1)
आरजू थी कि एक लम्हा जी लूँ तेरे कन्धे पै सर रख के
मगर ख्वाब तो ख्वाब हैं पूरे कहाँ होते हैं
2)
ख्वाब तो सब मीठे देखे थे मैंने
पर ताज्जुब है.
आँखों का पानी खारा कैसे हो गया
3)
सिर्फ ख्वाब होते तो क्या बात होती,
तुम तो ख्वाहिश बन बैठे, वो भी बेइंतहा
4)
फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने
उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने
वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी
समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।
5)
कभी तुम्हारी याद आती हैं तो कभी तुम्हारे ख्वाब आते हैं
मुझे सताने के तरीके तो तुम्हें बेहिसाब आते हैं
6)
क्या कहु के अल्फाज नही मेरे पास
तेरी मोहब्बत लाजवाब है
तेरे बिना जिन्दगी भी एक ख्वाब है
तू मेरे दिल का सुकुन
तू मेरी जिन्दगी मे खुशियो का ऱाज है
बिन फेरे हम तेरे मोहब्बत का ये भी एक रिवाज है
7)
अदा है ख्वाब है तकसीम है तमाशा है,
मेरी इन आँखों में एक शख्स बेतहाशा है।
8)ख्वाब, ख्याल, मोहब्बत, हक़ीक़त, गम और तन्हाई,
ज़रा सी उम्र मेरी.. किस-किस के साथ गुज़र गयी
9)दिल की किताब में गुलाब उनका था,
रात की नींद में ख्वाब उनका था,
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था.
10)बताओ है कि नहीं मेरे ख्वाब झूठे
कि जब भी देखा तुझे अपने साथ देखा..
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