कहूँ क्या - क्या न कहूँ शब्द मोन हैं....
तूम नही तो न जाने हम कोन हैं
=====थोड़ा दिल रोया तो चंद शब्द बह गए,
और वो समझे हम शायर हो गए
थोड़ा दिल रोया तो चंद शब्द बह गए
और वो समझे हम शायर हो गए

Image Credit: hindividya.com
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प्रीत हो दिल में, तो रग रग से महकेगी
हर शब्द महकेगा, हर एक बात महकेगी !
सांसों पर सजे होंगें, शिलालेख खुशबु के,
हर दिवस महकेगा, हर एक रात महकेगी !
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मेरे लिखे हुए शब्द का कोई मोल नहीं है.!
क्योंकि शायरी तो तेरी आखों में ही थी.!
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मौन से जो कहा जा सकता है, वो शब्द से नहीं और
जो दिल से दिया जा सकता है, वो हाथों से नहीं
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शायर बनना आसान नही है .. मेरे दोस्त....
शब्द जोडने के लिए पहले दिल तुडवाना पडता है.
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तेज बारिश मे खड़ा रहा में ॥
बस एक शब्द सुनने को ,
वो कह दे .. इधर आओ पागल भीग जाओगे ॥
=====शब्दों के दांत नहीं होते है, लेकिन शब्द जब काटते है, तो दर्द बहुत होता है और कभी कभी, घाव इतने गहरे हो जाते है की जीवन समाप्त हो जाता है, परन्तु घाव नहीं भरते, इसलिए जीवन में जब भी बोलो मीठे बोलो, मधुर बोलो!
=====रिश्ते वो होते हैं, जिसमे शब्द कम और समझ ज्यादा हो;
जिसमे तकरार कम और प्यार ज्यादा हो;
जिसमे आशा कम और विश्वास ज्यादा हो।
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