आँगणा
थे आओ विनायक पावणा, आओ म्हारे पावणा, थे पुरी करो म्हारी कामना,
सूंड-सुंडाला, दुंद-दुन्दाला, मुसे का असवार जी,
दो
नारी दो बाळक संग म, खड्या हैं म्हारे द्वार जी,
काईं
थारो नाम है, कुण सो थारो गाँव जी,
काईं
थारा मात-पिता जी रा नाम जी, काई
कुटुंब कबिलारी पिछाण जी,
गजानन
है नाम म्हारो, रणतभंवर म्हारो धाम जी,
पिताजी
म्हारा शिवशंकर जी, त्रिलोकी रा नाथ जी,
माता
म्हारी पार्वती शक्ति रो अवतार जी,
भाई
म्हारो कार्तिक, जग रो पालनहार जी,
मोर
की असवारी बांकी, मुरुगन नाम जी,
राण्या
म्हारी रिद्धि-सिद्धि, शुभ-लाभ संतान जी,
बेटी
म्हारी संतोषी, दूर करे संताप जी,
याही
म्हारे कुटुम्ब-कबीला री पिछाण जी,
धन
घड़ी, धन भाग, गजानन
थे म्हारे घर आया जी,
रिद्धि-सिद्धि
न ल्याया जी, सागे शुभ-लाभ न ल्याया जी
धोया-धोया
थाळ, परोस्या मोदक भात जी,
आओ-आओ
गजानन जी जीमो मोदक भात जी,
आओ-आओ
शुभ-लाभ जी जीमो मोदक भात जी,
आओ-आओ
रिद्धि-सिद्धि जी, जीमो मोदक भात जी,
जीमो
मोदक भात जिमाओ म्हाने साथ जी,
राजा
को रूप दीज्यो, कंचन सी काया जी,
पूत
तो सपूत दीज्यो, अन-धन माया जी,
"लक्ष्मी देवी" जो नर-नारी, विनायक न ध्यावे जी,
सृष्टि
का सुख भोग करे और बैकुंठा फळ पावे जी...
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