जय श्री राम सखियों और सखाओं। सुविचार संग्रह में आपका स्वागत है।
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कोई भी कार्य बस करने के लिए ना करे, उसके पीछे का उद्देश्य समझे की हम वह काम कर क्यों रहे है|
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जब आप कोई काम जानकार और समझकर करते है तो आप सिर्फ सद्कर्म ही करेंगे|
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जरुरत पाप नहीं, जरुरत से ज्यादा पाप है|
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जब शरीर पर हम हमारा अधिकार रखेंगे तो सारे काम हम जरुरत के मुताबिक करेंगे और जब मन का हमारे ऊपर अधिकार होता है, तब वासनाए हावी होती हैं|
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जो आनंद में रहता है वो भविष्य के फल की आसक्ति नहीं करता|
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ध्यान का अर्थ है वर्तमान पर टिकना|
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आप सिर्फ क्रिया करिए और अपने आप ही वो मिलेगा, जो सही होगा|
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जो प्रकृति के नियम को जान गया समझो वो धरम को जान गया|
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परमात्मा नियम भी है और प्रकृति भी|
- गुरुनानक
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हमेशा बड़े दायित्व अपने सर पर रखने की भावना इंसान को कर्मठ बनती हैं|
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जीवन का मजा उठाए, दूसरों के प्रति संवेदन शील बने और अभावग्रस्त लोगो के साथ अपनी खुशियाँ बाटे| इससे आपका नजरिया भी विकसीत होगा|
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अन्ततक पढ़ने के लिए धन्यवाद। कृपया ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
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