YouTube

Friday, 24 April 2020

विवेक्युक्त साहस का परिचय दिया सर वाल्टर ने

एक समय था जब इंग्लैंड के लोग अपनी कमर में तलवार बंधे बड़ी शान से चलते थे और एक दूसरे को बात बे बात ही लड़ने के लिए ललकारते थे। यदि ललकारने पर कोई लड़ाई में उतर जाता तो उसे बड़ा साहसी माना जाता था और इनकार करने वाले को डरपोक माना जाता था। उस समय इंग्लैंड की महारानी एलिजबेथ थी जिनके विशेष सम्मनपत्र थे - सर वाल्टर रेले। सर रेले अपनी विवेकशील दृष्टि और उदर व्यवहार  के लिए जाने जाते थे इसी वजह से न सिर्फ राजमहल बल्कि समाज में भी उन्हें आदर दिया करता था एक दिन एक नवयुवक ने थोथी बहादुरी दिखाते सर वाल्टर रेले को लड़ाई के लिए ललकारा। सर ने इनकार करदीया। तलवार चलाने में अत्यंत निपुण सर वाल्टर ने इस अपमान को धैर्यपूर्वक सहन किया और बड़ी शांति से बोले में अपने मुंह पर पड़े तुम्हारी थूक को जितनी आसानीसे पोछ सकता हूं यदि उसी प्रकार तुम्हारे साइन  में लगने वाली तलवार को पूछ सकता, तो मैं भी अभी इसी समय तुम्हारे साथ द्वंदयुद्ध के लिए तैयार हो गया होता। यह सुनकर उस नवयुवक का घमंड चूर चूर हो गया और उसने सर रेले से क्षमा मांगी। सार यह है कि साहस को दिखावे या अहंकार का शिकार बनाने से वह सदा गलत परिणाम देता है। इसीलिए साहस के साथ विवेक को जागृत रखते हुए उचित समय और स्थान पर उसका प्रदर्शन करना चाहिए।

No comments:

Post a Comment

Strategic Alliances

  Strategic Alliances -  For any achievement gone need the right person on your team.  Sugriv was very keen on this. Very first Sugriva was ...