जय श्री कृष्ण। आज बरगद वृक्ष के बारे में लेख लायी हु। कृपया पूरा पढ़े। यह लेख वृक्षारोपण के साथ वृक्ष सवंर्धन इस लेख शृखंला का है।
बरगद के बारेमे:
बहुवर्षीय विशाल वृक्ष। ब्रम्हा, विष्णु और महेश के त्रिमूर्ति का प्रतिक। यह प्राणवायु प्रचुर मात्रा में देता है वह भी चौबीस घंटे। कई रोगों में लाभदायक औषधिया बरगद से बनती है। बरगद की पूजा वटसावित्री के दिन की जाती है। पर रोज बरगद के पेड़ को पानी देनेसे भी लाभ होता है। यह भारत का राष्ट्रिय वृक्ष है। बरगद का वृक्ष कमसेकम २०० साल जीवित रहता है। मतलब आज आप एक बरगद का पेड़ लगाएंगे और आपकी अगली कम से कम सात पीढ़िया उसकी ताज़ी हवा में सास लेंगी।
वृक्षरोपण के लिए उपयुक्त जगह:
बरगद के वृक्ष की जड़ें दूर तक फैलती है तथा इसे शाखाओं से निकल कर हवा में लटकने वाली भी जड़ें होती है। इसीलिए घर के एकदम पास लगाना थोड़ा दिक्कत लाता है। पर आप इसे किसी खुली जगह पर जहा इसे फ़ैलाने के लिए जगह होंगी - जैसे कोई टीला वहा लगा सकते है। बरगद के पेड़ को ऐसी मिटटी चाहिए जिसमे पानी का रिसाव आसानी से हो जाये पर मिटटी भी बहोत देर तक गीली रहे।
बरगद के वृक्ष का संवर्धन:
आप जब भी पेड़ लगाए उसके लिए एक गड्डा बनाएंगे और उस गड्डे में पहले जड़ें मजबूत करने वाला खाद डालेंगे। ताकि आपके पेड़ की जड़ें मजबूत हो और वह अच्छे से बढे। आप चाहे तो रासायनिक (केमिकल) खाद भी दे सकते या जैविक (आर्गेनिक) खाद भी दे सकते है। पेड़ लगाते समय एक गिलास भरके गौमूत्र दाल दीजिये - यह हुआ जैविक खाद। या फिर आप बोरोन युक्त रासायनिक खाद भी दे सकते है। पेड़ लगाते समय आपको १०० ग्राम बोरोन उस गड्डे में डालकर पेड़ लगाना है। ये सभी पेड़ो के लिए है।
पेड़ लगाने के बाद एक महीने तक आपको हर रोज पांच लीटर पानी देना चाहिए जिसमे थोड़ा गौमूत्र मिलाएंगे (हफ्ते में एक बार) तो जड़ें मजबूत रहेंगी और वह अच्छे से बढ़ेगा। उसके बाद आपको पानी की मात्रा भी बढ़ानी होंगी। और फिर उसमें गौमूत्र आप पंद्रह दिन में एक बार देंगे तो भी चलेगा। गौमूत्र और गोबर खाद आपको जहा गाय का तबेला है वहा से मिल जायेगा।
बकरी का खाद भी एक अच्छा विकल्प है पर इसकी एक कमी ये है की कई बार बकरी के खाद में जंगली बबुल के बीज आ जाते है जिससे जंगली बबुल उग आती है।
और फिर सालभर में आपको दो बार खाद देना चाहिए। पहले एक साल भर में बरगद के पेड़ तो पांच किलो गोबर खाद दिया तो वह अच्छे से बढ़ेगा। यह हो गया जैविक खाद। रासायनिक खाद के लिए आप एनपीके १२-१२-१२ का प्रयोग कर सकते है। आपको ये सालभरमे आधा किलो देना है। आप जो भी खाद दे उसे पेड़ के तनेसे कमसे कम ८ इंच दुरी पर गोलाकार बनाकर दे और खाद देने के पहले मिटटी को थोड़ा खोद ले ताकि वो खुली हो जाये। खाद देने के बाद पानी दाल दे ताकि खाद जल्द से जल्द मिट्टीमे घुल जाये।
जैसे जैसे पेड़ की उम्र बढ़ेगी वैसे वैसे खाद की मात्रा बढ़ेगी। पर बरगद के पेड़ की खासियत यह है की इसे आप खाद कम भी देंगे तो भी बढ़ेंगा।
पहले साल भर थोड़ा आपको इस पेड़ की सेवा करनी होंगी। अगर आप ट्री गॉर्ड लगाएंगे तो उसमे निचे से हाथ डालकर घास निकलने के लिए थोड़ा गैप रखना चाहिए। बरसात के दिनों में जो घास उग आती है उसे उखाड़कर फेकना चाहिए ताकि पेड़ को दिया जाने वाला खाद पेड़ को ही मिले। फिर हर महीने थोड़ी सी मिटटी खोदकर उसे थोड़ा खुला करना चाहिए ताकि जड़े आसानी से बढे। एकबार जड़ें मजबूत हो गयी की पेड़ मजबूत हो जाता है।
यह पूरी मालूमात बरगद के पेड़ को जमीन में लगाने के लिए है ताकि हम बड़े बरगद के पेड़ का आनंद ले सके और उसकी छाव में बैठ सके।
No comments:
Post a Comment