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Wednesday, 1 December 2021

टोडरमल

 



भीत्यारा मांड्या मांडना टोडरमल वो। राजा भल भल सुगन भनाय।।

भीत्यारा मांड्या मांडना टोडरमल वो। राजा क दादर कमोर।।

ल्यो देवोल्यो जीवना टोडरमल वो। राजा भल भल सुगन भनाय।।

लोग शहरका युकेव टोडरमल वो। राजा पाडुरगजी सुंब्यायन होय।।

याही लोगा देखता टोडरमल वो। राजा आया आया ढोल गुडाय।।

ज्यारी शीवन लागता टोडरमल वो। राजा ज्यारी म्हें ल्याया धीव।।

ज्यारी छाच न लावता टोडरमल वो। राजा ज्यारी म्हे ल्याया धीय।।

सासुजी बठ दुलीं चढ टोडरमल वो। राजा सायघन चापली पाव।।

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गोर को बधाओ

 

सय्या दूध कढाये दूध आवट, सय्या माखनरो अन्तन पार बधाओये म्हारी गोरको |

सय्या म्हे म्हारा पियर जावशा, म्हारा पियर जावशा, म्हारा गणदेवा बिराजिरा साथ |

सय्या बीर घनाये बेनड एकली, म्हारा पियारियाम दूणो दुणो लाड| बधाओये म्हारी गोरको |

सय्या म्हे म्हारा सासरीया जावशा, म्हारा केसरिया भवरजीरा साथ | बधाओये म्हारी गोरको |

सय्या नंदा घणीये भावज एकली, म्हारा सासरीया म दुणो दुणो लाड, बधाओये म्हारी गोरको |

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आसाबाड़ी

 

 (सब कहानियाँ का आखिर म केवणु। )

आसाबाडी आसाबाड़ी ज्याम बैठी कन्या कुमारी।

कन्या कुमारी कई शिवर ?

शीतला माता की कहानी शिवर। (शीतला माता की जगह पर उक्त त्यौहार को नाम लेवनु। )

बिनायकजी की कहानी शिवर।

लपेश्री तपश्री की कहानी शिवर।

बिश्राम देवता की कहानी शिवर।

आ शिवरायुं काई हुव?

अन्न हुव, धन हुव, लाभ हुव , लिछमी हुव।

बिछुड़यान मेळो हुव।

निपुत्र्यान पुत्र हुव।

रोग्या को रोग जाव।

बिंदरा बिन्द म एक सखी केवती , सगळी सुनती।

ज्याकी मन इच्छा पूर्ण हुई ब्यान सगलाकी इच्छा पूर्ण करज्यो।

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बज बारस की गाय

 

सुनके पुकार। आयो ग्वाल बोले मधुबन में।।

ये गौआ मेरे मुक्तिकी दाता। अंत समय गऊ दान करावे।।१।।

डूंगर पर चिड़िया बोले। चिड़ियाको चुगा चुगाओ।।२।।

डूंगर पर कोयल बोले। पीयू पीयू पीयू पुकारे।।३।।

चन्द्रसखी ब्रजलाल कृष्ण छब। हरी चरणा चीत ल्यावो।।४।।

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बज बारस की गाय

 

श्रीकिसनजीरी सखा गाय, कदली बन चरबान गई वो राम।

जाय पवास्यो माता चाँदनियारो रुख, नरसिंग शाम डढुकिया वो राम।

दम खा रे नार दादा पाची जाबादे , बछड्यान पायर पाछी आवास्यां वो राम।

गली ये गायतड़ी माता असल गिवार, मरबार खातर कुन आवासी वो राम।

एक बाचा दोय बाचा तीसरोजी बाचा, चोथाम पाची आवास्यां वो राम।

घरकी धिराणी धरमकी बेन, बछड्यान सोरो राखज्यो वो राम।

सियाळ म्हारा बछड्यान ओठा ओबरियाम बाँध, ठंडो पानी पावजो वो राम।

चौमास म्हारा बछड्या पड़झाया बाँध, हरियो घासज निरजी वो राम।

आओ रे म्हारा बालक बछड्या पीवो थाको दूध, अब थाको दूध मना हुयो वो राम।

गली ये गायत्री माता असल गिवार, बच नारो बांध्यो दूध ना पिव वो राम।

आग आग बालक बछड्या लार सखी गाय, कदली बन चरबा गयी  वो राम।

जाय पवास्यो चाँदनियारो रुख, नरसिंग शाम डढुकिया वो राम।

आवोजी म्हारा मामा भकल्यो भानेजा, पच ही भखो थाकि बनडी वो राम।

कदका मामाजी कदका भानेज, कदकी मानी बनड़ी वो राम।

आजका मामाजी न आजका भानेज, आजकी मानेडी बनडी वो राम।

आवो रे म्हारा बालक बछड्या कुण दिनी थान सिख, किनार भरमाया माँड्यो मरणो वो राम।

घरकी धिराणी दिनी म्हान सीख, रामजी भरमाया माँड्यो मरणो वो राम।

आवो रे म्हारा बालक बछड्या पीवो थाको दूध, बचनारो बांध्यो दूध छूट गयो वो राम।

बन गायत्रीन चूंदड़ ओढाय, बछड्या भानेजान मोळिया वो राम।

श्रीकिसनजीरी सखा गाय, गाय गावां सु फल पावसी वो राम।।

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बडी तीज (लिंबडी)

 


उदयपूरसू ढोला बीज मंगाया ठाण रूपाओ,

आलीजिरी लिंबडी म्हाका राज।

माखणीयारो ढोला पाळ बांधाय, दूधान सिंचाओ,

आलीजिरी लिंबडी म्हाका राज।

उगी लिंबडी घेर घुमेर, कोइर मती टोडो,

आलीजिरी लिंबडी म्हाका राज।

नणंदलबाई तोड्या लिंबाडिरा पान,

देवरजी छंदगाळ्यो तोडी काची कांबळीजी म्हाका राज।

नणंदलबाई ढोला सासरीए पाहुचाय,

देवरीया छंदगाळ्यान ईंदरगडरी चाकारीजी म्हाका राज।

नणंदलबाई ढोला सासुजीरा लाड,

देवरीयो छंदगाळ्यो माउजीरा लाडलाजी म्हाका राज।

बेठा छेला मारू दुकानारे माय,

कागदिया लिख आया ईंदरगडरी चाकारीजी म्हाका राज।

कागज सुंदर गोरी बचोयन जाय,

छाती भरीजे उलटोजी म्हाका राज।

छाती छेला मारू हिरासु जडाय,

हिवडो जाडाओ माणीक मोत्यासुजी म्हाका राज।

पेली ओळग ढोला सुसराजिन मेल,

आबके उन्हाळे चंदनचोक भेजी म्हाका राज।

सुसराजिन गोरी मेल्योयन जाय,

म्हारा न सरीसा मोबी डिका जी म्हाका राज।

दुजी ओळग ढोला जेठाजिन मेल,

आबके चौमासो रंगभर मेलामेजी म्हाका राज।

जेठजीरी गोरी बडका बोली नार,

उठने परभाते हमसू कळ करेजी म्हाका राज।

इगणी ओळग ढोला देवरजिन मेल,

अबके सियाला सुखभर सेजमेजी म्हाका राज।

देवरजीरी गोरी बाळी भोळी नार,

उथोडी कुमळावे गुलरा ऊलज्युंजी म्हाका राज।

चोथी ओळग ढोला ननंदोईजिन मेल,

अबके तिज्यान भंवर घरा बसोजी म्हाका राज।

नणदोयारी जात कुजात,

नणंदल ली कहीजे सावणीयारी तिजणीजी म्हाका राज।

पाचवी ओळग ढोला हाळिकान मेल,

अबके तिज्याने भेळ पिंडो पासश्याजी म्हाका राज।

हाळीकाने गोरी मेल्योयन जाय,

ब्यारा बायोडा मोती निपजेजी म्हाका राज।

छट्टी ओळग ढोला राईकाने मेल,

अबके तिज्याने हिंडो खेलश्याजी म्हाका राज।

सुता छेलामारू सुखभर निंद,

रतन राईको हेलो पाडीयोजी म्हाका राज।

मरजो राईका थारोडीजी नार,

भंवर बिछवा थे घाल्याजी म्हाका राज।

मती देवो सुंदर गोरी राईकाने गाळ,

थाराए सरीसी राईकारी गोरडीजी म्हाका राज।

हंसहंस सुंदर गोरी देवो म्हान साख,

जीव चित्त लागी ईंदरगडरी चाकरीजी म्हाका राज।

सिखज छेला मारू दियोयन जाय,

हिवडो भरीजे छाती उलटेजी म्हाका राज।

छाती सुंदर गोरी रतन जडाय,

हिवडो जडावा माणीक मोत्यासुजी म्हाका राज।

नथनी

 

आली जाज्यो, पाली जाज्यो, जाज्यो समुद्रापार।

नथजोगा मोती ल्याज्यो, लाला ल्याज्यो चार।

भोळा बाईसारा बिर, मुखडार मांडन नथ ल्याज्योजी।

सेज सवाई ढोला आया रिज्योजी ॥धृ॥

दसरी घडाव म्हारा देवर जेठ, बिसरी घडाव म्हारा पिया परदेश।

मुखडार मांडन नथ ल्याज्योजी, भोळा बाईसारा बीर ॥१॥

दसरी तो नथ म्हारी लुळ लुळ जाय।

बिसरी तो नथ म्हार उभी झोला खाय, भोळा बाईसारा बीर ॥२॥

आलनपुरको घागरो, ब-हानपूरको चीर।

मुंबईसु साडी ल्याया, ल्याया ठिकठिक, भोळा बाईसारा बीर ॥३॥

फाट गयो घागरो, उधड गयी चीर।

देखो सासुजी थाका जायारी खरीद, भोळा बाईसारा बीर ॥४॥

मती बोलो ए बवड आडा तेडा बोल।

म्हारा जायोडो थान, ल्याया ह मोल, भोळा बाईसारा बीर ॥५॥

मती बोलोजी सासुजी, आडा तेडा बोल।

थाका जायोडा म्हारा नथनीरा मोल, भोळा बाईसारा बीर ॥६॥

नथ बदगी मोती बिखर्‍या जाउरे बलाय,

आवला बाईसारा बिरा, लेऊनी पुवाय, भोळा बाईसारा बीर ॥७॥

अळ्या धुंडी, माळ्या धुंडी, धुंडी मेला माय।

छोटीसी नथ लादी भंवर पटारे माय, भोळा बाईसारा बीर ॥८॥

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