कुछ पास आयेंगे,
कुछ
दूर जायेंगे।
बहुत
कम लोग ही है,
जो
निस्वार्थ रिश्ते निभायेंगे।।
===========
बाबा
को सब एक बराबर,
अमीर
है या गरीब है
निस्वार्थ
भजन जो करता है,
वो
बस थोड़ा करीब है
============
मित्रता
कोई स्वार्थ नहीं,बल्कि एक विश्वास है।
जहां
सुख में हंसी,
मज़ाक
से लेकर,
संकट
में साथ देने की जिम्मेदारी होती है।
यहां
झूठे वादे नहीं,बल्कि
सच्ची कोशिशें की जाती हैं।
=========
सभी
को साथ रखिये
लेकिन
- साथ में कभी स्वार्थ मत रखिये
गलत
सोच और गलत अंदाजा
इंसान
को हर रिश्ते से
गुमराह
कर देता है
===========
नि:स्वार्थ
कर्म करते रहो,
जो
भी होगा,
अच्छा
हीं होगा!
थोड़ा
विलंब होगा,
पर
सर्वश्रेष्ठ होगा!!
=========
कौन
जाने क्या पाप ,
क्या
पुण्य ,
बस
किसी का दिल न दुखे
अपने
स्वार्थ के लिए ,
बाकी
सब कुदरत पर छोड़ दो
ना
पैसा बड़ा ना पद बड़ा ।
मुसीबत
में जो साथ खड़ा वो सबसे बड़ा ।।
==========
रिश्तो की सिलाई
अगर
भावनाओ से हुई है
तो टूटना मुश्किल
है
और अगर स्वार्थ
से हुई है,
तो टिकना मुश्किल
है
===========
Comment Jay Shree Ram
No comments:
Post a Comment