सुगना बाई को हेलो
तर्ज थाली भरकर लाई खीचड़ो
पुंगल गढरा महला ऊपर। सुगना निर बहावे है।
म्हारे बिरारो ब्याव मंडयो हैं। म्हणे लेवन कुन आवे है।
पुंगल गढरा महला ऊपर ।। टेर ।।
बड़ा घराने देखर म्हाने। पुंगल गढ़ परणाई है।
ब्यावलो होकर सासरे आई। पियर नहीं दिखाई है।
म्हाने दिखा दे रे मुंडो रे मातरो। पल पल याद सतावे हैं।
म्हारे बिरारो ब्याव--- ।।1।।
बड़ा बीरा म्हारा बीरमदेव। जी छोटा परचाधारि है।
माता मेनादे पिता अजमल जी। बेनड लाछाबाई है।
इत्ता बड़ा परिवार की बेटी। सासरिया दुख पावे है।
म्हारे बिरारो ब्याव--- ।।2।।
मैं पापन कई पाप कमाया। बीराजी बीसरायो है
जनम जुगारी दुखी सुगना। पुंगलगढ़ परणाई है
ऐसा जीना सु मरन चोखो। पीयर ने तरसाई है।
म्हारे बिरारो ब्यावबी---।।3।।
सेवक थारो रतनो आयो। कुंकू पत्री लायो है।
सुसरा म्हारा क्रोध खायनेय। केदडली म्हे नाक्यों है।
अर्ज करूं महाराज राज ने। भक्त हरजस गायों है।
म्हारे बिरारो ब्याव--- ।।4।।
तर्ज थाली भरकर लाई खीचड़ो
पुंगल गढरा महला ऊपर। सुगना निर बहावे है।
म्हारे बिरारो ब्याव मंडयो हैं। म्हणे लेवन कुन आवे है।
पुंगल गढरा महला ऊपर ।। टेर ।।
बड़ा घराने देखर म्हाने। पुंगल गढ़ परणाई है।
ब्यावलो होकर सासरे आई। पियर नहीं दिखाई है।
म्हाने दिखा दे रे मुंडो रे मातरो। पल पल याद सतावे हैं।
म्हारे बिरारो ब्याव--- ।।1।।
बड़ा बीरा म्हारा बीरमदेव। जी छोटा परचाधारि है।
माता मेनादे पिता अजमल जी। बेनड लाछाबाई है।
इत्ता बड़ा परिवार की बेटी। सासरिया दुख पावे है।
म्हारे बिरारो ब्याव--- ।।2।।
मैं पापन कई पाप कमाया। बीराजी बीसरायो है
जनम जुगारी दुखी सुगना। पुंगलगढ़ परणाई है
ऐसा जीना सु मरन चोखो। पीयर ने तरसाई है।
म्हारे बिरारो ब्यावबी---।।3।।
सेवक थारो रतनो आयो। कुंकू पत्री लायो है।
सुसरा म्हारा क्रोध खायनेय। केदडली म्हे नाक्यों है।
अर्ज करूं महाराज राज ने। भक्त हरजस गायों है।
म्हारे बिरारो ब्याव--- ।।4।।
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