कर्पूरगौरं करुणावतारम् !
संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् !!
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे !
भवं भवानि सहितं नमामि !!
इस मंत्र से शिवजी की स्तुति की जाती है। इसका अर्थ इस प्रकार है-
कर्पूरगौरं- कर्पूर के समान गौर वर्ण वाले।
करुणावतारं- करुणा के जो साक्षात् अवतार हैं।
संसारसारं- समस्त सृष्टि के जो सार हैं।
भुजगेंद्रहारम्- इस शब्द का अर्थ है जो सांप को हार के रूप में धारण करते हैं।
सदा वसतं हृदयाविन्दे भवंभावनी सहितं नमामि- इसका अर्थ है कि जो शिव, पार्वती के साथ सदैव
मेरे हृदय में निवास करते हैं, उनको मेरा नमन है।
मंत्र का पूरा अर्थ- जो कर्पूर जैसे गौर वर्ण वाले हैं, करुणा के अवतार हैं, संसार के सार हैं और भुजंगों का हार धारण करते हैं, वे भगवान शिव माता भवानी सहित मेरे ह्रदय में सदैव निवास करें और उन्हें मेरा नमन है।
Stay Happy! Stay Healthy! Stay Wealthy! Be liberated! |
Please like my FB page and invite your FB friends to like this |
https://www.facebook.com/Rohini-Gilada-Mundhada-172794853166485/ |
Please visit and read my articles and if possible share with atleast one needy person accordingly |
http://lokgitbhajanevamkahaniya.blogspot.in/ |
http://taleastory.blogspot.in/ |
http://allinoneguidematerial.blogspot.in |
Watch my videos |
https://www.youtube.com/channel/UC4omGoxEhAT6KEd-8LvbZsA |
No comments:
Post a Comment