YouTube

Saturday 4 July 2020

सच्ची साधुता से साधु पाया राजपुरोहित का पद

एक राजा को अपने राज्य के धार्मिक कार्य केतु के लिए एक राजपुरोहित की आवश्यकता थी।  पहला जो राजपुरोहित होने के कारण स्वस्थ रहें।फिर उनका अवसान हो गया। राजपुरोहित का पद रिक्त था। राजा ने विचार किया कि अत्यंत योग्य व्यक्ति को ही राजपुरोहित बनाना चाहिए क्योंकि वह एक प्रकार से राज्य का आध्यात्मिक नेतृत्व करता है। बहुत सोच विचार के बाद राजा ने यह घोषणा की कीजै साधु का आश्रम सबसे बड़ा होगा वह उसे ही अपना राजपुरोहित नियुक्त करेगा स्वर्ण ग्राम यह घोषणा सुनकर अनेक साधु एसटी वर्ग के पास वित्तीय मदद के लिए पहुंचने लगी ताकि वे अपने आश्रम को विशाल बना सके उन्हें राम राजा ने 59 में से 5 को चुनाव किया और उन्हीं में से एक को राजपुरोहित बनाने का निश्चय किया उन पांच में से चार साधु तो ढेर सारी आर्थिक मदद प्राप्त कर अपने आश्रमों को बड़ा बनाने में जुट गए किंतु एक साधु ने इस सब में तनिक भी रुचि नहीं ली। वह चुपचाप जंगल में जाकर तपस्या करने लगा। इस बात का पता चला तो वह मिलने पहुंचा उसके आश्रम के विषय में उससे पूछने लगा। तब साधु बोले महाराज मेरा आश्रम तो पूरा संसार है। मैं तो कहीं भी रहकर शिक्षा और ज्ञान का प्रसार कर सकता हूं। यह सुनकर राजा ने प्रभावित हो उसको राज पुरोहित बना दिया।  कथा का सार यह है कि जो "पर" के लिए अपने  "स्व" सर्वथा त्याग दे वही सच्चा साधु होता है। मतलब समाज के लिए स्वयं को प्रत्येक तर्पण समर्पित करना सा जूता है।

No comments:

Post a Comment

Strategic Alliances

  Strategic Alliances -  For any achievement gone need the right person on your team.  Sugriv was very keen on this. Very first Sugriva was ...