जय श्री कृष्ण। आज चीकू वृक्ष के बारे में लेख लायी हु। कृपया पूरा पढ़े। यह लेख वृक्षारोपण के साथ वृक्ष सवंर्धन इस लेख शृखंला का है।
चीकू के बारेमे:
गोल गोल मीठे मीठे चीकू सभी को पसंद है। और इस चीकू को खाने के अपने अलग फायदे है।
वृक्षरोपण के लिए उपयुक्त जगह:
चीकू आप आपके घर के आँगन में लगा सकते है। इसके लिए पानी का रिसाव होने वाली झिरझिरी मिटटी लगती है।
चीकू के वृक्ष का संवर्धन:
चीकू का पौधा जहा लगाना है वह ३ फिट गहरा और ३ फ़ीट चौड़ा गड्ढा खोदकर १५-२० दिन तक धुप लगने के लिए छोड़ना है। फिर उसके बाद १५ किलो जैविक खाद, १ किलो फॉस्फेट, १०० ग्राम बोरोन और उसी जगह की मिट्टी मिलाकर पौधा लगाकर उस गड्ढे को भरना है।
पहले साल भर तो भी कमसेकम पौधे के इर्दगिर्द की जगह को खोदकर खुला करते रहना है और घास उखाड़ना है। पौधा लगने के बाद उसे हर रोज पांच लीटर पानी देना है और पंद्रह दिन में एक बार गौमूत्र मिला हुआ पानी देना है।
बरसात में पानी की जरुरत नहीं है। बाकि दिनों में जैसे जरुरत है वैसे पानी देना चाहिए।
पहले साल १० किलो जैविक खाद देना है और उसके साथ नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम २०० ग्राम, २०० ग्राम और ३०० ग्राम के अनुपात में देना है। फिर हर साल खाद इसी अनुपात में बढ़ना है और छठे साल से ५० किलो जैविक खाद, १ किलो नाइट्रोजन, १ किलो फॉस्फोरस और डेढ़ किलो पोटैशियम देना है हर साल।
चीकू के पेड़ को छटाई की ज्यादा जरुरत नहीं है। पर बहुत ज्यादा टेढ़ीमेढ़ी टहनिया, सुखी टहनिया काट देना है तने से आधा इंच हिस्सा छोड़कर। छटाई के बाद चुना और मोरचूद की पेस्ट बनाकर लगाने से इन्फेक्शन नहीं होगा। अगर आपके पेड़ बड़े है तो इस पेस्ट को पतला करके इसका छिड़काव दिया जा सकता है।
यह चीकू के बारे में जानकारी आप ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।
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