नमस्ते दोस्तों आज हम संस्कृत व्याकरण के एक बहुत जरूरी विषय संधि के बारे में पढ़ेंगे।
तो आपने पिछले भाग में दीर्घ संधि कैसे करते है यह पढ़ा, तो इस भाग में आप संधि का विभाग या विच्छेद करना सीखेंगे।
तो जैसा की आप लोग जानते है, की दीर्घ संधि करने के बाद हमें ा, ी, ू की मात्रा किसी शब्द में है। जैसे- हिमालयः, यहाँ रेखांकित वर्ण मा है, जो की 'हिम के अ' और 'आलय के आ' से बना है।
हिम् + आ + लयः= हिमालयः।
तो हमें इसी तरह से जहा पर शब्द में आ, ई, ऊ की मात्रा दिखे हमें वह से अर्थपूर्ण शब्दों का विभाग करना चाहिए, उदाहरण है व इसके लिए प्रश्न है।
१. विद्यार्थी- विद्या + अर्थी = विद्यार्थी
(यहाँ विद्या मतलब किसी तरह की शिक्षा और अर्थी मतलब जो उसे प्राप्त करता है )
२. परीक्षा = परि+इक्षा = परीक्षा
प्रश्न- १. हरीशः
२. शास्त्रार्थ
३. गुरुपदेशः
पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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