आप समस्त स्नेहिजनो को अंतरंग का स्नेह वंदन ।
॥ जय श्री राम ॥
आज मॉ अस्पताल में भर्ती थी ।
कदाचित अंतिम सॉसें गिन रही थी, अपनी मॉ की हालत से व्यथित सूरज अपने फेसबुक तथा वाट्सएप के दोस्तों से एक विनम्र अपील की -
‘ प्यारे दोस्तों ! मेरी मॉ बहुत बीमार है मॉ जल्दी स्वस्थ हो जाये इसलिये आप सभी की दुआ और प्रार्थना कि मुझे बेहद आवष्यकता है ।‘
परिणामतः दोस्तों कि आत्मिय संवेदनायें लगातार प्राप्त होती रही और वह उन्हे निरंतर धन्यवाद देता रहा।
सूरज के इसी मेसेज को पढ़ उसके वाट्सएप का एक दोस्त अपनी संवेदनायें वाट्सएप में प्रेषित करने के बजाय उसका दुख कम करने हेतू स्वंय ही उसके पास अस्पताल पहुच गया और उसके कानों में मॉ के स्वास्थ सुधार का एक अचूक नुस्खा बताया जिसे सुन सूरज के चेहरे पर छायी चिंता की लकीरें कम होने के बजाय फैल कर दुगुनी हो गयी थी । आगंतुक ने केवल इतना ही कहा था-
‘ तुम अंदर जाकर मॉ के कानों में केवल इतना ही कह दो कि ‘ मॉ तुम जल्दी ठीक हो जाओ! माँ तुम्हारे बिना घर सुना है ।‘
वह आगंतुक और कोई नही वृद्धाश्रम का मैनेजर था ।
॥ जय श्री राम ॥
शुभ रात्री
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