नमस्ते दोस्तों आज आप साहित्य भाषा के बारे में पड़ेंगे।
आम बोलचाल में साहित्य भाषा का प्रयोग काम ही होता है। पर यह भाषा व्याकरण की शुद्ध, अलंकृत और परिमार्जित है। यह भाषा का मानक रूप है। इसमें ही साहित्य की रचना होती है। कविता, कहानी, नाटक, निबंध, आलोचना, एवं उपन्यास अदि साहित्य की विभिन्न विधियां की रचना साहित्य भाषा से ही हटी है।
धन्यवाद पढ़ने लिए।
आम बोलचाल में साहित्य भाषा का प्रयोग काम ही होता है। पर यह भाषा व्याकरण की शुद्ध, अलंकृत और परिमार्जित है। यह भाषा का मानक रूप है। इसमें ही साहित्य की रचना होती है। कविता, कहानी, नाटक, निबंध, आलोचना, एवं उपन्यास अदि साहित्य की विभिन्न विधियां की रचना साहित्य भाषा से ही हटी है।
धन्यवाद पढ़ने लिए।
No comments:
Post a Comment