जय श्री राम सखियों और सखाओ। आज आपके लिए गुरु की महिमा का बखान करते कुछ वाक्य ऐसे ही ले आयी हु। अंततक जरूर पढ़ना।
Image : piousmantra
🔹गुरू एक तेज हे जिनके आते ही सारे सन्शय के अंधकार खतम हो जाते हे।
🔹गुरू वो मृदंग हे जिसके बजते ही अनाहद नाद सुनने शुरू हो जाते हे।
🔹गुरू वो ज्ञान हे जिसके मिलते ही पांचो शरीर एक हो जाते हे।
🔹गुरू वो दीक्षा हे जो सही मायने मे मिलती हे तो पार हो जाते हे।
🔹गुरू वो नदी हे जो निरंतर हमारे प्राण से बहती हे।
🔹गुरू वो सत चित आनंद हे जो हमे हमारी पहचान देता हे।
🔹गुरू वो बासुरी हे जिसके बजते ही अंग अंग थीरक ने लगता हे।
🔹गुरू वो अमृत हे जिसे पीके कोई कभी प्यासा नही।
🔹गुरू वो मृदन्ग हे जिसे बजाते ही सोहम नाद की झलक मिलती हे।
🔹गुरू वो कृपा हि हे जो सिर्फ कुछ सद शिष्यो को विशेष रूप मे मिलती हे और कुछ पाकर भी समझ नही पाते।
🔹गुरू वो खजाना हे जो अनमोल हे।
🔹गुरू वो समाधि हे जो चिरकाल तक रहती हे।
🔹गुरू वो प्रसाद हे जिसके भाग्य मे हो उसे कभी कुछ मांगने की ज़रूरत नही।
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गुरु महिमा को यहां तक पढ़ने के लिए धन्यवाद अगर आपको भी गुरु कृपा मिली हो तो कृपया एक बार कमेंट में गुरु के नाम का जयकारा अवश्य करें। आपका जयकारा मुझे प्रेरणा देगा और ऐसे ही सुविचार आपके लिए लाने का।
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