मारवाड़ी शादियोमे "बड़ी बिनोरी" का अलग महत्त्व रहता है। पहले बिनायक, बना बनी, वारना और अंत में सभी सखियाँ बना या बनी के दोनों तरफसे खड़े रहकर आपसमे झाला गाती है। एक बार एक तरफ़की सखियाँ गाएंगी और बादमे दूसरे तरफ़की। यह केवल मनोरंजन के लिए ही नहीं बल्कि नवदंपति के लिए विवाहके बाद मिलने वाले सुखोकाभी वर्णन तथा वधूके श्रृंगार की पूरी मालूमात रहती है। इस में खास कर दो पक्षो के बीच एकतरह का हसी मजाक वाला मुकाबला होता है।
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छ छल्ला छ मुंदड़ा जीवो राजभवरजी छल्ला भरी परात।
एक छल्ला र कारण जीवो राजभवरजी छोड्या मायर बापक।
गोरीरा पिव पातळीया जीवो राजभवरजी झाला ले घर आय।
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चांदा थार चांदन , जीवो राजभवरजी पाणी गईरे तलाव ,
काटो भाग्यो केरको, जीवो राजभवरजी उभी झोला झाला खाय क। गोरीरा ---
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कुन म्हारो काटो काढसी, जीवो राजभवरजी कुन पकड़ी पाँव ,
कुन म्हारो शिरो रांदसी, जीवो राजभवरजी कुन म्हारो सेके पाँव क। गोरीरा ---
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नाइ काटो काढसी, जीवो राजभवरजी रजिन्द् पकडे पाँव ,
सासुजी शिरो रांदसी, जीवो राजभवरजी बैजी सेके पाँव क। गोरीरा ---
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दोरो काटो काढियो, जीवो राजभवरजी सोरो पकड्यो पाँव ,
काचो शिरो रांदियो, जीवो राजभवरजी बाईजी बाळयो पाँव क। गोरीरा ---
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नाइकाने नोटका , जीवो राजभवरजी रजिन्द् ने सर पाग ,
सासुजीने सदी सावटी जीवो राजभवरजी बाइजीने बाला चुन्दडी क। गोरीरा ---
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चांदा थोर चांदनी, जीवो राजभवरजी सूती पिलंग बिछाय ,
जब जागु जब एकली , जीवो राजभवरजी जीव पियरी माय क। गोरीरा ---
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फूल गुलाबी ओढणो, जीवो राजभवरजी ऊपर पठानी गोठ ,
परनवाली अप्सरा, जीवो राजभवरजी निरखण वाला छेल क। गोरीरा ---
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फूल गुलाबी ओढणो , जीवो राजभवरजी लप्या चेदि चार ,
महला माय झलकी पड्यो , जीवो राजभवरजी जागो राजकुमार क। गोरीरा ---
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फूल गुलाबी ओढणो, जीवो राजभवरजी पल्लो बांध्या मोट,
ईसा चतुरल पान पड़ी जावो, जीवो राजभवरजी नितका देव नोट क। गोरीरा ---
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फूल गुलाबी ओढणो, जीवो राजभवरजी छाट पड्या रंग जाय ,
रजिन्द् को कई रूसणो, जीवो राजभवरजी सांज पडया मन जाय क। गोरीरा ---
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फूल गुलाबी ओढ़णो, जीवो राजभवरजी चिमका दाटोदाट ,
हौशी मनरा सायबा , जीवो राजभवरजी रूपया खर्चा साठ क। गोरीरा ---
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फूल गुलाबी ओढणो , जीवो राजभवरजी ओढू बार तिवार ,
रजिन्द् केवे ओढल्यो , जीवो राजभवरजी सासुजी बोल्या जाय , क। गोरीरा ---
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सूरज पूजन म्हे गयी, जीवो राजभवरजी ले गुगळ ले धुप ,
घडी एक मोड़ो उगजो, जीवो राजभवरजी रजिन्द् निरखे रूप क। गोरीरा ---
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रजिन्द् फुलाव रो , जीवो राजभवरजी धुप पड्या कुमलाय
म्हे धन होती बादळी , जीवो राजभवरजीलेती सूरज छीपाय क। गोरीरा ---
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महादेवजीर जावता, जीवो राजभवरजी पार्वतीन जोड्या हात ,
म्हे परमेश्वर पुजीया, जीवो राजभवरजी दिनों अमर सवाग क। गोरीरा---
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फुला भरियो छाबडो जीवो राजभवरजी सूरज पूजन जाय ,
सामा मिलिया सायबा जीवो राजभवरजी कळि कळि खुल जाय क। गोरीरा---
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घेवर भरियो बाटको जीवो राजभवरजी पड्यो पलंग र हेट ,
लेती तो लाजा मरू जीवो राजभवरजी देख देवर जेठ क। गोरीरा---
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घेवर भरियो बाटको, जीवो राजभवरजी बर्फी रव्वादार ,
उठो रजिन्द् जिमलो, जीवो राजभवरजी गोरिरि मनवार क। गोरीरा
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चाँद सूरज म्हारा सुसरा , जीवो राजभवरजी तारा देवर जेठ ,
ननंदल आबा बिजली जीवो राजभवरजी चमके चारो देश क। गोरीरा---
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दाडम फुले डागळ, जीवो राजभवरजी रस दाडम रे माय
गोरी फुले महलमे जीवो राजभवरजी जीव पियरे माय क। गोरीरा---
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गौरी गणपत पूजस्या, बालाजीर लागूँ पाय
कुल देवी सु बिनती, जोडी इबछल राख
गोरीरा पीव पातलिया ओ राजभवरजी
झाला दे घर आय
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गोरी ह एक रुप की, सोहे केतकी रंग
पनघट उपर जावती, सात सहेल्यारो संग
गोरीरा पीव पातलिया ओ राजभवरजी
झाला दे घर आय
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पियाजीनं पाती भेजती,लिख हिडदारी बात
किस बीध लिखूँ थान ओळबा, बैरेन चांदनी रात
गोरीरा पीव पातलिया ओ राजभवरजी
झाला दे घर आय
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शहरांम बाजा बाजियां, गली गली शहनाई
बिंदराजा परणन आविया गौरी मन मुस्काई
गोरीरा पीव पातलिया ओ राजभवरजी
झाला दे घर आय
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पावामं पायल बाज़णी, चूंदड लप्पादार
धीमी धीमी चालती, कर सोला सिनगार
गोरीरा पीव पातलिया ओ राजभवरजी
झाला दे घर आय
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मटलाम ढोल्यों, ढालती, बाती दई संजोय
बाईंजीरा बीरा आवसी, बाती देई संजोय
गोरीरा पीव पातलिया ओ राजभवरजी
झाला दे घर आय
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छोटा सा इक तालमं, कमल खिल्या चौफेर
जलमाहि रुप निरखता, उभी काळजियारी कोर
गोरीरा पीव पातलिया ओ राजभवरजी
झाला दे घर आय
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लाल रंग रो मुठियो कंकर जड्या हजार
गोरी पेहर मुळकती राजिंदरी मनुहार
गोरीरा पीव पातलिया ओ राजभवरजी
झाला दे घर आय
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महलाम बिडला बनावती करती पियाजिन याद
आय अनचिता उभग्या, जीव हिलोरा खाय
गोरीरा पीव पातलिया ओ राजभवरजी
झाला दे घर आय
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बाबुल केरे आंगण, खेलं सहेल्यारे साथ
सासरिया अब जावसी, साजनियरो साथ
गोरीरा पीव पातलिया ओ राजभवरजी
झाला दे घर आय
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