जय श्री राम सखियों और सखाओ। आज फिरसे एक दिल को छू लेने वाली कहानी लायी हु, पूरी जरूर पढ़ना।
कडापा नगर में एक बच्चा जिसका नाम विजय था अपनी माँ और बहन के साथ रहा करता था। वो बहुत गरीब था। हर रोज मंदिर जाता और भगवान से कुछ देर बाते करता।
एक दिन विजय रोज की तरह मंदिर गया और हमेशा की तरह भगवान से बाते करने लगा। बात करते करते रोने लगा। उसके नन्हे नन्हे से गाल आँसूओं से भीग चुके थे। मंदिर में आये बहुत लोग उसकी तरफ आकर्षित थे और वह बिल्कुल अनजान अपने भगवान से बातों में लगा हुआ था। पर कोई सामने आकर बात नहीं करता था।
पर उस दिन एक अजनबी ने उसके साथ बात की, "क्या मांगा भगवान से?"
विजय ने कहा, "मेरे पापा मर गए हैं उनके लिए स्वर्ग, मेरी माँ रोती रहती है उनके लिए सब्र, मेरी बहन माँ से कपडे सामान मांगती है उसके लिए पैसे। "
अजनबी ने फिर पूछा “तुम स्कूल जाते हो?”
विजय ने जवाब दिया, “हां जाता हूं।"
अजनबी ने पूछा, “किस क्लास में पढ़ते हो ?”
विजय ने कहा, "नहीं अंकल पढ़ने नहीं जाता, मां चने बना देती है वह स्कूल के बच्चों को बेचता हूँ । बहुत सारे बच्चे मुझसे चने खरीदते हैं, हमारा यही काम धंधा है ।"
“तुम्हारा कोई रिश्तेदार” न चाहते हुए भी अजनबी बच्चे से पूछ बैठा ।
विजय सुबकते हुए बोला, "पता नहीं, माँ कहती है गरीब का कोई रिश्तेदार नहीं होता। माँ झूठ नहीं बोलती। पर अंकल, मुझे लगता है मेरी माँ कभी कभी झूठ बोलती है। जब हम खाना खाते हैं हमें देखती रहती है। जब कहता हूँ माँ तुम भी खाओ, तो कहती है मैने खा लिया था, उस समय लगता है झूठ बोलती है।"
अजनबी ने आगे पूछा, "बेटा अगर तुम्हारे घर का खर्च मिल जाय तो पढाई करोगे ?"
विजय चिल्लाया, "बिल्कुलु नहीं!"
अजनबी ने सवाल किया, "क्यों बेटा आप क्यों नहीं पढ़ना चाहते हो ?"
विजय रोने लगा बोला, "पढ़ाई करने वाले, गरीबों से नफरत करते हैं अंकल। हमें किसी पढ़े हुए ने कभी नहीं पूछा बस पास से गुजर जाते हैं। मैं हर दिन इसी इस मंदिर में आता हूँ, कभी किसी ने नहीं पूछा। यहाँ सब आने वाले मेरे पिताजी को जानते थे, मगर हमें कोई नहीं जानता ।“
विजय जोर-जोर से रोने लगा “अंकल जब बाप मर जाता है तो सब अजनबी क्यों हो जाते हैं ?”
यह सवाल का जवाब उस अजनबी के पास तो नहीं था। अगर आपके पास होगा तो कमेंट जरूर करिये।
आपके इर्दगिर्द न जाने ऐसे कितने ही विजय होंगे जो अपने हालात से लड़ रहे होंगे आप ऐसे लोगो की यथा संभव मदत करिये। कहानी को यहाँ तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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