जय गणेश सखियों! मारवाड़ी समाज में विवाह हो और गीत संगीत न हो ऐसा हो सकता है क्या? आज आपके लिए गणेशजी का गीत लेकर प्रस्तुत हु। यह गीत राजस्थानी बोली भाषा में है और जब आप समूह में इसे गाएंगी तो बहुत अच्छा लगेगा विवाह के शुभ अवसर पर आपके गणेश वंदन से सब कुछ मंगल होगा। आखिर गणेशजी मंगलमूर्ती है और विघ्नहर्ता भी है।
मनावूँ शंकर सुत गणराज, करो प्रभू शिघ्र हमारे काज //टेक//
प्रभूजी तुम गौरी के लाला /
सोहे गल मोतीयन माला/
तुम हो मुझ पर असवार/
करो प्रभू शिघ्र हमारे काज//१//
प्रभूजी छत्र मुकूट शीर सोहे /
कानोमें कुंडल अती मोहे/
तेरी शोभा अधिक विशाल /
करो प्रभू शिघ्र हमारे काज//२//
प्रभूजी थोर शिघ्र यह नारी/
दर्शन पावे दुनियाँ सारी/
तुम हो शंकर पुत्र दयाल/
करो प्रभू शिघ्र हमारे काज//३//
प्रभूजी मिश्री भोग लगावूँ/
अमृत जैसा नीर पिलावूँ/
तेरी लिला अपरंपार/
करो प्रभू शिघ्र हमारे काज//४//
प्रभूजी जो नर तुमको ध्यावें/
सो नर पाच पदारथ पावें/
पावें अन धन लक्ष्मी भंडार/
करो प्रभू शिघ्र हमारे काज//५//
अगर आपको यह गीत पसंद आया हो तो एकबार कमेंट में गणेशजी की जय-जयकार करें और इस ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। धन्यवाद!
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