वन्दे मातरम साथियों ! आज फिरसे आपके साथ कुछ पक्तियाँ साझा कर रही हु। रामकथा के समाप्ती के समय इसे पढ़ना चाहिए।
जय जय राजा रामकी। जय जय
लक्ष्मण बलवान।
जय कपीस सुग्रीव की। जय अंगद
हनुमान।
जय जय काग भुशुंड की। जय गुरु
उमा महेश।
जय जय मुनि भरद्वाजकी। जय तुलसी
अवधेश।
राम लखन सिय जानकी। सदा करी
कल्याण।
रामायण मम ह्रदय बसो। बीदा होय
हनुमान।
पर्भु संग कहियो दंडवत। तुमही
कहु कर जोर।
बार बार रघुनाथ कहो। सुदी कराओ
मोर।
अगर आपने यह अच्छे से पढ़ लिए है तो एक बार जय श्री राम कमेंट करिये और इसे सभी रामभक्तों के साथ शेयर करिये।
धन्यवाद!
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