(सब कहानियाँ का आखिर म केवणु। )
आसाबाडी आसाबाड़ी ज्याम बैठी कन्या कुमारी।
कन्या कुमारी कई शिवर ?
शीतला माता की कहानी शिवर। (शीतला माता की जगह पर उक्त त्यौहार को नाम लेवनु। )
बिनायकजी की कहानी शिवर।
लपेश्री तपश्री की कहानी शिवर।
बिश्राम देवता की कहानी शिवर।
आ शिवरायुं काई हुव?
अन्न हुव, धन हुव, लाभ हुव , लिछमी हुव।
बिछुड़यान मेळो हुव।
निपुत्र्यान पुत्र हुव।
रोग्या को रोग जाव।
बिंदरा बिन्द म एक सखी केवती , सगळी सुनती।
ज्याकी मन इच्छा पूर्ण हुई ब्यान सगलाकी इच्छा पूर्ण करज्यो।
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