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Wednesday 13 August 2014

बडी तिज

भादवा (भाद्रपद ) बद्य दुज न बडी तिज को सिंजारो रेव. जिका दिन माथो न्हावनो और मेंदी  लगावनी.
भादवा बद्य तृतिया का दिन बडी तिज रेव. जिका दिन तडकं आदरात्यो करनु. कोई फराळको करं. दही, खडीशक्कर और  सत्तु (पिंडो) खावनु. कळपनो कळपर उपवास को संकल्प लेवनो. दिनभर उपवास रखनु. शाम को लिंबडीरी पुजा करनी . पुजा हुया फेर कहाणी केवनु. चाँद निकल्या फेर दर्शन करके अरग देवनु. उकाबाद भोजन करनु .


लिंबडीरी पुजा

लिंबडीरी डंगाली (branch) लेवनु. एक परात म मिट्टीकी पाळ बनानी और लिंबडीरी डंगाली न मिट्टीका गोळा माय फसानु और परात म एक बाजू रखनु . यो तयार हुईग्यो लिंबडी रो तालाब. कोई लोग बेर की डंगाली भी लिंबडी रा साथे लगाव. पाळ दिवार का सहाराभी मांडणी आव.
लिम्बडीरा पूजा का वास्त हलदी, कुंकु, गुलाल, चावळ, मोली, पान, सुपारी, ककड़ी, काकड़ा (अकड़ा) का पान, गाय को कच्चो दूध, तजो पानी, ब्लाउज पीस, रुपयेकी चिल्लर (coin ), उदबत्ती, घीको दियो, मेंदी, काजळ की डिब्बी, धुपरती, निम्बू, सततुकी लिम्बडी, फूल  ये सब चीजे रेव. 
खवनका पानमाथे कुकुको स्वस्तिक निकलनो. सुपरिन मोली को धागो लपेटकर गणेशजी बनाना और रुपयामाँथे रखनु. पानी और दूधका छाटा (छिटा) देना. हल्दी, कुंकु, गुलाल, चावल और फूल चढानु. मौलिका वस्त्र अर्पण करनु. सत्तू को भोग लगानु. 
लिम्बादिका तालाब म पानी और दूध चढानु. दियो और उदबत्ती जोयर तालाबका किनारा रखनु. लिम्बाडिकी पूजा हल्दी, कुंकु, मेंदी, काजळ , चावल, गुलाल सु करनु. बादमे फूल, मोली और ब्लाउज पीस चढानु. सत्तु को भोग लगानु. जो भी रसोई बनाइ ह बीकोभी भोग लगानु. हल्दी,कुंकु, काजल और मेंदी की सोला टीक्या देवनु. इसकेबाद लिम्बडिका तालाबम कसूम्बल, मोती, हीरो, सोनेरी चीज, चांदीरी चीज, लिम्बडी को पत्तो, बेरिको पत्तो, दियो, ककड़ी, निम्बू, सततुकी लिम्बडी ये सब चीजे देखणु। 
तालाबम चीजे देखता समय बोलणु, "तालाबम कसूम्बल दिशो?" "कसूम्बल दिशो, दिशो जशो तुट्यो। " कसूम्बलका जगमाथे जिकी चीज देखरया ह बीको नव लेवणु. 
बिक बाद  कहानी  केयर उठानु. 
रुपयेका चिल्लरसु, चांदीका सिक्कासु या चककुसु पिंडो पासनु. 
लड़कारा हाथसु लिम्बडिका पत्ता तोड़कर लेवना. 
चाँद निकल्याबाद चण्डको दर्शन कर अरग देवनु और बिक बाद भोजन करनु. 
पूजा हुआ बाद भोजनका समय अकड़ाका पनको द्रोण बनायर सात बार कच्चो दूध पिनु. दूध पिता समय बोलणु 
"सवाग धायी की जल धायी?" "सवाग धायी पर जल नहीं धायी "
भोजन का शुरूमे निम्बादिका पट्टका सात टुकड़ा, ककड़िका सात टुकड़ा, निम्बू, सट्टुका सात टुकड़ा खाना और बादमे पानी पिवणु और भोजन शुरू करनु. भोजन  समय बात नहीं करनु. 



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