आप समस्त स्नेहिजनो को अंतरंग का स्नेह वंदन
॥ जय श्री राम ॥
मित्रों करीब डेढ़ माह पूर्व की घटना है हमारे स्टोर रूम के पास वाले खोपचे में कही दिनों से हरकत हो रही है हमने गौर किया और कार्टून को हटाकर देखा निचे तीन बिल्ली के बच्चे थे। ..बात वारिस के शुरुआती दिनों की है उपरी गलियारे से वर्षा की बूंदे टपक रही थी एक बिल्ली का बच्चा बड़ा ही कमजोर था बिलकुल सिकुड़ा सा! हमारा कार्टूनी टिन हटाना ही था की अचानक से हुई हरकत से दो बिल्ली के बच्चे भाग जाते पर वो कमजोर वाला बच्चा अपनी विवशता को भी छुपा नही सकता भूख से बेहाल क्योकि उसकी पहली लड़ाई अपने भाइयो से ही होती थी खाने के लिए और बाद में जो खाने के बाद बचा खुचा मिलता था उसीसे गुजारे का परिणाम उसकी कमजोरी थी अब कभी -कभी हम उपर छत पर जाते तो उस कमजोर और टूट चुके प्राणी के लिए दूध बगेराह जरुर ले जाते । और जबतक वह दूध पिता उसको सहलाते रहते थे ताकी उसका हमारे प्रति डर खत्म हो ।
कुछ दिन बाद एक और हादसा हो गया मुख्य द्वार खुला था एक कुता आ गया और वो दबे कदमो से ऊपर चढ़ गया और अचानक से एक अपरिचित आग्तुंक की आहट से बिल्ली और बाकि दोनों बच्चे भाग गये लेकिन हताशऔर बेचारा पहले से कमजोर छोटा वाला बच्चा उसकी चपेट में आ गया दो तिन मिनट की टकराहट से और झुझ ने उसे झुलस के रख दिया पर अब और भी वो दया का पात्र पन चूका था बस चलना भी उसके लिए मुस्किल था शायद ये उसकी मुस्किलो का दौर चल रहा था और उस शेतान दानव कुते के प्रहार जिन्दगी का सबसे कटु अनुभव बन गया ।
वक्त बीतता गया
आज अचानक डेढ़ महीने के बाद जैसे ही हम ऊपर जाकर देखते है की उपरी मुंडेर में यह परिवार फिर दीखता है पर अफ़सोस जताते हुए हमने देखा छोटा बच्चा न दिख रहा पर वो सबसे उपर दिवार के कोने पर बेठा था सबसे फुर्तीला और चोटों के निशा उसकी संघर्ष की दास्तान बता रहे थे पर शायद उस जीने की लड़ाई ने ही उसे सबसे अलग और अनोखा बनाया था इसलिए दोस्तों जिन्दगी में संघर्ष शायद आपमें नए हुनर को लाने के लिए हो और कमजोरो का हर जगह शोषण होता अपनों से लेकर गेरो तक पर जब वो उठते है दबे पाँव अपना वजूद दुनिया को देते है और महान हस्तियों में बेसुमार बस उस दौर में टिकना ही संयम है..आज कल और हमेशा ।
॥ जय श्री राम ॥
शुभ रात्री
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