YouTube

Saturday 29 February 2020

Gk one liner notes

Q1. Who won the Pittsburgh open squash title?
A. Saurav Ghoshal B. Fares Deepika C. Omar Jisse
Ans. Fares Desouhy.

Q2. Name the first arab women to reach  the quarter finals of a grand slam?
Ans. Ons jabeur.

Q3. Who won the all junior ranking badminton tournament ?
A. Mansi Singh B. M Megham Reddy C. Shruti Mishra.
Ans. Mansi Singh.

Q4. Who claimed the woman's ski jumping world cup title ?
A. Katharina althaus B. Eva Pinkelnig  C. Chiara hoelzl
Ans. Chiara hoelzl





मेरा जनम जनम का साथ रे


Image result for वृन्दावन
Image Credit: www.prabhasakshi.com

कोई पकड़ के मेरा हाथ रे, मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
वृन्दावन का एक ग्वाला, मन मोहन मेरा मुरली वाला ।
मैंने जाना उसके पास रे, मोहे वृन्दावन पहुंच देओ...
वृन्दावन में कृष्ण कन्हैया, बलदाऊ के छोटे भैया ।
मेरी डोरी उनके हाथ रे, मोहे वृन्दावन पहुंच देओ...
वृन्दावन मेरो धाम रंगीला, बरसाना मेरा बड़ा ही रसीला ।
मेरी जाग गए हैं भाग्य रे, मोहे वृन्दावन पहुंच देओ...
वृन्दावन में बांके बिहारी बांके बिहारी जय हो तिहारी
मेरा जनम जनम का साथ रे
=====

Some general full forms for exams and other



Hello friends in this article you are going to read some general full forms for exams. Share this with students as much as you can.

 B. A. — Bachelor of Arts.
 M. A. — Master of Arts. 
B.tech - Bachelor of Technology
 B. Sc. — Bachelor of Science
 M. Sc. — Master of Science
 B. Sc. Ag. — Bachelor of Science in Agriculture
 M. Sc. Ag. — Master of Science in Agriculture
 M. B. B. S. — Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery
 B.A.M.S- Bachelor of Ayurveda Medicine and surgery
 M. D. — Doctor of Medicine
 M. S. — Master of Surgery
 Ph. D. / D. Phil. — Doctor of Philosophy (Arts & Science)
 D. Litt./Lit. — Doctor of Literature / Doctor of Letters
 D. Sc. — Doctor of Science
 B. Com. — Bachelor of Commerce
 M. Com. — Master of Commerce
 Dr. — Doctor
 B. P. — Blood Pressure
 Mr. — Mister
 Mrs. — Mistress
 M.S. — miss (used for female married & unmarried)
 Miss — used before unmarried girls)
 M. P. — Member of Parliament
 M. L. A. — Member of Legislative Assembly
 M. L. C. — Member of Legislative Council
 P. M. — Prime Minister
 C. M. — Chief Minister
 C-in-C — Commander-In-Chief
 L. D. C. — Lower Division Clerk
 U. D. C. — Upper Division Clerk
 Lt. Gov. — Lieutenant Governor
 D. M. — District Magistrate
 V. I. P. — Very Important  Person
 I. T. O. — Income Tax Officer
 C. I. D. — Criminal Investigation Department
 C/o — Care of
 S/o — Son of
 C. B. I. — Central Bureau of Investigation
 G. P. O. — General Post Office
 H. Q. — Head Quarters
 E. O. E. — Errors and Omissions Excepted
 Kg. — Kilogram
 KW. — Kilowatts
Gm. — Gram
Km. — Kilometer
Ltd. — Limited
M. P. H. — Miles Per Hour
KM. P. H. — Kilometre Per Hour
P. T. O. — Please Turn Over
P. W. D. — Public Works Department
C. P. W. D. — Central Public Works Department
U. S. A. — United States of America
U. K. — United Kingdom (England)
U. P. — Uttar Pradesh
M. P. — Madhya Pradesh
H. P. — Himachal Pradesh
U. N. O. — United Nations Organization
W. H. O. — World Health Organization
B. B. C. — British Broadcasting Corporation
B. C. — Before Christ
A. C. — Air Conditioned
I. G. — Inspector General (of Police)
D. I. G. — Deputy Inspector General (of Police)
S. S. P. — Senior Superintendent of Police
D. S. P. — Deputy Superintendent of Police
S. D. M. — Sub-Divisional Magistrate
S. M. — Station Master
A. S. M. — Assistant Station Master
V. C. — Vice-Chancellor
A. G. — Accountant General
C. R. — Confidential Report
I. A. S. — Indian Administrative Service
I. P. S. — Indian Police Service
I. F. S. — Indian Foreign Service or Indian Forest Service
I. R. S. — Indian Revenue Service
P. C. S. — Provincial Civil Service
M. E. S. — Military Engineering Service

Friday 28 February 2020

महफ़िल


1.
ये बात पूछ रहा हूँ तुझसे सरे-आम महफ़िल में
क्या थोड़ी सी जगह दे सकोगे अपने दिल में
2.

मुझे भी शामिल करो गुनहगारों की महफ़िल में ,
मैं भी क़ातिल हूँ अपनी हसरतों का,
मैंने भी अपनी ख्वाहिशों को मारा है।
3.

महफ़िल ना सही, तन्हाई तो मिलती है;
मिलें ना सही, जुदाई तो मिलती है;
प्यार में कुछ नहीं मिलता;
वफ़ा ना सही, बेवफ़ाई तो मिलती है।
4.

शराफत के उसुलो से बगावत करने लगते है.
ये पढ़े लिखे भी भरी महफ़िल में शरारत करने लगते है.

Image result for शायरी images महफ़िल
Image Credit: http://www.manytalk.asia/

5.

टूटे हुए काँच की तरह चकना चूर हो गए..
किसी को लग ना जायें इसलिए सबसे दूर हो गये..
तेरी याद, तेरी चाहत, शायरी के अल्फाज बन गये..
भरी महफ़िल में लोग, मेरे दर्द को भी वाह वाह कह गए.!
6.

महफ़िल भले ही प्यारवालों की हो,,
उसमे रौनक तो दिल टुटा हुआ आशिक  ही लाता हैं....
7.

ये शायरी की महफ़िल बनी है आशिकों के लिये,,
बेवफाओं की क्या औकात जो शब्दों को तोल सके..!!
8.

बदला हुआ वक़्त है, ज़ालिम ज़माना है,
यंहा मतलबी रिश्ते है, फिर भी निभाना है,
वो नाकाम मोहब्बत थी, अंजाम बताना है,
इन अश्कों को छुपाना है, गज़ले भी सुनाना है,
इस महफ़िल में सबको, अपना ही माना है.
9.

कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते;
हर एक ने धोखा दिया, किस-किस को भुला देते;
अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा;
बयां करते तो महफ़िल को रुला देते।
10.

महफ़िल में कुछ तो सुनाना पड़ता है;
ग़म छुपा कर मुस्कुराना पड़ता है;
कभी हम भी उनके अज़ीज़ थे;
आज-कल ये भी उन्हें याद दिलाना पड़ता है।

Vegetables

Hello friends in this articles you are going to read about vegetables.

1. Name some vegetables?
Ans. Potato, Lady finger, Brinjal, Beet root, green peas.

2. Name some vegetable that grow below in ground?
Ans.Potato, carrot, Radish, Onion etc

3. Name a few vegetables that grow in creepers?
Ans. Pumpkin, bottle guard, green peas.

4. Name a vegetable which is sweet in taste
Ans.Sweet Potato.

5. Name some leafy vegetables?
ans. Cabbage, spinach, coriander leaves.

6. Name the vegetable that have a crown?
Ans. Brinjal.

Thanks for reading share this article with your friends and family Kindly subscribe this blog for more such informative articles.

भिख़ारी





रेल  सफ़र  में  भीख़  माँगने  के दौरान  एक  भिख़ारी  को एक  सूट बूट  पहने  सेठ जी  उसे  दिखे। उसने सोचा  कि  यह  व्यक्ति  बहुत  अमीर लगता  है, इससे  भीख़  माँगने  पर यह  मुझे  जरूर  अच्छे  पैसे  देगा। वह उस  सेठ  से  भीख़  माँगने  लगा।
भिख़ारी  को  देखकर  उस  सेठ  ने कहा, तुम  हमेशा  मांगते  ही  हो, क्या  कभी  किसी  को  कुछ  देते  भी हो ?
भिख़ारी  बोला, साहब  मैं  तो भिख़ारी  हूँ, हमेशा  लोगों  से  मांगता ही  रहता  हूँ, मेरी  इतनी  औकात कहाँ  कि  किसी  को  कुछ  दे  सकूँ ?
सेठ:- जब  किसी  को  कुछ  दे  नहीं  सकते तो  तुम्हें  मांगने  का  भी  कोई  हक़ नहीं  है। मैं  एक  व्यापारी  हूँ  और लेन-देन  में  ही  विश्वास  करता  हूँ, अगर  तुम्हारे  पास  मुझे  कुछ  देने  को  हो  तभी  मैं  तुम्हे  बदले  में  कुछ दे  सकता  हूँ।
तभी  वह  स्टेशन    गया  जहाँ  पर उस  सेठ  को  उतरना  था, वह  ट्रेन से  उतरा  और  चला  गया।
इधर  भिख़ारी  सेठ  की  कही  गई बात  के  बारे  में  सोचने  लगा। सेठ  के  द्वारा  कही  गयीं  बात  उस भिख़ारी  के  दिल  में  उतर  गई। वह सोचने  लगा  कि  शायद  मुझे  भीख में  अधिक  पैसा  इसीलिए  नहीं मिलता  क्योकि  मैं  उसके  बदले  में किसी  को  कुछ  दे  नहीं  पाता  हूँ। लेकिन  मैं  तो  भिखारी  हूँ, किसी  को कुछ  देने  लायक  भी  नहीं  हूँ।लेकिन कब  तक  मैं  लोगों  को  बिना  कुछ दिए  केवल  मांगता  ही  रहूँगा।
बहुत  सोचने  के  बाद  भिख़ारी  ने निर्णय  किया  कि  जो  भी  व्यक्ति  उसे भीख  देगा  तो  उसके  बदले  मे  वह भी  उस  व्यक्ति  को  कुछ  जरूर  देगा।
लेकिन  अब  उसके  दिमाग  में  यह प्रश्न  चल  रहा  था  कि  वह  खुद भिख़ारी  है  तो  भीख  के  बदले  में  वह  दूसरों  को  क्या  दे  सकता  है ?
इस  बात  को  सोचते  हुए  दिनभर गुजरा  लेकिन  उसे  अपने  प्रश्न का कोई  उत्तर  नहीं  मिला।
दुसरे  दिन  जब  वह  स्टेशन  के  पास बैठा  हुआ  था  तभी  उसकी  नजर कुछ  फूलों  पर  पड़ी  जो  स्टेशन  के आस-पास  के  पौधों  पर  खिल  रहे थे, उसने  सोचा, क्यों    मैं  लोगों को  भिख़  के  बदले  कुछ  फूल  दे दिया  करूँ। उसको  अपना  यह विचार  अच्छा  लगा  और  उसने  वहां से  कुछ  फूल  तोड़  लिए।
वह  ट्रेन  में  भीख  मांगने  पहुंचा। जब भी  कोई  उसे  भीख  देता  तो  उसके बदले  में  वह  भीख  देने  वाले  को कुछ  फूल  दे  देता। उन  फूलों  को लोग  खुश  होकर  अपने  पास  रख लेते  थे। अब  भिख़ारी  रोज  फूल तोड़ता  और  भीख  के  बदले  में  उन फूलों  को  लोगों  में  बांट  देता  था।
कुछ  ही  दिनों  में  उसने  महसूस किया  कि  अब  उसे  बहुत  अधिक लोग  भीख  देने  लगे  हैं। वह  स्टेशन के  पास  के  सभी  फूलों  को  तोड़ लाता  था। जब  तक  उसके  पास  फूल  रहते  थे  तब  तक  उसे  बहुत  से  लोग  भीख  देते  थे। लेकिन  जब फूल  बांटते  बांटते  ख़त्म  हो  जाते तो  उसे  भीख  भी  नहीं  मिलती थी,अब  रोज  ऐसा  ही  चलता  रहा था।
एक  दिन  जब  वह  भीख  मांग  रहा था  तो  उसने  देखा  कि  वही  सेठ  ट्रेन  में  बैठे  है  जिसकी  वजह  से  उसे  भीख  के  बदले  फूल  देने  की प्रेरणा  मिली  थी।
वह  तुरंत  उस  व्यक्ति  के  पास  पहुंच गया  और  भीख  मांगते  हुए  बोला, आज  मेरे  पास  आपको  देने  के  लिए कुछ  फूल  हैं, आप  मुझे  भीख  दीजिये  बदले  में  मैं  आपको  कुछ फूल  दूंगा।
शेठ  ने  उसे  भीख  के  रूप  में  कुछ पैसे  दे  दिए  और  भिख़ारी  ने  कुछ फूल  उसे  दे  दिए। उस  सेठ  को  यह बात  बहुत  पसंद  आयी।
सेठ:- वाह  क्या  बात  है..? आज  तुम  भी  मेरी  तरह  एक  व्यापारी  बन गए  हो, इतना  कहकर  फूल  लेकर वह  सेठ  स्टेशन  पर  उतर  गया।
लेकिन  उस  सेठ  द्वारा  कही  गई  बात  एक  बार  फिर  से  उस  भिख़ारी के  दिल  में  उतर  गई। वह  बार-बार उस  सेठ  के  द्वारा  कही  गई  बात  के बारे  में  सोचने  लगा  और  बहुत  खुश  होने  लगा। उसकी  आँखे  अब चमकने  लगीं, उसे  लगने  लगा  कि अब  उसके  हाथ  सफलता  की  वह 🔑चाबी  लग  गई  है  जिसके  द्वारा वह  अपने  जीवन  को  बदल  सकता है।
वह  तुरंत  ट्रेन  से  नीचे  उतरा  और उत्साहित  होकर  बहुत  तेज  आवाज में  ऊपर  आसमान  की  ओर  देखकर बोला, मैं  भिखारी  नहीं  हूँ, मैं  तो एक  व्यापारी  हूँ..
मैं  भी  उस  सेठ  जैसा  बन  सकता हूँ.. मैं  भी  अमीर  बन  सकता  हूँ !
लोगों  ने  उसे  देखा  तो  सोचा  कि शायद  यह  भिख़ारी  पागल  हो  गया है, अगले  दिन  से  वह  भिख़ारी  उस स्टेशन  पर  फिर  कभी  नहीं  दिखा।
एक  वर्ष  बाद  इसी  स्टेशन  पर  दो व्यक्ति   सूट  बूट  पहने  हुए  यात्रा  कर  रहे  थे। दोनों  ने  एक  दूसरे  को देखा  तो  उनमे  से  एक  ने  दूसरे  से हाथ  मिलाया  और  कहा, क्या आपने  मुझे  पहचाना ?
सेठ:- नहीं तो ! शायद  हम  लोग पहली  बार  मिल  रहे  हैं।
भिखारी:- सेठ जी.. आप याद किजीए, हम  पहली  बार  नहीं  बल्कि तीसरी  बार  मिल  रहे  हैं।
सेठ:- मुझे  याद  नहीं    रहा, वैसे हम  पहले  दो  बार  कब  मिले  थे ?
अब  पहला  व्यक्ति  मुस्कुराया  और बोला
हम  पहले  भी  दो  बार  इसी  ट्रेन में  मिले  थे, मैं  वही  भिख़ारी  हूँ जिसको  आपने  पहली  मुलाकात  में बताया  कि  मुझे  जीवन  में  क्या करना  चाहिए  और  दूसरी  मुलाकात में  बताया  कि  मैं  वास्तव  में  कौन  हूँ।
सेठ:- ओह याद  आया। तुम  वही भिखारी  हो  जिसे  मैंने  एक  बार भीख  देने  से  मना  कर  दिया  था और  दूसरी  बार  मैंने  तुमसे  कुछ फूल  खरीदे  थे  लेकिन  आज  तुम सूट  बूट  पहने  कहाँ  जा  रहे  हो और आजकल  क्या  कर  रहे  हो ?
सेठ जीमैं  वही  भिख़ारी  हूँ। लेकिन  आज  मैं  फूलों  का  एक  बहुत  बड़ा  व्यापारी  हूँ  और  इसी व्यापार  के  काम  से  दूसरे  शहर  जा रहा  हूँ।
आपने  मुझे  पहली  मुलाकात  में प्रकृति  का  नियम  बताया  थाजिसके  अनुसार  हमें  तभी  कुछ मिलता  है, जब  हम  कुछ  देते  हैं। लेन  देन  का  यह  नियम  वास्तव  में काम  करता  है, मैंने  यह  बहुत अच्छी  तरह  महसूस  किया  है, लेकिन  मैं  खुद  को  हमेशा  भिख़ारी ही  समझता  रहा, इससे  ऊपर उठकर  मैंने  कभी  सोचा  ही  नहीं  था और  जब  आपसे  मेरी  दूसरी मुलाकात  हुई  तब  आपने  मुझे बताया  कि  मैं  एक  व्यापारी  बन चुका  हूँ। अब  मैं  समझ  चुका  था  कि मैं  वास्तव  में  एक  भिखारी  नहीं बल्कि  व्यापारी  बन  चुका  हूँ।
मैंने  समझ  लिया  था  कि  लोग  मुझे इतनी  भीख  क्यों  दे  रहे  हैं  क्योंकि वह  मुझे  भीख  नहीं  दे  रहे  थे  बल्कि उन  फूलों  का  मूल्य  चुका  रहे  थे। सभी  लोग  मेरे  फूल  खरीद  रहे  थे क्योकि  इससे  सस्ते  फूल  उन्हें  कहाँ  मिलते।
मैं  लोगों  की  नजरों  में  एक  छोटा व्यापारी  था लेकिन  मैं  अपनी  नजरों में  एक  भिख़ारी  ही  था। आपके बताने  पर  मुझे  समझ    गया  कि मैं  एक  छोटा  व्यापारी  हूँ। मैंने  ट्रेन  में फूल  बांटने  से  जो  पैसे  इकट्ठे  किये  थे, उनसे  बहुत  से  फूल  खरीदे और  फूलों  का  व्यापारी  बन  गया।
यहाँ  के लोगों  को  फूल  बहुत  पसंद हैं  और  उनकी  इसी  पसंद  ने  मुझे आज  फूलों  का  एक  बहुत  बड़ा व्यापारी  बना  दिया।
स्टेशन  आने  पर  दोनो  साथ  उतरे और  अपने-अपने  व्यापार  की  बात करते  हुए  आगे  बढ़  गए।
मित्रों.. इस  कहानी  से  हमें  बहुत कुछ  सीखने  को  मिलता  है। कहानी में  सेठ  जी  ' लो'  और  'दो'  के  नियम को  बहुत  अच्छी  तरह  जानता  था, दुनिया  के  सभी  बड़े  व्यापारी  पूँजीपती  इसी  नियमो  का  पालन करके  ही  बड़े  व्यापारी  बने  हैं।

Thursday 27 February 2020

शायरी के पन्ने - परवाह

परवाह करने की आदत डाल लो ए इश्क़,
गर हुस्न बेपरवाह हुआ तो, बेपनाह मोहब्बतों को तरसेंगी रूह
==========
पतंग कट भी जाए मेरी तो कोई परवाह नहीं
आरजू बस ये है तेरी छत पे जा गिरे..
==========
परवाह नहीं अगर ये जमाना खफा रहे
बस इतनी सी दुआ है, दोस्त मेहरबां रहे।
==========

Image result for परवाह शायरी images
इन काफिलों की परवाह किसे है
हम उलझी हुई भीड़ से अलग हैं
==========
तू चेहरे की बढ़ती सलवटोँ की परवाह न कर..
हम लिखेँगे अपनी शायरी मे हमेशा जवाँ तुझको..
==========
मोहब्बत परवाह और इज्जत बेपनाह
यही वो दौलत है जो अक्सर हम उनहे देते हैं
==========
जिनका बंधन दिलों का होता है,
वो मिलो दुरी फासले की परवाह नहीं करते है
==========
कितने मासूम होते हैं ये आँसू भी,
ये गिरते भी उनके लिये हैं जिन्हें परवाह नहीं होती
==========
हाँ तेरी परवाह एक खुदगर्जी है मेरी
तेरी खुशी से ही चलती है धडकन जो मेरी.
==========
गुनाह है इश्क फिर भी सबको हुआ है इश्क
बेवफा है इश्क पर करता है फिर भी आशिक परवाह ए इश्क
==========
कर दिया मेरी चाहत ने उसे लापरवाह
मैने याद नही दिलाया, तो मेरा ख्याल भी नही आया
==========
मुद्दतों बाद उस लापरवाह ने हाल मेरा पूछ के..
मुझे फिर से बेहाल कर दिया..
==========

Strategic Alliances

  Strategic Alliances -  For any achievement gone need the right person on your team.  Sugriv was very keen on this. Very first Sugriva was ...