सत्संग का कार्यक्रम समाप्त हो चुका था, कैंटीन पर एक नवविवाहित बिटिया आई और फ्रूटी पर ऊंगली रख देने का इशारा किया, फिर एक बिस्किट पर इशारे से कीमत पूछी !
दुकानदार
ने इशारे से ही कीमत बता दी।उसने दूर खडे अपने पति को ताली बजा कर बुलाना चाहा पर
असफल रही !
मैं
उसके समीप ही खडा था उसने मुस्कुरा के मेरी और देखा, उसकी
प्यारी सी मुस्कान और असफल प्रयास से थोडा मन भर आया !
फिर
मैंने किसी को आवाज देकर उसके पति को इधर बुलवाया, पता चला
कि वह दोनो ही बोल और सुन नहीं सकते थे !
दोनो
की मीठी सी नौक झौक चल पडी, लड़की फ्रूटी पीना चाहती थी लेकिन
रात के मौसम अनुसार लड़का मना कर रहा था !
दोनो
बड़े ही प्यारे से लग रहे थे, उस समय मुझे यह सबसे सुंदर सा
झगड़ा लगा !
थोड़ी
ही देर में मैं भी उनकी इशारो की भाषा समझने लगा !
फिर
लडकी ने मुझसे पूछा (पेपर पैड पर लिख कर) - आज का सत्संग सुना था सन्त कितना अच्छा
समझा रहे थे !
मैंने
लिखा - नहीं हमे सिर्फ 20/30 मिनट ही मिलते
हैं सुनने को,
अभी
यह लिख ही रहा था कि दिमाग एकदम ठनका!
मैंने
पूछा - ( लिखकर ) आप दोनों तो बोल और सुन
नहीं सकते ! फिर सत्संग मे सन्त जी की कही बाते कैसे समझ जाते हो?
तो
फिर उन दोनों ने एक दूसरे की तरफ मुस्कुराते हुए देखा फिर पेपर पर लिखा अधरो के
संचालन से सब समझ मे आ जाता है!
ओ
मेरे सतगुरू ! मेरे पूरे बदन के रौंगटे खड़े हो गये, विचार
आया मुझ जैसै कृतघ्न को, जिसके सारे अंग सही सलामत बख्शा
हैं प्रभु ने !
उसे
सत्संग में नींद आ जाती है और यह दोनो सत्संग बिना ध्यान भटकाए बिना पलक झपके
सिर्फ आपके होंठो को ही देखते रहते हैं !
मन
को जैसे कोई जोर से चाबुक मार रहा हो। सिर्फ उन दो प्यारी सी रूहों को ही देखता ही
रह गया !
जो
बिना एक लफज बोले ही इतनी बडी सीख दे गए !
आपस
में प्यारी सी नोक झोंक करते हुए मेरी आंखों से धीरे धीरे औझल हो गये !!
बिना
समय व्यर्थ किए हर समय जपते रहो
हरे
कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे
राम हरे राम राम राम हरे हरे
ऐसा
मत सोचो के अभी इन सब के लिए उम्र नही हमारी बहुत समय है बाकी आगे देखेगे
ऐसी
भुल मत करिए अभी से जाग जाओ वर्ना कभी नही जाग पाओगे !!
प्रेम से बोलो--राधे राधे कमेंट में भी बोलो राधे राधे
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