नास्ते दोस्तों आज हम स्वरों के बारे में पढ़ेंगे।
१. स्वर वो वार्ना है जिन्हे स्वतंत्रता से बोलै जाता है।
२. इनकी संख्या ११ हैं।
३. यह हैं- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।
४. इनके तीन भेद होते हैं-
१. ह्रस्व स्वर- जिन स्वरों के उच्चारण में बहुत ऍम समय लगता हैं उन्हें ह्रस्व स्वर कहते है। यह चार होते है- अ, इ, उ, ऋ।
२. दीर्घ स्वर- जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वर से दुगुना समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। यह सात होते है- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।
३. प्लुत स्वर- जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वर से तीन गुना समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर। यह हिंदी में इसतेमल नहीं किये जाते, यह प्रार्थना, गीतों, अदि में इस्तेमाल किये जाते है।
धन्यवाद पड़ने के लिए।
१. स्वर वो वार्ना है जिन्हे स्वतंत्रता से बोलै जाता है।
२. इनकी संख्या ११ हैं।
३. यह हैं- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।
४. इनके तीन भेद होते हैं-
१. ह्रस्व स्वर- जिन स्वरों के उच्चारण में बहुत ऍम समय लगता हैं उन्हें ह्रस्व स्वर कहते है। यह चार होते है- अ, इ, उ, ऋ।
२. दीर्घ स्वर- जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वर से दुगुना समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। यह सात होते है- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।
३. प्लुत स्वर- जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वर से तीन गुना समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर। यह हिंदी में इसतेमल नहीं किये जाते, यह प्रार्थना, गीतों, अदि में इस्तेमाल किये जाते है।
धन्यवाद पड़ने के लिए।
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