तवांग यह अरुणाचल प्रदेश का एक जिला है| आइये इस ज़िले के बारेमे कुछ जानकारी पढले|
सबसे पहले आप तवांग ज़िले की ऑफिसियल वेब साईट को नोट कर लीजिये: http://ardistricts.nic.in/district_home.php?did=taw
१) मोनपा जाती के लोग तवांग ज़िले में सबसे ज्यादा रहते है|
२) ल्होमोन या मोंयुल का राज्य तवांग क्षेत्र पर था| यह समय था ५०० बी.सी. से ६०० ए.डी. तक|
३) मोंयुल के बाद कुछ हिस्सा पडोसी देश भूटान और कुछ हिस्सा पडोसी देश तिब्बत आधीन था|
४) मेराक लामा लोद्रे ग्यात्सो ने सन १६८१ में तवांग विहार (मोनास्ट्री) की स्थापना की थी|
५) तवांग अंग्रेजी हुकूमत तक तिब्बत का हिस्सा था|
६) सन १९१४ में मैकमोहन लाइन के बाद तवांग भारत का हिस्सा बना|
७) सन १९४४ तक तवांग शहर तक अंग्रेजी हुकूमत उत्तर पूर्व फ्रंटियर एजेंसी (NEFA) के जरिये पोहोच चुकी थी| इसी समय जे. पी. मिल्स ने दिरांग द्जोंग में आसाम राइफल्स पोस्ट की स्थापना की थी|
८) सन १९५० में चीन ने तिब्बत को जित लिया था तबसे तिब्बती लोगो के लिए तवांग में आना मुश्किल हो गया है|
९) सन १९६२ के भारत चीन युद्ध में चीन ने तवांग पर कब्ज़ा क्र लिया था पर युद्ध ख़त्म होने के बाद चीन ने अपनी सारी सेना तवांग से हटा ली थी|
१०) सन १९८९ में तवांग जिला बना| तबतक तवांग पश्चीम कमेंग ज़िले का भाग था|
११) सीमाए: उत्तर में तिब्बत और भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा, पश्चिम में भूटान और भारत की अन्तेर्राष्ट्रीय सीमा तथा पूर्व और दक्षिण में पश्चिम कमेंग की सीमा|
१२) अन्य आदिवासी जातिया - आदी, भोटिया, मोनपा, ताकपा
१३) बॉर्डर सेंसिटिविटी वजह से तवांग में फौज ज्यादा तैनात की हुई है|
१४) ठण्ड के दिनों में यहाँ बर्फ़बारी भी होती है|
१५) ज़िले के उपभाग: अ) तवांग ब) लुमला क) जांग
१६) तवांग उपभाग के प्रशासनिक सर्कल: अ) तवांग ब) कित्पी
१७) लुमला उपभाग के प्रशासनिक सर्कल: अ) बोंगखर ब) दुदुन्घर क) लुमला ड) झेमिथांग
१८) जांग उपभाग के प्रशासनिक सर्कल: अ) जांग ब) मुक्तो क) थिन्गबू ड) ल्होऊ
१९) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र: अ) लुमला ब) तवांग क) मुक्तो
२०) तवांग पश्चिम अरुणाचल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है|
२१) आदिवासी जाती के लोगो के साथ साथ अल्प मात्रा में तिबेतियन लोग भी तवांग ज़िले में रहते है|
२२) तवांग ज़िले में पुरे १६३ गाव है|
२३) तिब्बतियन बुद्ध धर्म यह ज्यादा से ज्यादा लोगों का धर्म है|
२४) कुछ लोग बॉन धर्म को मानते है तो कुछ शामनिस्ट धर्म को भी मानते है|
२५) हर साल लोसर, चोस्कर और तोर्ग्या यह उत्सव पर्व बड़ी धूमधामसे मनाये जाते है| इसके अलावा गंडेन ग्गमचोए, दृकपा, त्से-ज़े, ज्हेपा साका दावा यह उत्सव भी मनाये जाते है|
२६) हर तिन साल बाद दुन्गयुर उत्सव पर्व भी मनाया जाता है|
२७) खेती यही यहाके लोगो का मुख्य उपजीविका साधन है|
२८) ठण्डे मौसम के कारन याक और भेड़ पाले जाते है|
२९) लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य: तवांग विहार, सेला पास, जांग का झरना, वॉर मेमोरियल, जसवंत गड, पन्गगंग टेंग त्सो तालाब, उर्गेल्लिंग गोम्पा, मंजुश्री विद्यापीठ, खिन्मे गोम्पा, भ्रमादुन्गाचुंग अनी गोम्पा, जोंग न्गा त्सेर तालाब, तक्तसंग गोम्पा, गोरजें चोर्तेन ज़ेमितंग, लमई ज़पसे, चाग्ज़म पुल, बप्तेंग कांग झरना इत्यादि निसर्ग से भरपूर जगहे आप के लिए तवांग में है|
३०) हस्तकला के छोटे छोटे उद्योग भी पर्यटकों को आकर्षित करते है|
३१) अगर आप तवांग ज़िले में घूमने जाना चाहते है तो आपको स्पेशल इनर लाइन परमिट की जरूरत है जो की कलकत्ता, दिल्ली, गुवाहाटी या तेजपुर से प्राप्त किया जा सकता है|
३२) मांस के व्यंजन, शाकाहारी मोमोज और क्रीम बन यह यहाँ का सबसे जल्दी मिलने वाला खाना है जो की जगह जगह मिलेंगा|
३३) तवांग का मतलब "चुना हुआ घोडा".
३४) तवांग के लिए स्पेशल हेलिकॉप्टर सुविधा भी है|
३५) तवांग ज़िले का स्थापना दिन - ५ ओक्टोबर १९८४
३६) यहाँ सभी तरह की क़ानूनी कारवाई आसाम फ्रंटियर अधिनियम १९४५ के तहत की जाती है|
३७) ६ फरवरी १९५१ के दिन सबसे पहला प्रशासनिक केंद्र स्थापित किया गया| यह काम मेजर बॉब खाटिंग ने किया था|
३८) पंचायत राज की शुरुवात उत्तर पूर्व फ्रंटियर एजेंसी अधिनियम १९६७ के तहत की गयी है|
३९) गौरिचैन यह सबसे उची पहाड़ी चोटी है जो की २२,५०० फीट उची है|
४०) तवांग-चु और न्यमजंग चु यह दो नदिया तवांग ज़िले से होकर गुजरती है|
४१) यहाँ के हर गाव में एक गोम्पा मतलब पुरे गाव का एक बौद्ध मठ होता है|
यह थी तवांग ज़िले की थोडीसी मालूमात और भी मालूमात अगले ब्लॉग में शेयर की जाएँगी इसीलिए इस ब्लॉग को फोलो करे और तवांग ज़िले में रहने वाले और वाचको के साथ शेयर करे| अगर कोई गलती हुई हो या फिर कोई और भी मालूमात जो की इस में नहीं दी गयी हो कृपया उसके बारेमे कमेंट जरुर करिए| यह मालूमात आपको अरुणाचल प्रदेश के बारेमे सामान्य ज्ञान देने के लिए दी गयी है जो की आप किसीभी स्पर्धा परीक्षा की तयारी के लिए इस्तेमाल कर सकते है| अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद!
सबसे पहले आप तवांग ज़िले की ऑफिसियल वेब साईट को नोट कर लीजिये: http://ardistricts.nic.in/district_home.php?did=taw
इमेज क्रेडिट: डिस्ट्रिक्ट पोर्टल तवांग
१) मोनपा जाती के लोग तवांग ज़िले में सबसे ज्यादा रहते है|
२) ल्होमोन या मोंयुल का राज्य तवांग क्षेत्र पर था| यह समय था ५०० बी.सी. से ६०० ए.डी. तक|
३) मोंयुल के बाद कुछ हिस्सा पडोसी देश भूटान और कुछ हिस्सा पडोसी देश तिब्बत आधीन था|
४) मेराक लामा लोद्रे ग्यात्सो ने सन १६८१ में तवांग विहार (मोनास्ट्री) की स्थापना की थी|
५) तवांग अंग्रेजी हुकूमत तक तिब्बत का हिस्सा था|
६) सन १९१४ में मैकमोहन लाइन के बाद तवांग भारत का हिस्सा बना|
७) सन १९४४ तक तवांग शहर तक अंग्रेजी हुकूमत उत्तर पूर्व फ्रंटियर एजेंसी (NEFA) के जरिये पोहोच चुकी थी| इसी समय जे. पी. मिल्स ने दिरांग द्जोंग में आसाम राइफल्स पोस्ट की स्थापना की थी|
८) सन १९५० में चीन ने तिब्बत को जित लिया था तबसे तिब्बती लोगो के लिए तवांग में आना मुश्किल हो गया है|
९) सन १९६२ के भारत चीन युद्ध में चीन ने तवांग पर कब्ज़ा क्र लिया था पर युद्ध ख़त्म होने के बाद चीन ने अपनी सारी सेना तवांग से हटा ली थी|
१०) सन १९८९ में तवांग जिला बना| तबतक तवांग पश्चीम कमेंग ज़िले का भाग था|
११) सीमाए: उत्तर में तिब्बत और भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा, पश्चिम में भूटान और भारत की अन्तेर्राष्ट्रीय सीमा तथा पूर्व और दक्षिण में पश्चिम कमेंग की सीमा|
१२) अन्य आदिवासी जातिया - आदी, भोटिया, मोनपा, ताकपा
१३) बॉर्डर सेंसिटिविटी वजह से तवांग में फौज ज्यादा तैनात की हुई है|
१४) ठण्ड के दिनों में यहाँ बर्फ़बारी भी होती है|
१५) ज़िले के उपभाग: अ) तवांग ब) लुमला क) जांग
१६) तवांग उपभाग के प्रशासनिक सर्कल: अ) तवांग ब) कित्पी
१७) लुमला उपभाग के प्रशासनिक सर्कल: अ) बोंगखर ब) दुदुन्घर क) लुमला ड) झेमिथांग
१८) जांग उपभाग के प्रशासनिक सर्कल: अ) जांग ब) मुक्तो क) थिन्गबू ड) ल्होऊ
१९) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र: अ) लुमला ब) तवांग क) मुक्तो
२०) तवांग पश्चिम अरुणाचल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है|
२१) आदिवासी जाती के लोगो के साथ साथ अल्प मात्रा में तिबेतियन लोग भी तवांग ज़िले में रहते है|
२२) तवांग ज़िले में पुरे १६३ गाव है|
२३) तिब्बतियन बुद्ध धर्म यह ज्यादा से ज्यादा लोगों का धर्म है|
२४) कुछ लोग बॉन धर्म को मानते है तो कुछ शामनिस्ट धर्म को भी मानते है|
२५) हर साल लोसर, चोस्कर और तोर्ग्या यह उत्सव पर्व बड़ी धूमधामसे मनाये जाते है| इसके अलावा गंडेन ग्गमचोए, दृकपा, त्से-ज़े, ज्हेपा साका दावा यह उत्सव भी मनाये जाते है|
२६) हर तिन साल बाद दुन्गयुर उत्सव पर्व भी मनाया जाता है|
२७) खेती यही यहाके लोगो का मुख्य उपजीविका साधन है|
२८) ठण्डे मौसम के कारन याक और भेड़ पाले जाते है|
२९) लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य: तवांग विहार, सेला पास, जांग का झरना, वॉर मेमोरियल, जसवंत गड, पन्गगंग टेंग त्सो तालाब, उर्गेल्लिंग गोम्पा, मंजुश्री विद्यापीठ, खिन्मे गोम्पा, भ्रमादुन्गाचुंग अनी गोम्पा, जोंग न्गा त्सेर तालाब, तक्तसंग गोम्पा, गोरजें चोर्तेन ज़ेमितंग, लमई ज़पसे, चाग्ज़म पुल, बप्तेंग कांग झरना इत्यादि निसर्ग से भरपूर जगहे आप के लिए तवांग में है|
३०) हस्तकला के छोटे छोटे उद्योग भी पर्यटकों को आकर्षित करते है|
३१) अगर आप तवांग ज़िले में घूमने जाना चाहते है तो आपको स्पेशल इनर लाइन परमिट की जरूरत है जो की कलकत्ता, दिल्ली, गुवाहाटी या तेजपुर से प्राप्त किया जा सकता है|
३२) मांस के व्यंजन, शाकाहारी मोमोज और क्रीम बन यह यहाँ का सबसे जल्दी मिलने वाला खाना है जो की जगह जगह मिलेंगा|
३३) तवांग का मतलब "चुना हुआ घोडा".
३४) तवांग के लिए स्पेशल हेलिकॉप्टर सुविधा भी है|
३५) तवांग ज़िले का स्थापना दिन - ५ ओक्टोबर १९८४
३६) यहाँ सभी तरह की क़ानूनी कारवाई आसाम फ्रंटियर अधिनियम १९४५ के तहत की जाती है|
३७) ६ फरवरी १९५१ के दिन सबसे पहला प्रशासनिक केंद्र स्थापित किया गया| यह काम मेजर बॉब खाटिंग ने किया था|
३८) पंचायत राज की शुरुवात उत्तर पूर्व फ्रंटियर एजेंसी अधिनियम १९६७ के तहत की गयी है|
३९) गौरिचैन यह सबसे उची पहाड़ी चोटी है जो की २२,५०० फीट उची है|
४०) तवांग-चु और न्यमजंग चु यह दो नदिया तवांग ज़िले से होकर गुजरती है|
४१) यहाँ के हर गाव में एक गोम्पा मतलब पुरे गाव का एक बौद्ध मठ होता है|
यह थी तवांग ज़िले की थोडीसी मालूमात और भी मालूमात अगले ब्लॉग में शेयर की जाएँगी इसीलिए इस ब्लॉग को फोलो करे और तवांग ज़िले में रहने वाले और वाचको के साथ शेयर करे| अगर कोई गलती हुई हो या फिर कोई और भी मालूमात जो की इस में नहीं दी गयी हो कृपया उसके बारेमे कमेंट जरुर करिए| यह मालूमात आपको अरुणाचल प्रदेश के बारेमे सामान्य ज्ञान देने के लिए दी गयी है जो की आप किसीभी स्पर्धा परीक्षा की तयारी के लिए इस्तेमाल कर सकते है| अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद!
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