जय श्री कृष्णा सखियों और सखाओं। कृष्ण कन्हैया की ये मनभावन आरती आपके लिए लेकर आयी हु। आपको ये पता तो है ही। पर क्या करे चितचोर की स्तुति करने से अपने आप को रोक न सकी। आओ एकबार फिरसे इसे गाते है।
अधरधर मुरली बजैया की। आरती कृष्ण कन्हैया की।. धृ।.
कृष्ण तुम मथुरा जन्म लियो।
नन्द घर मंगलाचार कियो।
यशोदा गॉड खिलैया की। आरती कृष्णा कन्हैया की।. १।.
कृष्ण तुम यशोदा के छैया।
शाम बलदाऊ के भैया।
बन बन गाय चरैया की। आरती कृष्ण कन्हैया की।. २।.
कृष्ण तुम कंसासुर माँ-यो।
शाम तुम भूमिभार टा-यो।
कालिया नाग नचैया की। आरती कृष्ण कन्हैया की।.३।.
कृष्ण तुम अर्जुन के प्यारे।
शाम हो भक्तन रखवारे।
जमुना तट रास रचैया की। आरती कृष्ण कन्हैया की।.४।.
आरती गाते कृष्णानंद।
मन में होता अति आनंद।
विनय है लाज रखैया की। आरती कृष्ण कन्हैया की।.५।.
यहाँ तक पढ़ने के लिए धन्यवाद। अगर पढ़ते पढ़ते गुनगुनाये हो तो एकबार कृष्ण कन्हैया की जय कमेंट में कर दीजिये। और इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करिये।
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