बात-बात में, हर बात में तेरी बात का आ जाना अच्छा लगता है.
यूँ तेरा दिलो - दिमाग पे छा जाना.
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मेरी हर खुशी हर बात तेरी है,
साँसों मे छुपी ये हयात तेरी हे,
दो पल भी नही रह सकते तेरे बिन,
धड़कनो की धड़कती हर आवाज़ तेरी है..
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यूँ तो हर बात सहने का जिगर है,
बस एक तेरा नाम ही मुझको कमजोर कर देता है..
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Image Credit: poemsbucket.com
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इन आँखों की तमन्ना है…
बस दीदार तुम्हारा हो..
इस दिल में रहो बस तुम……
और हर बात में जिक्र तुम्हारा हो…
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तुम ने जब चाहा, जो चाहा, कह दिया,
मै हर बार, हर बात हंस कर सह गया।
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आज तू ही बता दे तू है कौन.?
तेरी हर बात छू जाती है दिल को मेरे..
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प्यार वो जो जज़्बात को समझे मोहब्बत वो जो आपके एहसास को समझे
मिल तो जाते है सब अपना कहने वाले पर अपना वो जो बिना कहे हर बात को समझे
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कभी-कभी मुस्कुराती आँखें भी कर देती हैं कई दर्द बयां
हर बात को रो कर ही बताना जरूरी नहीं
=====सुनो हर बात में मुँह फुला लेते हो
पिछले जन्म में गुब्बारा थे क्या
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