मन्त्र 1 :-
• भोजन व पानी के सेवन प्राकृतिक नियमानुसार
करें
• रिफाइन्ड नमक,रिफाइन्ड
तेल,रिफाइन्ड
शक्कर (चीनी) व रिफाइन्ड आटा ( मैदा ) का सेवन न करें
• विकारों को पनपने न दें (काम,क्रोध, लोभ,मोह,इर्ष्या,)
• वेगो को न रोकें ( मल,मुत्र,प्यास,जंभाई, हंसी,अश्रु,वीर्य,अपानवायु, भूख,छींक,डकार,वमन,नींद,)
• एल्मुनियम बर्तन का उपयोग न करें ( मिट्टी
के सर्वोत्तम)
• मोटे अनाज व छिलके वाली दालों का
अत्यद्धिक सेवन करें
• भगवान में श्रद्धा व विश्वास रखें
मन्त्र
2
:-
• पथ्य भोजन ही करें ( जंक फूड न खाएं)
• भोजन को पचने दें ( भोजन करते समय पानी न
पीयें एक या दो घुट भोजन के बाद जरूर पिये व डेढ़ घण्टे बाद पानी जरूर पिये)
• सुबह उठेते ही 2 से 3 गिलास गुनगुने
पानी का सेवन कर शौच क्रिया को जाये
• ठंडा पानी बर्फ के पानी का सेवन न करें
• पानी हमेशा बैठ कर घुट घुट कर पिये
• बार बार भोजन न करें आर्थत एक भोजन पूणतः
पचने के बाद ही दूसरा भोजन करें
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Comment Jay Shree Ram
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