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१)
मजबूर ना करेंगे तुम्हें वादें निभाने के लिए
बस तु एक आ जा अपनी यादें ले जाने के लिए
२)
बहुत मजबूर हो जाता है इंसान ऐसी सुंदरता को देखकर
जब वो उसको पा भी नही सकता और उसे भूल भी नही सकता
३)
किसी को क्या बताये की कितने मजबूर है हम
चाहा था सिर्फ एक तुमको और अब तुम से ही दूर है हम
४)
ज़िन्दगी भर साथ चलेंगे दिलकी यह आरज़ू थी,
साथ थो चले जरूर होके किस्मत से मजबूर,
नदी के दो किनारे की तरह,साथ साथ भी लेकिन बहुत दूर.
५)
क्या खुब लिखा है गुलजार जी ने
पानी से तस्वीर कहा बनती है,
ख्वाबों से तकदीर कहा बनती है,
किसी भी रिश्ते को सच्चे दिल से निभाओ,
ये जिंदगी फिर वापस कहा मिलती है
कौन किस से चाहकर दूर होता है,
हर कोई अपने हालातों से मजबूर होता है,
हम तो बस इतना जानते हैं
हर रिश्ता मोती और हर दोस्त कोहिनूर होता है।
६)
गलियों से गुजरने का इल्ज़ाम ना दो हम को !
तेरी दीवानगी खींच लाती है , दिल के हाथों मजबूर हैं हम..
७)
गलियों से गुजरने का इल्ज़ाम ना दो हम को !
तेरी दीवानगी खींच लाती है , दिल के हाथों मजबूर हैं हम..
८)
दुनिया में नफरत सबके दिलों से दूर हो जाये
मुहब्बत दिल में पनपने के लिए मजबूर हो जाये
९)
दिल के टुकड़े मजबूर करते है कलम चलाने को वरना
हकीकत में कोई भी खुद का दुःख लिखकर खुश नही होता।
१०)
कितने मजबूर है हम तक़दीर के हाथों,
ना तुझे पाने का नसीब है और ना तुझे खोने का हौंसला
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