रुणझुण रुणझुण पगल्या मायली पायल बाजेजी।
गणपती बाबा म्हारो कारज सुधारोजी।।टेर।।
तांबेके घडामे पानी तपाया, न्हाय धोय थाने सजायोजी।
दूणी दूणी बरकत दीजोजी, गजानन बाबा मीठा मीठा रहिज्योजी।
गणपती बाबा म्हारो कारज सुधारोजी।।१।।
तांबेकेपरात में चरण पखा-या, रेशमका रुमाल सु पाँव पोछयाजी।
दूणी दूणी बरकत दीजोजी, गजानन बाबा मीठा मीठा रहिज्योजी।
गणपती बाबा म्हारो कारज सुधारोजी।।२।।
चांदी का प्याला म दूध बनायो, केसर मेवा रा
साथे पीवोजी।
दूणी दूणी बरकत दीजोजी, गजानन बाबा मीठा मीठा रहिज्योजी।
गणपती बाबा म्हारो कारज सुधारोजी।।३।।
चांदी का थाली म भोजन परोस्यो, मोदक मिठाई को
भोग लगाओजी।
दूणी दूणी बरकत दीजोजी, गजानन बाबा मीठा मीठा रहिज्योजी।
गणपती बाबा म्हारो कारज सुधारोजी।।४।।
सोना का झारी म शरबत दियो, बर्फ रा साथे पीवोजी।
दूणी दूणी बरकत दीजोजी, गजानन बाबा मीठा मीठा रहिज्योजी।
गणपती बाबा म्हारो कारज सुधारोजी।।५।।
बंगलेके पान के बिडले बनाये। लौंग इलायची रा साथे खावोजी।
दूणी दूणी बरकत दीजोजी, गजानन बाबा मीठा मीठा रहिज्योजी।
गणपती बाबा म्हारो कारज सुधारोजी।।६।।
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