१)
साहिल पे बैठे यूँ सोचते हैं आज
कौन ज्यादा मजबूर है
ये किनारा जो चल नहीं सकता
या वो लहर जो ठहर नहीं सकती.
२)
ए खुदा तूने कितना मजबूर बनाया है अपने बंदे को
रूह को सबसे अजीज चीज बनाया और फिर उसे अपने कब्जे में रखा.!
३)
मुझे मजबूर करती हैं यादें तेरी वरना.
शायरी करना अब मुझे अच्छा नहीं लगता
Image Credit: ShayarikiDiary
४)
कितना मजबूर होगा वो शख्स,
जिसने सिर्फ मज़बूरी में कुछ दिन मोहब्बत की थी.
५)
टूटा हुआ दिल करता है मजबूर अपना फ़साना लिखने को ,
वरना किसे ख़ुशी मिलती है अपना दर्द लिख कर
६)
कुछ यूँ हुआ कि जब भी जरुरत पड़ी मुझे..
हर शख्स इतेफाक से मजबूर हो गया..‼
७)
गुजारिश हमारी वह मान न सके ।
मजबुरी हमारी वह जान न सके।
कहते है मरने के बाद भी याद रखेंगे।
जीते जी हमें पहचान न सके।।।
८)
अपना बनाकर फिर कुछ दिन में बेगाना बना दिया
भर गया दिलहमसे तो मजबुरी का बहाना बना दिय़ा
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