नुमाइश करने से चाहत बढ़ नही जाती
मुहब्बत वो भी करते है जो इज़हार तक नही करते
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नुमाइश करने से इश्क बढ नहीं जाता.
इश्क वो भी करते हैं जो इजहार नहीं करते..
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दिल के दर्द तुम्हें कैसे बताऊ
दिल नुमाइश की चीज नहीं है,
जो किसी को भी अपना दिल दिखाऊं
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Image Credit: poetrykart.wordpress.com
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जितना मज़ा नहीं है नुमाइश में इश्क़ की,
उससे ज़्यादा इश्क़ छुपाने में है मज़ा!
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सांसे तो.. बस नुमाइश हैं..
जिंदगी तो मेरी तुम हो !
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इश्क है वही जो हो एक तरफा,
इजहार-ए-इश्क तो ख्वाहिश बन जाती है,
है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ,
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है
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दौलत की नुमाइश वही लोग करते है
जिनके पास दौलत के सिवा कुछ भी नही होता।
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हमको आता नहीं जख्मों की नुमाइश करना,
खुद ही रोते हैं तड़पते हैं और सो जाते हैं।।
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मोहब्बत तो सिर्फ शब्द है इसका अहसास तुम हो
शब्द तो सिर्फ नुमाइश है जज्ब़ात तो मेरे तुम हो
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