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ओ अजमल रा लाल रामदेव। कलजुग रा अवतार। सुमरता दुःख भागे।। धृ. ।।
पूरी द्वारका अजमल राजा। मांग्यो हे वरदान।
भादो सुदरी दूज चांदनी। सांचो हे परमाण।
कुकु पगल्या देख आँगन। आवे थारे द्वार।
सुमरता दुःख भागे।। १ ।।
बनिया रामदेव जी। मोटा बिरमदेव।
अजमल द्वारे चारण आया। केवे बधाई देव।
जुग जुग जीवे कंवर लाडला। दुनियारा दुनियारा करतार।
सुमरता दुःख भागे।। २ ।।
रामदेवरो गांव रुणिचो। घोड़ी ध्वजारा स्वामी।
भक्तारा दुःख जाणन हारा। थे हो अंतरयामी।
थारी महिमा घर घर गावे। केशरीयो सिनगार।
सुमरता दुःख भागे।।३ ।।
अश्व सवारी थारी रे बाबा। म्हारे मन में भावे।
ज्यारी जैसी रहे भावना। भक्तारे घर आवे।
निशि करतो चरण चाकरी। सांचो है दरबार।
सुमरता दुःख भागे।।४ ।।
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