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Sunday 31 March 2019

शायरी के पन्ने



1)
क्या इतने दूर निकल आये हैं हम
कि तेरे ख्यालों में भी नहीं आते
2)
एहसास तो उसको भी बहुत है मेरी मोहब्बत का
वो तड़पाते इसलिए है कि मैं और भी टूट के चाहूँ उसे
3)
नही है कोई रंग तुझ सा.
और ना ही रंगा उस रंग में कोई मुझसा.    
4)
सिखा दिया है जहां ने हर जख्म पर हंसना ,
देख जिंदगी अब हम तुझसे नहीं डरते ..
5)
नहीं जीना मुझे अब उस नकली अपनों के मेले में
खुश रहने की कोशिश कर लूंगा खुद हीं अकेले में
6)
जिनके पास अपने हैं, वो अपनों से झगड़ते हैं
जिनका कोई नहीं अपना, वो अपनों को तरसते हैं..।
7)
कल न हम होंगे न गिला होगा।
सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिललिसा होगा।
जो लम्हे हैं चलो हंसकर बिता लें।
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा।
8)
ख़ुद को मेरे दिल में छोड़ गये हों,
तुम्हें ठीक से बिछड़ना भी नहीं आता !
9)
आदत बना ली मैंने खुद को तकलीफ देने की ,
ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे तो ज्यादा तकलीफ ना हो…!
10)
जहाँ अपनो की याद न आए वो तन्हाई किस काम की,
बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की,
बेशक अपनी मंज़िल तक जाना है,
पर जहाँ से अपने ना दिखे वो ऊंचाई किस काम की..

तीसरी बकरी


रोहित और मोहित बड़े शरारती बच्चे थे, दोनों 5th स्टैण्डर्ड के स्टूडेंट थे और एक साथ ही स्कूल आया-जाया करते थे। एक दिन जब स्कूल की छुट्टी हो गयी तब मोहित ने रोहित से कहा, “दोस्त, मेरे दिमाग में एक आईडिया है?”
बताओ-बताओक्या आईडिया है?”, रोहित ने एक्साईटेड होते हुए पूछा।
मोहित- वो देखो, सामने तीन बकरियां चर रही हैं।
रोहित-  तो! इनसे हमे क्या लेना-देना है?
मोहित- हम आज सबसे अंत में स्कूल से निकलेंगे और जाने से पहले इन बकरियों को पकड़ कर स्कूल में छोड़ देंगे, कल जब स्कूल खुलेगा तब सभी इन्हें खोजने में अपना समय बर्वाद करेगे और हमें पढाई नहीं करनी पड़ेगी
रोहित- पर इतनी बड़ी बकरियां खोजना कोई कठिन काम थोड़े ही है, कुछ ही समय में ये मिल जायेंगी और फिर सबकुछ नार्मल हो जाएगा….
मोहित- हाहाहायही तो बात है, वे बकरियां आसानी से नहीं ढूंढ पायेंगे, बस तुम देखते जाओ मैं क्या करता हूँ!
इसके बाद दोनों दोस्त छुट्टी के बाद भी पढ़ायी के बहाने अपने क्लास में बैठे रहे और जब सभी लोग चले गए तो ये तीनो बकरियों को पकड़ कर क्लास के अन्दर ले आये।
अन्दर लाकर दोनों दोस्तों ने बकरियों की पीठ पर काले रंग का गोला बना दिया। इसके बाद मोहित बोला, अब मैं इन बकरियों पे नंबर डाल देता हूँ।, और उसने सफेद रंग से नंबर लिखने शुरू किये-
पहली बकरी पे नंबर 1
दूसरी पे नंबर 2
और तीसरी पे नंबर 4
ये क्या? तुमने तीसरी बकरी पे नंबर 4 क्यों डाल दिया?, रोहित ने आश्चर्य से पूछा।
मोहित हंसते हुए बोला,  दोस्त यही तो मेरा आईडिया है, अब कल देखना सभी तीसरी नंबर की बकरी ढूँढने में पूरा दिन निकाल देंगेऔर वो कभी मिलेगी ही नहीं
अगले दिन दोनों दोस्त समय से कुछ पहले ही स्कूल पहुँच गए। थोड़ी ही देर में स्कूल के अन्दर बकरियों के होने का शोर मच गया।
कोई चिल्ला रहा था, चार बकरियां हैं, पहले, दुसरे और चौथे नंबर की बकरियां तो आसानी से मिल गयींबस तीसरे नंबर वाली को ढूँढना बाकी है।
स्कूल का सारा स्टाफ तीसरे नंबर की बकरी ढूढने में लगा गयाएक-एक क्लास में टीचर गए अच्छे से तालाशी ली। कुछ खोजू वीर स्कूल की छतों पर भी बकरी ढूंढते देखे गएकई सीनियर बच्चों को भी इस काम में लगा दिया गया। तीसरी बकरी ढूँढने का बहुत प्रयास किया गया…. पर बकरी तब तो मिलती जब वो होतीबकरी तो थी ही नहीं!
आज सभी परेशान थे पर रोहित और मोहित इतने खुश पहले कभी नहीं हुए थे। आज उन्होंने अपनी चालाकी से एक बकरी अदृश्य कर दी थी।
इस कहानी को पढ़कर चेहरे पे हलकी सी मुस्कान आना स्वाभाविक है। पर इस मुस्कान के साथ-साथ हमें इसमें छिपे सन्देश को भी ज़रूर समझना चाहिए। तीसरी बकरी, दरअसल वो चीजें हैं जिन्हें खोजने के लिए हम बेचैन हैं पर वो हमें कभी मिलती ही नहीं…. क्योंकि वे reality में होती ही नहीं! हम ऐसी लाइफ चाहते हैं जो perfect हो, जिसमे कोई problem ही ना हो…. it does not exist! हम ऐसा life-partner चाहते हैं जो हमें पूरी तरह समझे जिसके साथ कभी हमारी अनबन ना हो….. it does not exist! हम ऐसी job या बिजनेस चाहते हैं, जिसमे हमेशा सबकुछ एकदम smoothly चलता रहे… it does not exist!
क्या ज़रूरी है कि हर वक़्त किसी चीज के लिए परेशान रहा जाए ?
ये भी तो हो सकता है कि हमारी लाइफ में जो कुछ भी है वही हमारे life puzzle को solve करने के लिए पर्याप्त हो…. ये भी तो हो सकता है कि जिस तीसरी चीज (aadarsh) की हम तलाश कर रहे हैं वो हकीकत में हो ही ना…. और हम पहले से ही complete हों ! इसलिए अदृश्य आदर्श की तलाश में अपनी life को spoil किये बगैर, वर्तमान में मस्त रहिये।

Saturday 30 March 2019

श्रीमती जी नाराज़ हो गईं


श्रीमती जी ने पूछा: इस बार एनिवर्सरी पर क्या गिफ्ट दे रहे हो ?
मैंने पूछा:  क्या एनिवर्सरी इसी महीने है ?
और श्रीमती जी नाराज़ हो गईं
समझ ही नहीं आया क्या हुआ?

श्रीमती जी ने कहा: क्या इस साल मैं उम्मीद रखूं कि गर्मी की छुट्टियों में हम कहीं  चलेंगे?
मैंने कहा: उम्मीद रखो। उम्मीद तो कभी छोड़नी नहीं चाहिए!
और श्रीमती जी नाराज़ हो गईं
मैंने तो पॉज़िटिव रिप्लाई ही दिया था

मैंने किताब में पढ़ा था पत्नी के खाने की तारीफ करो।
सो मैंने कहा: तुमने आज बहुत बढ़िया सब्ज़ी बनाई है। आज कुछ अलग ही स्वाद है!
और श्रीमती जी नाराज़ हो गईं
बिटिया ने बताया कि सब्ज़ी पड़ोस वाली आंटी दे गई थी। अब मेरी क्या गलती थी? क्या मैं अंतर्यामी था?

मैं वजन करने वाली डिजिटल मशीन लेकर आया था। उसके इंस्ट्रक्शन बुकलेट में लिखा था: Step on it gently,  otherwise the glass may break.
जब श्रीमती जी वजन करने के लिए चढ़ने लगी तो मैंने सावधान किया:
आराम से चढ़ना, वरना मशीन टूट जाएगी
और श्रीमती जी नाराज़ हो गईं
अब क्या सावधान करना भी गलत है?

आन मिलो सजना फ़िल्म का गाना चल रहा था:
वहीं जहां कोई आता जाता नहीं।
श्रीमती जी रोमांटिक मूड में बोली: क्यों न हम दोनों आज कहीं ऐसी जगह चलें जहां कोई आता जाता नहीं
मैं उसे अडवाणी जी के घर ले गया। और श्रीमती जी नाराज़ हो गईं

श्री मति जी सर्राफा बाजार में मेरी दुकान पर आई और बोली गले के लिए कुछ दिला दो । मैने विक्स की 2 गोली दिला दी।
साला समझ नही आया कि श्रीमती जी अब तक मुझसे नाराज क्यों है? अब मेरी क्या गलती?

Friday 29 March 2019

शायरी के पन्ने



1)
धड़कनों को बढ़ाती, साँसों को उलझाती ..
आँखों को बरसाती, ख़्वाहिशों को बढ़ाती ..
तस्वीर आपकी
2)
सांसे खर्च हो रही है बीती उम्र का हिसाब नहीं.
फिर भी जीए जा रहे हैं तुझे जिंदगी तेरा जवाब नहीं
3)
बुलाते रह जाते हैं.. बुलाने वाले
फिर कब लौटकर आते हैं. छोड़कर जाने वाले 
4)
जितना बदल सकता था ख़ुद को बदल लिया.
अब जिसको शिकायत है वो अपना रास्ता बदलें.
5)
वो समझें या ना समझें मेरे जजबात को,
मुझे तो मानना पड़ेगा उनकी हर बात को,
हम तो चले जायेंगे इस दुनिया से,
मगर आंसू बहायेंगे वो हर रात को
6)
बहुत हो चुका इंतेज़ार उनका,
अब और ज़ख़्म सहे जाते नही,
क्या बयान करें उनके सितम को,
दर्द उनके कहे जाते नही
7)
तुम्हें  सांसों की जरुरत है जीने  के लिए
लेकिन मुझे तुम्हारी जरुरत है जिन्दा रहने के लिए
8)
दिल  धड़कता है तो
डर सा लगा  रहता है!
कोई सुन ना ले,
मेरी  धड़कन मे नाम  तेरा.
9)
वो आंखों ही आंखों में करते हैं ऐसी बातें .
कि कानों कान किसी को खबर नहीं होती .
10)
रिश्ता उन से मेरा इस कदर बढ़ने लगा;
वो मुझे पढ़ने लगे, मैं उन्हें लिखने लगा..

Thursday 28 March 2019

संता बंता


1)
एक दिन संता को फांसी लगने वाली थी।
जेलर ने पूछा - कोई आखिरी ख्वाहिश।
संता- मुझे फांसी देते वक्त मेरे पैर ऊपर और सिर नीचे रखना।
2)
संता: आज इतनी ठंड क्यों है?
बंता:   सूरज नही निकला ना
संता:   क्यों नही निकला..?
बंता:--उसकी मम्मी ने नही निकलने दिया। बोली कि  ठंड में कहाँ जायेगा, पड़ा रह कम्बल में, फालतू  में पू्र्व से निकल कर पछ्चिम्. तक.. आवारागर्दी करेगा।
3)
संता - हम दोनों का रिश्ता कैसा है।
बंता - बेसन और पकौड़े जैसा ।
संता- वो कैसे
बंता - जब बेसन santa है तब पकौड़ा banta है ।
4)
संता अपनी टीचर से- मिस क्या आप मुझे रात को कॉल कर रही थीं?
मिस- नहीं तो
संता - कमाल है मेरे मोबाइल फोन पर लिखा था- मिस कॉल।।        
5)
संता बंता के घर गया वहां बंता की बीवी को देख कर बोला
संता:- तेरी और भाभी की जोड़ी तो 'राम-सीता की जोड़ी है।
बंता:- कहाँ यार ना तो ये धरती में 'समाती है और ना ही इसे कौई 'रावण ले जाता है
6)
जज बस खाई में कैसे गिरी, सारी सवारी मर गयी ?
संता साहब , मुझे नहीं पता ,
जज क्या ? पर गाड़ी तो तुम चला रहे थे ,
संता हाँ , पर उस दिन कंडक्टर नहीं आया था ,
तो मैं टिकट बनाने पीछे चला गया ,
जज बेहोश
7)
संता :- और रसगुल्ला लीजिये ना
मेहमान :- नहीं शुक्रिया, मैं पहले ही 3-4 खा चुका हूँ।..
संता :- खाये तो आपने 9 हैं, पर चलो यहाँ कौन गिन रहा है  
8)
संता आधा किलो जलेबी खाके बिना पैसे दिए जाने लगा;
दूकानदार: ओ भाई पैसे?
संता: नहीं हैं!
दुकानदार ने उसे कूट दिया;
वो उठकर कपड़े झाड़ते हुए बोला.. भैया इसी भाव में एक किलो और तौल दो
9)

संता पर बिजली का तार गिर गया
तड़प तड़प के मरने ही वाला था कि
अचानक…..
उसे याद आया बिजली तो 2 दिन से बंद है. वापस उठकर, हँसते हुए बोला,
सालायाद नहीं आता तो मर ही जाता!
10)

संता गांव में घूम रहा था ,
अचानक एक लड़का भागा हुआ आया
बोला गॉव में बाढ़ आ गयी है पानी तुम्हारे घर में घुस रहा है
संता -(लड़के को थप्पड़ मारते हुए) ओए साले झूठ क्यों बोलता है , घर की चाबी तो मेरे पास है

Wednesday 27 March 2019

संता बंता


1)
अख़बार में ऐड छपा पुराना मोबाइल दो और नया लो
संता उसके बताये पते पर गया वहां कोई दुकान नहीं थी|
वहाँ खड़े 2 लड़को से ऐड के बारे में पूछा|
लड़के बंदूक निकाल कर बोले- ऐड हमने ही दिया था ,निकाल पुराना मोबाइल और जाकर नया लेले|
2)
संता: यार तू अपनी बीवी को किस नाम से बुलाता है?
बंता: गूगल डार्लिंग
संता: यह कैसा नाम हुआ?
बंता: सवाल एक करो, 100 जवाब दे देती है
3)
संता (एयर होस्टेस से): आपकी शक्ल मेरी बीवी से मिलती है..

एयर होस्टेस ने ज़ोरदार थप्पड़संता के मुँह पर मारा..

संता: कमाल है, आदत भी वही है|
4)
बंटा :-यार ! मैं जो भी काम शुरू करता हूं मेरी बीवी बीच में आ जाती है ।
संता :-तू ट्रक चला कर देख, शायद किस्मत साथ दे दे |
5)
संता: तूने iPhone 7 लिया क्या

बंता: नहीं! जिससे बात करनी होती है, ऑटो लेकर उसके घर चला जाता हूँ, सस्ता पड़ता है।
6)
संता- यार मेनै सुना है की 2020 मै दुनिया खत्म हो जाएगी
बंन्ता-नहि याऱ
कल मेने बिडि का बण्डल लिया तो उस पर 2025 तक कि गांरटि थी
7)
संता : अगर नारियल के पेड़ पर चढ़ जाऊं, तो इंजीनियरिंग कॉलेज की लड़कियां दिख जाएंगी?
बंता : जरूर! और हाथ छोड़ दोगे तो मेडिकल कॉलेज की लड़कियां भी दिख जाएंगी.
8)
जेलर: तुम्हे कल सुबह 5 बजे फांसी दी जाएगी!
संता: हाहाहाहाहा
जेलर: क्या हुआ, हंस क्यों रहे हो?
संता: मैं तो उठता ही सुबह 9 बजे हूँ..
9)
संता: यार तेरी शादी क्युं नही हुई अब तक?
बंता: जाको राखे साइंया मार सके ना कोई
10)
संता :- उफ, ये पत्नियां हमें जीने भी नहीं देती
बंता :- हां और व्रत पर व्रत रखकर मरने भी नहीं देती….. 

Tuesday 26 March 2019

ख्वाब


1)
आरजू थी कि एक लम्हा जी लूँ तेरे कन्धे पै सर रख के
मगर ख्वाब तो ख्वाब हैं पूरे कहाँ होते हैं
2)
ख्वाब तो सब मीठे देखे थे मैंने

पर ताज्जुब है.
आँखों का पानी खारा कैसे हो गया
3)
सिर्फ ख्वाब होते तो क्या बात होती,
तुम तो ख्वाहिश बन बैठे, वो भी बेइंतहा
4)
फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने
उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने
वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी
समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।
5)
कभी तुम्हारी याद आती हैं तो कभी तुम्हारे ख्वाब आते हैं
मुझे सताने के तरीके तो तुम्हें बेहिसाब आते हैं
6)
क्या कहु के अल्फाज नही मेरे पास

तेरी मोहब्बत लाजवाब है
तेरे बिना जिन्दगी भी एक ख्वाब है
तू मेरे दिल का सुकुन
तू मेरी जिन्दगी मे खुशियो का ऱाज है
बिन फेरे हम तेरे मोहब्बत का ये भी एक रिवाज है
7)
अदा है ख्वाब है तकसीम है तमाशा है,
मेरी इन आँखों में एक शख्स बेतहाशा है।
8)
ख्वाब, ख्याल, मोहब्बत, हक़ीक़त, गम और तन्हाई,
ज़रा सी उम्र मेरी.. किस-किस के साथ गुज़र गयी
9)
दिल की किताब में गुलाब उनका था,
रात की नींद में ख्वाब उनका था,
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था.
10)
बताओ है कि नहीं मेरे ख्वाब झूठे
कि जब भी देखा तुझे अपने साथ देखा..

Monday 25 March 2019

कौन कहता है

1)

कौन कहता है क़ि चाँद तारे तोड़ लाना ज़रूरी है…..
दिल को छू जाए प्यार से दो लफ्ज़, वही काफ़ी है
2)

कौन कहता है nature और signature कभी नहीं बदलता
बस एक चोट की दरकार है साहब,
ऊँगली पे लगेगी तो signature बदल जाएगा
दिल पे लगेगी तो nature बदल जाएगा
3)

कौन कहता है ,आंसुओं में वजन नहीं होता
एक आंसू भी छलक जाता है तो मन हल्का हो जाता है
4)

कौन कहता है तस्वीरे जुआँ नही खेलती
मैंने भी दिल हारा है.
सिर्फ तेरी सूरत देखकर.
5)

कुछ लोग मिले बगैर अपने से लगते है,
कौन कहता है रिश्ते इंसान बनाता है
6)

धूप मायूस लौट जाती है,
छत पे किसी बहाने आया कर।
कौन कहता है दिल मिलाने को,
कम-से-कम हाथ तो मिलाया कर
7)

रिश्तों का धागा इतना कच्चा नहीं होता;
किसी का दिल तोड़ना अच्छा नहीं होता;
प्यार तो दिल की आवाज़ है;
कौन कहता है एक तरफ़ का प्यार सच्चा नहीं होता।
8)

कौन कहता है कि हम सकूने ज़िन्दगी चाहते हैं?
वो आए तो सकून आए हम तो बस यह चाहते है
9)

कौन कहता है तेरी याद से बेख़बर हूँ मैं,
ज़रा बिस्तर की सिलवटो से पूछ मेरी रात कैसे गुजरती है
10)

कौन कहता है. दर्द के लिये सिर्फ मोहब्बत जिम्मेदार होती है
कमबख्त दोस्ती भी बहुत दर्द देती है, अगर दिल से हो जाये

Sunday 24 March 2019

कौन कहता है


1)
संगमरमर के पत्थरों पर हमने भी लिखा था तेरे नाम का फ़साना
कौन कहता है बस शाहजहाँ अकेला आशिक था ताजमहल बनाने वाला
2)
कौन कहता है,
वक्त बहुत तेज है
तुम कभी किसी का,
इंतजार तो करके देखों
3)
कौन कहता है के मुसाफिर ज़ख़्मी नहीं होते,
रास्ते गवाह है, बस कमबख्त गवाही नहीं देते
4)
कौन कहता है हम उसके बिना मर जायेंगे
हम तो दरिया है समंदर में उतर जायेंगे
वो तरस जायेंगे प्यार की एक बून्द के लिए
हम तो बादल है प्यार केकिसी और पर बरस जायेंगे
5) 
कौन कहता है कि..दिल सिर्फ सीने में होता है,!
तुझको लिखूँ तो मेरी उंगलियाँ भी धड़कती है
6) 
कौन कहता है कि तेरी मोहब्बत में मुझे कुछ ना मिला,
रातों की नींद गई और रोने का वक़्त मिला
7) 
हजारो ने दिल हारे है तेरी सुरत देखकर..
कौन कहता है तस्वीर जुआ नही खेलती
8) 
कौन कहता है की दिल..
सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है,
तेरी ख़ामोशी भी कभी कभी..
आँखें नाम कर देती है.
9) 
कौन कहता है संवरने से बढ़ती है खूबसूरती
दिलों में चाहत हो तो चेहरे यूँ ही निखर आते है  
10) 
कौन कहता है इश्क़ मे बस इकरार होता है
कौन कहता है इश्क़ मे बस इनकार होता है,
तन्हाई को तुम बेबसी का नाम ना दो,
क्यूंकी इश्क़ का दूसरा नाम ही इंतेज़ार होता है

Monday 4 March 2019

Motivation

It is difficult to care in a world that doesn’t ever seem to care. Yet it is possible, and ultimately it is your best choice. You can care deeply, actively, even when no one else steps forward to care. There is much you can give, even when no one else willing to give. You can make yourself on the side of real goodness. You can make a difference, and make the world brighter with your commitment to do so.
It is a challenge being committed to excellence when it feels like indolence and incompetence are rampant.Yet it is possible, and it is powerful, and of great value. Your best response is to do what's good,what's right, what's smart and valuable and effective. In this way you overwhelm the negativity with your own action.
Instead of being distraught about how bad things can be, imagine all you can do to improve life.Then get to work and make it so. You strive, struggle and tight to get things that you think will make you happy. And all the while, happiness is already yours to choose without the things, without the struggle, without the fight.

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Sunday 3 March 2019

Be amazed

Life is amazing even in its most ordinary, familiar aspects. Give your cynicism permission to melt away, and be amazed. 
See life today as you saw it for the first time. Open your eyes wide with wonder and curiosity, and be amazed. Feel the texture observe the detail, breathe in aroma of this unique point of space and time. Listen as rhythm changes, watch as hues has transformed, taste the fresh flavor as each new moment arrives. You are distinct, beautiful, and at the same time part of any even greater whole. Be amazed at all you know, and at the limitless nature of what you have yet to experience.
Glimpse the simple, elegant truth that resonates throughout every complexity. Be amazed at your own awareness of being amazed. Witness with all your senses, with all your heart, the wonder of existence. Show yourself how good it feels, and how empowering it is, to be amazed.

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Strategic Alliances

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