उच्चा री कोट सुरंग दे मेरी जाल माँ, तेरी हरियल पीपल बाहर मेरी माँ
उच्चा री पिपल रानी पडी ए पंचाली, म्हारै जै कोई झुलन आवे मेरी माँ
देवी री झुलै रानी लोकड़ियां झुलावै, म्हारै धन राजा झोटे देव मेरी माँ
पहला री झोटा रानी हार गुमाया, दूजा कान की बाली मेरी माँ
तीजा री झोटा रानी होई ए तिसाई, जै कोई पानीड़ा पिलाव मेरी माँ
कोरा री घड़वा रानी षीतल पानी, धन राजा आन पिलावै मेरी माँ
सोवो के जागो म्हारी आज भवानी, थारै धोलै गढ़ बुगले छाई मेरी माँ
तिल-तिल सोऊ रानी जोए-जोए जागु,
म्हारै धोलैगढ़ जोत संवाई मेरी माँ
गले रानी थारै सतलैड़ा सोवै, थारै ऊपर हार हजारी मेरी माँ
कान रानी थारै कुण्डल सोवै, ऊपर तोता वाली मेरी माँ
अंग रानी थार साड़ी सोवै, ऊपर चून्दड भारी मेरी माँ
हाथ रानी थारै चुड़ला सोवै, थारै मेहँदा री जोत सुवाई मेरी माँ
पैर रानी थारै पायल सोवै, थारै बिछुवा नै रुण झुण लाई मेरी माँ
सवा ए तो मण की रानी करूँ ए कढ़ाई,
थारै सोने का छत्र चढ़ाऊँ मेरी माँ
इबक तो गुनाहे बकस दे भवानी, तेरी जय-जय करती आऊँ मेरी माँ
तेरै गोद झडु़ला लाऊँ मेरी माँ, सदा ए गठ जोड़े से आऊँ मेरी माँ
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