आप समस्त स्नेहीजनों को हमारा स्नेह वंदन
॥ जय श्री राम ॥
शुभ संध्या
परसो शाम को नदी किनारे जंगल के इस तरफ कुछ भेड़िये आठ महीने की बच्ची को नोंच-नोंच कर खा गए थे। बचे हुए टुकड़ों में कुछ गिद्ध चोंच दे रहे थे। यह देख वहाँ कल सुबह गाँव वालों की भीड़ इक्कठी हो गयी। सब रोष में थे। किसी ने धीमे स्वर में बताया कि भेड़िये जंगल में से आये थे। जैसे ही सबने सुना उस धीमे स्वर को ,सब तैश में आ गए और चल पड़े जंगल की ओर। क्योंकि अब यह हादसा किसी के भी साथ हो सकता था। उन्हें ढूँढ कर मारना था उन भेड़ियों को।
कल शाम को फिर कुछ भेड़िये आठ साल की बच्ची को नोंच-नोंच कर खा गए। आज सुबह फिर गाँव वालों की वैसी ही भीड़ इक्कठी हो गयी थी वहाँ। आज फिर सब रोष में थे। फिर किसी ने धीमे स्वर में बताया भेड़िये मुखिया के फ़ार्म हाउस में से आये थे। जैसे ही सबने सुना उस धीमे स्वर को वहीं दबा दिया गया। अब सब दहशत में थे। और चल पड़े अपने घरों की ओर क्योंकि यह हादसा अब किसी के भी साथ हो सकता था।
लेकिन अब भेड़ियों को ढूंढने का जिम्मा उन्होंने पुलिस को दे दिया था और कुछ गिद्ध भी आ गए थे उन भेड़ियों को बचाने के लिए।
प्रणाम
॥ जय श्री राम ॥
शुभ रात्री
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