लीरा व्याव म। छोटोसो ----

एक  लाडू देओ बिनायकजी  *लाड़लीरा बाबाजीन।

खावो पीवो सब जना *लाड़लीरा व्याव म। छोटोसो ----

एक  लाडू देओ बिनायकजी  *लाड़लीरा दादाजीन।

खावो पीवो सब जना *लाड़लीरा व्याव म। छोटोसो ----

एक  लाडू देओ बिनायकजी  *लाड़लीरा काकाजीन।

खावो पीवो सब जना *लाड़लीरा व्याव म। छोटोसो ----

एक  लाडू देओ बिनायकजी  *लाड़लीरा मामाजीन।

खावो पीवो सब जना *लाड़लीरा व्याव म। छोटोसो ----

एक  लाडू देओ बिनायकजी  *लाड़लीरा मासाजीन।

खावो पीवो सब जना *लाड़लीरा व्याव म। छोटोसो ----

एक  लाडू देओ बिनायकजी  *लाड़लीरा फूफाजीन।

खावो पीवो सब जना *लाड़लीरा व्याव म। छोटोसो ----

एक  लाडू देओ बिनायकजी  *लाड़लीरा बीराजीन।

खावो पीवो सब जना *लाड़लीरा व्याव म। छोटोसो ----

एक  लाडू देओ बिनायकजी  *लाड़लीरा जीजाजीन।

खावो पीवो सब जना *लाड़लीरा व्याव म। छोटोसो ----

 

*लाड़ली का यहाँ मतलब बनी (दुल्हन) से है। अगर घरमे लड़के की शादी है तो लाडली के जगह लाड़ला कहना और ये गीत गाना।

इसी तरह ये लाइन बार बार गाना है और सभी रिस्तेदारोके नाम लेना है।

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Wednesday, 1 June 2022

जान चढ़े जरा

 

तू क्यू केसरिया बनड़ा उनमनोजी,
जान चढ़ेला *कासबजीरा जोद तो 
**सुरजजी जान पधारीजी। 

** सूरजजी के जगह जान में जानेवाले व्यक्ति का नाम लेना। 
*कासबजी के जगह जान में जानेवाले व्यक्ति के पिता का नाम लेना। 

जान - बरात 
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Wednesday, 18 May 2022

गोखरू सोना का

 

म्हाणे बनवादो  भरतार गोखरू सोना  का । टेर 
अब  गया जमाना नार गोखरू बणया का । टेर

रखडी सारी फूटगीजी कोई झेला गया सब टूट। 
हार गला को घीस गयोजी  या नहीं बोलू मैं झूठ ।
घडवादयो पुंच भंदार।  गोखरू सोना का ।

टूटयो जेवर कामणीजो सब रखो तिजोरी मांय ।
दूजो  अब  नहीं बण  सकेजी  थे  सुणल्यो  चित्त लगाय। 
देखों अब सपना नार । गोया सोना का ।।

दो महीना के छेवड़े जी आयो लाडकंवर रो ब्याव ।
जेवर बिना कांई पैरस्यूं जी मने जेवर को घणो चाव ।
करवायदो  कियांई तैयार । गोखरू सोना का ।।

बंदिश पूरी होंगईजी सोनो नहीं घड़ सके सुनार ।
नयो सोनो  भी  नहीं मिलेजी बंद कर दीयो सरकार ।
उठ गया है कारोबार  । गोखरु मोना का । ।

सुनार काम बंद कर दियो तो थे सीधा ही ल्यावो  जार।
नया बाजार चौफ्ड के मांहीजी जेवर मिले बण्यो तैयार।
झट जावो ल्यावो तुलार । गोखरू सोना का । ।

सीधो भी अब नहीं मिलेजी जेवर सोना को सुण नार।
कहे माधोसिंह सोना पाछेजी होगया केई लोग बेकार। 
कहे गुरु नंदजी बेडा पार । गोखरू सोना का । 

Wednesday, 11 May 2022

म्हारी हथेल्या

 

म्हारी हथेल्या रे बिच छाला पड़ग्या म्हारा मारूजी ।
मै पालो कैया काटूली। ओ म्हारा बालमजो मैं पालो कैयां काटूली। टेर। 

रोटी नहीं भावे म्हाने लापसी नहीं भावे ।
शीरा खातिर पेट म्हारो दुखे म्हारा मारुजी । मैं पालो ।

गाडी में नहीं बैठु मैं तो मोटर में नहीं बैठु। 
चालण के खातिर पग दुखे म्हारा मारुजी । मैं पालो ।

रखडी तो घड़ादी म्हारा मारुजी थे म्हाने। 
झूटणियारी गहरी मन में आवे म्हारा मारुजी । मैं पालो ।

जैपरियो दिखादियो ढोला दिल्ली भी दिखादी ।
म्हाने आगरा रो सैल करादयो म्हारा मारुजी।  मैं पालो ।

लादू  नहीं भावे म्हाने पेड़ा नहीं भावे ।
घेवरीयारी गहरी मन में आवें म्हारा मारुजी । मैं पालो

डोल्या रो काट अडावलियारो काटयो ।
इण खेतांरो पालो किण कर काटू म्हारा मारूजी । मैं पालो। 

Wednesday, 4 May 2022

काकडी मतीरा

 

काकडी मतीरा खास्यां खुब डटके ।
देश में चालोनी ढोला मन भटके । टेर

काकडी मतीरां खास्यां नाडी आला खेत में ।
आपां दीनू कुस्ती आस्या  ठंडी बालू रेत में ।
कुण हारेजी देखां कुण जीते।  देश में चालोनी

जैपुर की साडी ढोला चुडी अजमेर की।
आगरा को घागरो चोली बीकानेर की ।
जोधपुर का आटी डोरा फ़ूँदो लटके । देश में चालोनी

बाजरा की रोटी गोरी ताती ताती खाबा ने ।
गुवारफली को साग ढोला ऊपर लूंदो लेवण ने ।
ऊँटड़ा पर कूंची बांधो चालों झटके ।। देश में चालोनी

Tuesday, 26 April 2022

पितरों का गीत रीति-रिवाज

  

 

छोटी सी बादली बिन बादल झड लगाइयो

ये बादली के कारण म्हारा सुखा समुन्दर भराइयो

ये समुन्द्रा के कारण म्हारा सकल पीतर नहाइयो

नहाया धोया म्हारा सकल पितर कपड़ा तो पहरो जी

सोलह हाथ पछेवड़ी हमारे पितरा न कपड़ा तो पहरो

पहरा तो ओढ़ा म्हारा सकल पितर भोजन करेंगे

बीज खरबूजा लाडुडा म्हारे पितरा न भोजन करवाओ

जिमां तो जूठा म्हारे पितरा न चलुए कराओ

नहाया तो धोया म्हारा मुरारी लाल पगा ए पड़ेगा जी,

नहाया तो धोया म्हारा सीताराम पगा ए पड़ेगा जी

अन्न-धन्न लक्ष्मी म्हारै अमित न देवो जी

अन्न-धन्न लक्ष्मी म्हारै अनूप न देवो जी

गोद जुडला बहू दीपा न देवोगोद जुडला बहू संध्या न देवो

छोटी सी बादली बिन बादल झड लगाइयो जी

ये बादली के कारण म्हारा सुखा समुन्दर भराईयो

नोट: सभी के नाम लेने हैं ।

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Saturday, 23 April 2022

जय गणेश देवा।

 आरती

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

लडुअन के भोग लागे, सन्त करें सेवा। जय ..

एकदन्त, दयावन्त, चार भुजाधारी।

मस्तक सिन्दूर सोहे, मूसे की सवारी॥ जय ..

अन्धन को आंख देत, कोढि़न को काया।

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥ जय ..

हार चढ़े, पुष्प चढ़े और चढ़े मेवा।

सब काम सिद्ध करें, श्री गणेश देवा॥

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

विघ्न विनाशक स्वामी, सुख सम्पत्ति देवा॥ जय ..

पार्वती के पुत्र कहावो, शंकर सुत स्वामी।

गजानन्द गणनायक, भक्तन के स्वामी॥ जय ..

ऋद्धि सिद्धि के मालिक मूषक सवारी।

कर जोड़े विनती करते आनन्द उर भारी॥ जय ..

प्रथम आपको पूजत शुभ मंगल दाता।

सिद्धि होय सब कारज, दारिद्र हट जाता॥ जय ..

सुंड सुंडला, इन्द इन्दाला, मस्तक पर चंदा।

कारज सिद्ध करावो, काटो सब फन्दा॥ जय ..

गणपत जी की आरती जो कोई नर गावै।

तब बैकुण्ठ परम पद निश्चय ही पावै॥ जय .

Saturday, 16 April 2022

देवी का गीत

  

उच्चा री कोट सुरंग दे मेरी जाल माँतेरी हरियल पीपल बाहर मेरी माँ

उच्चा री पिपल रानी पडी ए पंचालीम्हारै जै कोई झुलन आवे मेरी माँ

देवी री झुलै रानी लोकड़ियां झुलावैम्हारै धन राजा झोटे देव मेरी माँ

पहला री झोटा रानी हार गुमायादूजा कान की बाली मेरी माँ

तीजा री झोटा रानी होई ए तिसाईजै कोई पानीड़ा पिलाव मेरी माँ

कोरा री घड़वा रानी षीतल पानीधन राजा आन पिलावै मेरी माँ

सोवो के जागो म्हारी आज भवानीथारै धोलै गढ़ बुगले छाई मेरी माँ

तिल-तिल सोऊ रानी जोए-जोए जागु,

म्हारै धोलैगढ़ जोत संवाई मेरी माँ

गले रानी थारै सतलैड़ा सोवैथारै ऊपर हार हजारी मेरी माँ

कान रानी थारै कुण्डल सोवैऊपर तोता वाली मेरी माँ

अंग रानी थार साड़ी सोवैऊपर चून्दड भारी मेरी माँ

हाथ रानी थारै चुड़ला सोवैथारै मेहँदा री जोत सुवाई मेरी माँ

पैर रानी थारै पायल सोवैथारै बिछुवा नै रुण झुण लाई मेरी माँ

सवा ए तो मण की रानी करूँ ए कढ़ाई,

थारै सोने का छत्र चढ़ाऊँ मेरी माँ

इबक तो गुनाहे बकस दे भवानीतेरी जय-जय करती आऊँ मेरी माँ

तेरै गोद झडु़ला लाऊँ मेरी माँसदा ए गठ जोड़े से आऊँ मेरी माँ

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Tuesday, 29 March 2022

शीतला माता

 जय माता दी मित्रों और सखियों शीतला माता की कथा आपके लिए लेकर आयी हु। 

यह कथा बहुत पुरानी है। एक बार शीतला माता ने सोचा कि चलो आज देखु कि धरती पर मेरी पूजा कौन करता हैकौन मुझे मानता है। यही सोचकर शीतला माता धरती पर राजस्थान के डुंगरी गाँव में आई और देखा कि इस गाँव में मेरा मंदिर भी नही हैना मेरी पुजा है।

माता शीतला गाँव कि गलियो में घूम रही थीतभी एक मकान के ऊपर से किसी ने चावल का उबला पानी (मांडनिचे फेका। वह उबलता पानी शीतला माता के ऊपर गिरा जिससे शीतला माता के शरीर में (छालेफफोले पड गये। शीतला माता के पुरे शरीर में जलन होने लगी।

शीतला माता गाँव में इधर उधर भाग भाग के चिल्लाने लगी अरे में जल गईमेरा शरीर तप रहा हैजल रहा हे। कोई मेरी मदद करो। लेकिन उस गाँव में किसी ने शीतला माता कि मदद नही करी। वही अपने घर के बहार एक कुम्हारन (महिलाबेठी थी। उस कुम्हारन ने देखा कि अरे यह बूढी माई तो बहुत जल गई है। इसके पुरे शरीर में तपन है। इसके पुरे शरीर में (छालेफफोले पड़ गये है। यह तपन सहन नही कर पा रही है।

तब उस कुम्हारन ने कहा है माँ तू यहाँ आकार बैठ जामैं तेरे शरीर के ऊपर ठंडा पानी डालती हूँ। कुम्हारन ने उस बूढी माई पर खुब ठंडा पानी डाला और बोली है माँ मेरे घर में रात कि बनी हुई राबड़ी रखी है थोड़ा दही भी है। तू दही-राबड़ी खा लें। जब बूढी माई ने ठंडी (जुवारके आटे कि राबड़ी और दही खाया तो उसके शरीर को ठंडक मिली।

तब उस कुम्हारन ने कहा  माँ बेठ जा तेरे सिर के बाल बिखरे हे ला में तेरी चोटी गुथ देती हु और कुम्हारन माई कि चोटी गूथने हेतु (कंगीकागसी बालो में करती रही। अचानक कुम्हारन कि नजर उस बुडी माई के सिर के पिछे पड़ी तो कुम्हारन ने देखा कि एक आँख वालो के अंदर छुपी हैं। यह देखकर वह कुम्हारन डर के मारे घबराकर भागने लगी तभी उसबूढी माई ने कहा रुक जा बेटी तु डर मत। मैं कोई भुत प्रेत नही हूँ। मैं शीतला देवी हूँ। मैं तो इस घरती पर देखने आई थी कि मुझे कौन मानता है। कौन मेरी पुजा करता है। इतना कह माता चारभुजा वाली हीरे जवाहरात के आभूषण पहने सिर पर स्वर्णमुकुट धारण किये अपने असली रुप में प्रगट हो गई।

माता के दर्शन कर कुम्हारन सोचने लगी कि अब में गरीब इस माता को कहा बिठाऊ। तब माता बोली है बेटी तु किस सोच मे पड गई। तब उस कुम्हारन ने हाथ जोड़कर आँखो में आसु बहते हुए कहाहै माँ मेरे घर में तो चारो तरफ दरिद्रता है बिखरी हुई हे में आपको कहा बिठाऊ। मेरे घर में ना तो चौकी हैना बैठने का आसन। तब शीतला माता प्रसन्न होकर उस कुम्हारन के घर पर खड़े हुए गधे पर बैठ कर एक हाथ में झाड़ू दूसरे हाथ में डलिया लेकर उस कुम्हारन के घर कि दरिद्रता को झाड़कर डलिया में भरकर फेक दिया और उस कुम्हारन से कहा है बेटी में तेरी सच्ची भक्ति से प्रसन्न हु अब तुझे जो भी चाहिये मुझसे वरदान मांग ले।

क्यों मनाया जाता है शीतलाष्टमी का त्यौहार

तब कुम्हारन ने हाथ जोड़ कर कहा है माता मेरी इच्छा है अब आप इसी (डुंगरीगाँव मे स्थापित होकर यही रहो और जिस प्रकार आपने आपने मेरे घर कि दरिद्रता को अपनी झाड़ू से साफ़ कर दूर किया ऐसे ही आपको जो भी होली के बाद कि सप्तमी को भक्ति भाव से पुजा कर आपको ठंडा जलदही  बासी ठंडा भोजन चढ़ाये उसके घर कि दरिद्रता को साफ़ करना और आपकी पुजा करने वाली नारि जाति (महिलाका अखंड सुहाग रखना। उसकी गोद हमेशा भरी रखना। साथ ही जो पुरुष शीतला सप्तमी को नाई के यहा बाल ना कटवाये धोबी को कपडे धुलने ना दे और पुरुष भी आप पर ठंडा जल चढ़ाकरनरियल फूल चढ़ाकर परिवार सहित ठंडा बासी भोजन करे उसके काम धंधे व्यापार में कभी दरिद्रता ना आये।

तब माता बोली तथाअस्तु है बेटी जो तुने वरदान मांगे में सब तुझे देती हु  है बेटी तुझे आर्शिवाद देती हूँ कि मेरी पुजा का मुख्य अधिकार इस धरती पर सिर्फ कुम्हार जाति का ही होगा। तभी उसी दिन से डुंगरी गाँव में शीतला माता स्थापित हो गई और उस गाँव का नाम हो गया शील कि डुंगरी। शील कि डुंगरी में शीतला माता का मुख्य मंदिर है। शीतला सप्तमी पर वहाँ बहुत विशाल मेला भरता है। इस कथा को पढ़ने से घर कि दरिद्रता का नाश होने के साथ सभी मनोकामना पुरी होती है।


अंततक पढ़ने के लिए धन्यवाद। यह कहानी ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पंहुचा दीजिये और निचे कमेंट में  एकबार शीतला माता का जयकारा लगा दीजिये। जय माता दी। 

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