नमस्ते दोस्तों आज हम लिपि के बारे में पढ़ेंगे।
जब मानव ने भाषा का विकास करना शुरू किया तब उसने ध्वनियों को निश्चित रूप देना चाहा। अतः उसने ध्वनियों को चिन्ह-रूप में लिखना प्रारम्भ किया, जो लिपि कहलाता है।
किसी भाषा को लिखने के लिए जिन चिन्हों की सहायता ली जाती है ुए लिपि कहते है।
भाषा लिपि
हिंदी, संस्कृत, मराठी, कोंकणी,कश्मीरी, देवनागरी
बोडो, नेपाली, संथाली- देवनागरी
अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश - रोमन
तेलुगु- तेलुगु
तमिल- तमिल
मलयालम- मलयालम
उर्दू - फ़ारसी
पंजाबी- गुरुमुखी
धन्यवाद पहने के लिए।
जब मानव ने भाषा का विकास करना शुरू किया तब उसने ध्वनियों को निश्चित रूप देना चाहा। अतः उसने ध्वनियों को चिन्ह-रूप में लिखना प्रारम्भ किया, जो लिपि कहलाता है।
किसी भाषा को लिखने के लिए जिन चिन्हों की सहायता ली जाती है ुए लिपि कहते है।
भाषा लिपि
हिंदी, संस्कृत, मराठी, कोंकणी,कश्मीरी, देवनागरी
बोडो, नेपाली, संथाली- देवनागरी
अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश - रोमन
तेलुगु- तेलुगु
तमिल- तमिल
मलयालम- मलयालम
उर्दू - फ़ारसी
पंजाबी- गुरुमुखी
धन्यवाद पहने के लिए।
No comments:
Post a Comment