बेठयो रुणिचा लगा के दरबार, की रामधनी राज करें।
लीले घोड़े पर हुयो असवार, भक्तारा बेड़ा पार करें।। टेर ।।
घूंगरबाळा छत्र बिराजे। गले फूलों की माला।
शिर पर थारे तिलक सुहावे। हाथ में थारे भाला।
थारे दुखियारी सुनजे पुकार की रामधनी राज करें ।।1।।
गांव गांव में शहर शहर में। पूजे नर और नारी।
माह भादवा देख्यो म्हे तो। घर घर पूजा थारी।
म्हारा अंगनिया आओ करतार की रामधनी राज करें ।।2।।
जोधपुर जोधानो थारो। मरुधर जैसो देश।
रेती के धोरा में देख्यो। थारो सुंदर देश रुणिचा।
रुणीचो बसायो लखयो दातार की रामधनी राज करें ।।3।।
मीठा मेंवा थारा देशरा। लागे अति प्यारा।
काचर बोर मतीरा म्हारे। दीजो न्यारा न्यारा।
सुनो अरजी सरजन हार की रामधनी राज करें ।।4।।
गरीब निवाज शरण में थारी। दुखियों के हितकारी।
करुणा करके तूम्हे पुकारे। लीजो खबर हमारी
थेतों भक्तारा हो जीवन आधार की रामधनी राज करें ।।5।।
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