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Friday 11 June 2021

अशोक

 जय श्री कृष्ण। आज अशोक वृक्ष के बारे में लेख लायी हु। कृपया पूरा पढ़े। यह लेख वृक्षारोपण के साथ वृक्ष सवंर्धन इस लेख शृखंला का है। 

Image : Ugaoo 

अशोक के बारेमे:

अशोक वाटिका में रावण की कैद में सीताजी का जिसने शोक हर लिया था वह अशोक वृक्ष है। यह पेड़ सीधा उगता है और लाइन से कई पेड़ पांच पांच फिट की दुरी पर अगर आप लगाएंगे तो आपके बगीचे की सुंदरता बढ़ेगी। यह पेड़ आप आपके घर के बगीचे में लगा सकते है। इसकी पूजा संतान प्राप्ति की लिए की जाती है तथा इसे कामदेव का पेड़ मानते है। आयुर्वेद में इसके कई उपयोग है खास कर महिलाओ के लिए। 

वृक्षरोपण के लिए उपयुक्त जगह:

अशोक का वृक्ष आप आपके घर के आँगन में लगा सकते है। इसकी जड़ें ज्यादा नहीं फैलती। जमीन में पानी का रिसाव अच्छा रहना चाहिए। अगर पानी पकड़ कर रहने वाली मिटटी है तो आप रेत मिला कर भी पेड़ लगा सकते है। 

अशोक के वृक्ष का संवर्धन:

आप जब भी पेड़ लगाए उसके लिए एक गड्डा बनाएंगे और उस गड्डे में पहले जड़ें मजबूत करने वाला खाद डालेंगे। ताकि आपके पेड़ की जड़ें मजबूत हो और वह अच्छे से बढे। पेड़ लगाते समय एक गिलास भरके गौमूत्र दाल दीजिये - यह हुआ जैविक खाद।  

गोमूत्र मिलाया हुआ पानी आपको हफ्ते में कम से कम एक बार देना है और हर रोज पहले एक महीने कम से कम पांच लीटर पानी देना चाहिए। थोड़ा थोड़ा करके सालभरमे १० किलो गोबर खाद या अन्य कोई जैविक खाद दे ताकि पेड़ हरा भरा रहे। खाद पेड़ के तने से कम से कम ८ इंच दुरी पर गोलाकार डालना है और फिर उसपर प्रचुर मात्रा में पानी डालना है।  

आपको जैसी जरुरत है वैसे घास निकालना है और पेड़ के तने के आस पास की मिटटी को खुला करना है। एकबार जड़ें मजबूत हो गयी की पेड़ मजबूत हो जाता है।  

जैसे जैसे पेड़ की उम्र बढ़ेगी वैसे वैसे खाद की मात्रा बढ़ेगी। 

यह औषधीय वृक्ष है और इसीलिए इसे रासायनिक खाद न के बराबर देना है। 

इस पेड़ पर अगर रोग आता है तो नीम तेल युक्त जैविक किटकनाशक का उपयोग करना चाहिए। 

यह हुआ अशोक वृक्ष की पूरी मालूमात। कृपया शेयर करे। 

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