YouTube

Saturday 9 April 2022

पशुवध

 महर्षि कपिल ने एक जगह ऐसा कहा है कि मनुष्यों के कुल वजन से 20 गुना से अधिक वजन पशुओं जलचर नभचर सांप आदि का होना चाहिए तभी मनुष्य पृथ्वी पर रह सकता है। यह अनुपात गड़बड़ाते ही प्रकृति आपदा द्वारा मनुष्य का विनाश रच देती है। इसलिए पशु हिंसा पृथ्वी को बहुत ही गहरा आघात पहुंचाती है।

पृथ्वी को इसीलिए गौ कहा गया है, क्योंकि गौ पर अत्याचार सीधा पृथ्वी पर अत्याचार है। गाय की हत्या कितनी घातक होती है यह बताने की जरूरत नहीं है। हत्या किए जा रहे पशु की आह से सारी समष्टि चेतना चीत्कार करती है, शास्त्रों में साफ साफ आया है कि यह आह ही भूकम्प तूफान महामारी बनकर अपना बदला लेती है। सारे देवी देवताओं के वाहन भी पशु हैं और पशुओं के प्रति अपनत्व सिखाते हैं। पशुवध के वीभत्स पाप का घड़ा भरता है तो बिना आहट किए काल बनकर निगल जाता है। इससे स्पष्ट प्रमाण पृथ्वी नहीं दे सकती, प्रकृति एफिडेविट बनाकर कोर्ट में जमा नहीं करेगी कि इन पशुओं की क्रूरहत्या की एवज में मैं महामारी, तूफान, भूकम्प बनकर आई हूँ।

No comments:

Post a Comment

Strategic Alliances

  Strategic Alliances -  For any achievement gone need the right person on your team.  Sugriv was very keen on this. Very first Sugriva was ...