हर बात का कोई जवाब नही होता,
हर इश्क का नाम खराब नही होता,
यूँ तो झूम लेते हैं नशे में पीने वाले,
मगर हर नशे का नाम शराब नही होता।
काश ये दिल अपने इख्तियार में होता,
ना किसी की याद आती ना किसी से प्यार होता
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एक तो तेरी आवाज़ याद आएगी,
तेरी कही हुई हर बात याद आएगी,
दिन ढल जाएगा रात याद आएगी,
हर लम्हा पहली मुलाकात याद आएगी
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Image Credit: www.poetrytadka.com
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वो प्यार भी किस काम का जिसमें हर बात,
को यकीन दिलाने के लिए कसम खानी पढ़े
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रूठना तुम्हारा एक दिखावा होता था
और सताने की आशा करते थे तुम
मसरूफ होते थे मेरे कहानियों मे
मेरी हर बात पे हँसा करते थे तुम
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हर बात में आंसू बहाया नहीं करते;
दिल की बात हर किसी को बताया नहीं करते;
लोग मुट्ठी में नमक लेके घूमते है;
दिल के जख्म हर किसी को दिखाया नहीं करते।
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इक़रार कर गया कभी इंकार कर गया;
हर बात एक अज़ाब से दो-चार कर गया;
रास्ता बदल के भी देखा मगर वो शख्स;
दिल में उतर कर सारी हदें पार कर गया..
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रईस के बच्चे हर बात
की तारीख तय करवाते हैं
गरीब के बच्चे हर बार
कल के लिए मान जाते हैं
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