जय श्री कृष्ण। आज पीपल वृक्ष के बारे में लेख लायी हु। कृपया पूरा पढ़े। यह लेख वृक्षारोपण के साथ वृक्ष सवंर्धन इस लेख शृखंला का है
पीपल के बारेमे:
पीपल दीर्घायु होता है और इसकी जड़ें बहुत दूर तक फैलती है। तथा ये जहा लगा रहता है वहा पानी की कमी नहीं होती। पीपल देववृक्ष है तथा इसका सन्दर्भ हिन्दू धर्म के पौराणिक इतिहास में मिलता है। इस अश्वत्थ वृक्ष भी कहा जाता है। गौतम बुद्ध को निर्वाण इसके निचे मिला और भगवतगीता में कृष्णजी ने कहा, "वृक्ष में अश्वत्थ वृक्ष मैं हु।" यह औषधीय गुणधर्म से भरपूर है। यज्ञ के पात्र जिनसे आहुतिया दी जाती है वे पीपल की लकड़ी से बने रहते है। यह प्राणवायु प्रचुर मात्रा में देता है।
वृक्षरोपण के लिए उपयुक्त जगह:
पीपल के वृक्ष की जड़ें दूर तक फैलती है इसीलिए घर के एकदम पास लगाना थोड़ा दिक्कत लाता है। पर आप इसे घर से थोड़ा दूर लगा सकते है या फिर किसी खुली जगह पर जहा इसे फ़ैलाने के लिए जगह होंगी - जैसे कोई टीला। पीपल के पेड़ को ऐसी मिटटी चाहिए जिसमे पानी का रिसाव आसानी से हो जाये। अगर आप जिस जगह पीपल का पेड़ लगा रहे है वह जगह पर पानी का रिसाव नहीं हो रहा है तो उसे जगह के दो फिट आसपास की जगह में आपको थोड़ी रेत मिट्टीमे मिला कर रखें। यह रेत मिली मिटटी की परत कम से कम दो फिट गहरी होनी चाहिए।
पीपल वृक्ष का संवर्धन:
आप जब भी पेड़ लगाए उसके लिए एक गड्डा बनाएंगे और उस गड्डे में पहले जड़ें मजबूत करने वाला खाद डालेंगे। ताकि आपके पेड़ की जड़ें मजबूत हो और वह अच्छे से बढे। आप चाहे तो रासायनिक (केमिकल) खाद भी दे सकते या जैविक (आर्गेनिक) खाद भी दे सकते है। पेड़ लगाते समय एक गिलास भरके गौमूत्र दाल दीजिये - यह हुआ जैविक खाद। या फिर आप बोरोन युक्त रासायनिक खाद भी दे सकते है। पेड़ लगाते समय आपको १०० ग्राम बोरोन उस गड्डे में डालकर पेड़ लगाना है। ये सभी पेड़ो के लिए है।
पेड़ लगाने के बाद एक महीने तक आपको हर रोज पांच लीटर पानी देना चाहिए जिसमे थोड़ा गौमूत्र मिलाएंगे (हफ्ते में एक बार) तो जड़ें मजबूत रहेंगी और वह अच्छे से बढ़ेगा। उसके बाद आपको पानी की मात्रा भी बढ़ानी होंगी। और फिर उसमें गौमूत्र आप पंद्रह दिन में एक बार देंगे तो भी चलेगा। गौमूत्र और गोबर खाद आपको जहा गाय का तबेला है वहा से मिल जायेगा।
बकरी का खाद भी एक अच्छा विकल्प है पर इसकी एक कमी ये है की कई बार बकरी के खाद में जंगली बबुल के बीज आ जाते है जिससे जंगली बबुल उग आती है।
और फिर सालभर में आपको दो बार खाद देना चाहिए। पहले एक साल भर में पीपल के पेड़ तो पांच किलो गोबर खाद दिया तो वह अच्छे से बढ़ेगा। यह हो गया जैविक खाद। रासायनिक खाद के लिए आप एनपीके १२-१२-१२ का प्रयोग कर सकते है। आपको ये सालभरमे आधा किलो देना है। आप जो भी खाद दे उसे पेड़ के तनेसे कमसे कम ८ इंच दुरी पर गोलाकार बनाकर दे और खाद देने के पहले मिटटी को थोड़ा खोद ले ताकि वो खुली हो जाये। खाद देने के बाद पानी दाल दे ताकि खाद जल्द से जल्द मिट्टीमे घुल जाये।
जैसे जैसे पेड़ की उम्र बढ़ेगी वैसे वैसे खाद की मात्रा बढ़ेगी। पर पीपल के पेड़ की खासियत यह है की इसे आप खाद कम भी देंगे तो भी बढ़ेंगा।
पहले साल भर थोड़ा आपको इस पेड़ की सेवा करनी होंगी। अगर आप ट्री गॉर्ड लगाएंगे तो उसमे निचे से हाथ डालकर घास निकलने के लिए थोड़ा गैप रखना चाहिए। बरसात के दिनों में जो घास उग आती है उसे उखाड़कर फेकना चाहिए ताकि पेड़ को दिया जाने वाला खाद पेड़ को ही मिले। फिर हर महीने थोड़ी सी मिटटी खोदकर उसे थोड़ा खुला करना चाहिए ताकि जड़े आसानी से बढे। एकबार जेड मजबूत हो गयी की पेड़ मजबूत हो जाता है।
यह पूरी मालूमात पीपल के पेड़ को जमीन में लगाने के लिए है ताकि हम बड़े पीपल के पेड़ का आनंद ले सके और उसकी छाव में बैठ सके।
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