।। स्तुति शारदा की ।।
सिवरूँ माता शारदा कंठा विराजो आयजी ।
दद अक्षर टालो भरो अन धन्न का भण्डारजी ।
गुरु नंद का ध्यान विनती करु बारंबारजी।
कहे माधोसिंह पढीयार आ बेड़ा लगादो पारजी ।
दद अक्षर टालो भरो अन धन्न का भण्डारजी ।
गुरु नंद का ध्यान विनती करु बारंबारजी।
कहे माधोसिंह पढीयार आ बेड़ा लगादो पारजी ।
।। गजानंदजी की स्तुति ।।
महाराज गजानन आयोजी म्हाकी सभा में रंग बरसावोजी ।
म्हाकौ समा में रंग बरसावोजी लारे रिद्ध सिध्द संग मैं ल्यावो।। टेर
गढ रणत भंवर का राजा थाके बाजे नौबत बाजा ।
म्हाकौ समा में रंग बरसावोजी लारे रिद्ध सिध्द संग मैं ल्यावो।। टेर
गढ रणत भंवर का राजा थाके बाजे नौबत बाजा ।
थे मूसा पर चढ़ आवोजी भक्तां घर चंवर ढुलवो। महाराज
माता गिरजा के हो लाला थाके चढे मिठाई माला ।
माता गिरजा के हो लाला थाके चढे मिठाई माला ।
ये रुच रुच भोग लगावोजी म्हाने परसाद खुवावो । महाराज
बाबा थे तो दुंद दूँदाला थाने कहवे सूंड सूंडाला।
म्हारे रमता खेलता आबोजी सव देवां में बड़ा कहावो । महाराज
थे अन धन देवण वाला संकट का काटण वाला ।
बाबा थे तो दुंद दूँदाला थाने कहवे सूंड सूंडाला।
म्हारे रमता खेलता आबोजी सव देवां में बड़ा कहावो । महाराज
थे अन धन देवण वाला संकट का काटण वाला ।
दुख दलीदर दूर हटावोजी म्हाने धनवान वणावो । महाराज
कहे माधोसिंह सुण देवा म्हें करां आप की सेवा ।
म्हारा मनकी आस पुरावोजी गुरूनंदजी का मान बढ़ावो । महाराज
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