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Tuesday 11 May 2021

दूसरे की कमियाँ

जय श्री राम सखियों और सखाओं ! आज आपके लिए इतिहास की एक कहानी लायी हु जो एक राजा और एक चित्रकार की है। इस कहानी को अंततक पढ़ें। 

इमेज: Sai Balsanskar 

एक बार की बात है। उत्तर दिशा केकोशी राज्य में एक राजा थे आनंदराई। राजा आनंदराई की केवल एक टाँग और एक आँख थी।

कोशी राज्य में सभी लोग खुशहाल थे क्यूंकि राजा आनंदराई बहुत बुद्धिमान और प्रतापी थे।

एक बार राजा आनंदराई मन में विचार आया कि क्यों न खुद की एक तस्वीर बनवायी जाये। फिर क्या था, देश विदेशों से -चित्रकारों को बुलवाया गया और एक से एक बड़े चित्रकार राजा के दरबार में आये।

राजा आनंदराई ने उन सभी से हाथ जोड़ कर आग्रह किया कि वो उसकी एक बहुत सुन्दर तस्वीर बनायें जो राजमहल में लगायी जाएगी।

सारे चित्रकार सोचने लगे कि राजा आनंदराई तो पहले से हीदिव्यांग है। फिरउनकी तस्वीर को बहुत सुन्दर कैसे बनाया जा सकता है, ये तो संभव ही नहीं है और अगर तस्वीर सुन्दर नहीं बनी तो राजा आनंदराई गुस्सा होकर दंड देंगे । यही सोचकर सारे चित्रकारों ने राजा आनंदराई की तस्वीर बनाने से मना कर दिया।

तभी पीछे से एक चित्रकार श्रुतवर्मा ने अपना हाथ खड़ा किया और बोला, "मैं आपकी बहुत सुन्दर तस्वीर बनाऊँगा जो आपको जरूर पसंद आएगी।"

फिर चित्रकार श्रुतवर्मा जल्दी से राजा आनंदराई की आज्ञा लेकर तस्वीर बनाने में जुट गया। काफी देर बाद उसने एक तस्वीर तैयार की जिसे देखकर राजा बहुत प्रसन्न हुआ और सारे चित्रकारों ने अपने दातों तले उंगली दबा ली।

चित्रकार श्रुतवर्मा ने एक ऐसी तस्वीर बनायीं जिसमें राजा एक टाँग को मोड़कर जमीन पे बैठे है और एक आँख बंद करके अपने शत्रु पर निशाना लगा रहे है।

राजा आनंदराई ये देखकर बहुत प्रसन्न हुए कि उस चित्रकार ने उनकीदिव्यांगता को छिपा कर चतुराई से एक सुन्दर तस्वीर बनाई है। राजा आनंदराई ने उसे खूब इनाम दिया।

कहानी तो वही है जो कई बार आप पढ़ चुके है पर कहानी का बोध जो बार बार आपसे कहा जाता है वह यह है की हमने हमारे जो भी परिवार के सदस्य है या मित्र है उनकी कमियों को इसतरह छुपाना चाहिए जैसे वो है ही नहीं। ये जरा मुश्किल है पर हम कम से कम अपने आसपास के लोगों की कमियों को नजरअंदाज तो कर ही सकते है और उनकी अच्छाइयों पर ध्यान दे सकते है। 

अगर आपको किसीकी कमी या बुराई नजर आती है तो ये करके देखिये:

१) जिसकी कमी नजर आयी उसके साथ भावनात्मक आधार पर आपका क्या रिश्ता है? 

अ) अगर सामने वाला व्यक्ति जिसकी कमियां नजर आयी है उसके साथ कोईभी भावनात्मक रिश्ता नहीं है तो फिर उसकी कमिया पूरी तरह से नजरअंदाज कर दीजिये क्युकी उसको सुधारना आपकी जिम्मेदारी नहीं है। 

ब) अगर सामने वाला व्यक्ति जिसकी कमियां नजर आयी है उसके साथकिसीभी तरह से भावनात्मक रिश्ता है मतलब वह व्यक्ति परिवार का सदस्य है या मित्र है तो आपको उसकी कमियों को बिलकुल कलात्मक ढंगसे छुपाना भी होगा और धीरे धीरे उस कमी को सुधारना भी होगा। 

२) जिसकी कमी नजर आयी क्या वह कमी आपके अंदर है?

अ) अगर आपके अंदर वह वह कमी है तो पहले  अपने आप को सुधारे। 

ब) अगर आपमें वह कमी नहीं है तो फिर प्रेमसे एकांत में उस व्यक्ति को उसकी बुराई के बारेमे बताये और उसे बताये की उसकी इस बुराई या कमी के क्या नुकसान है और उसके सुधर जाने के क्या फायदे है। 

३) बेवजह किसीकी भी बुराई के बारेमे अन्य लोगो के साथ चर्चा करके कुछ नहीं होता है बस केवल आपको तकलीफें होती है। प्रेमसे जो सुधर जाये वह ठीक है पर अगर नहीं सुधरते तो ये जान लीजिये  किसीको सुधारने की आपकी जिम्मेदारी नहीं है। 

४) कोई व्यक्ति जिसके अवगुण आपको परेशान कर रहे है वह व्यक्ति अगर सामजिक नियमों के तहत और कुटुंब व्यवस्था के अंतर्गत आपकी जिम्मेदारी है तो आपको प्रेमसे उस व्यक्ति को अनुशाषित करते हुए उसमे सुधार लाने का कार्य करना पड़ेगा और उसके लिए मेरे ब्लोग्स पर कई कहानियाँ और लेख है जिन्हे आप पढ़कर यह सब कर सकते है। 

और एक बात याद रखिये की हमारी सकारात्मक सोच हमारी समस्याओ को हल करती है।

सब खुश रहैं। सब का भला हो।

Affirmation : - मैं सबकी अच्छाइया देखती हु और उनकी कमियोको सकारात्मक सोच से अपनाती हु।

यहा तक पढ़ने के लिए धन्यवाद। अगर आपको मेरी कही बात अच्छी लगी है तो कृपया इसे शेयर जरूर करिये और आपने किसीके अवगुण दिखने के बाद क्या किया यह कमेंट में जरूर बताये। आपके कमेंट्स किसीऔर के लिए प्रेरणदायी अवश्य सिद्ध होंगे। 



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